रक्षा विश्वविद्यालय के निर्माण में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी सरकार – दीपेन्द्र हुड्डा
- · 2016 में संसद में मेरे प्रश्न पर सरकार का जवाब था-चारदीवारी बनाई, अब 2022 में भी सरकार का जवाब-चारदीवारी बनाई – दीपेन्द्र हुड्डा
- · डर है कि रेल कोच फैक्ट्री, इंटरनेशनल एअरपोर्ट और 11 राष्ट्रीय संस्थानों की तरह रक्षा विश्वविद्यालय भी कहीं और न चला जाए – दीपेन्द्र हुड्डा
- · चारदीवारी के चारों ओर चक्कर काटता विकास – दीपेन्द्र हुड्डा
कोरल, चंडीगढ़, डेमोक्रेटिक फ्रंट – 5 अप्रैल :
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार रक्षा विश्वविद्यालय के निर्माण में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। उन्होंने इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि 2016 में संसद में पूछे गए उनके सवाल पर सरकार का जवाब था कि चारदीवारी बनाई, अब 2022 में भी सरकार ने वही जवाब दिया कि चारदीवारी बनाई। संसद में भाजपा सरकार 2016 में जो जवाब दे रही थी, वही जवाब 2022 में भी दे रही है। जवाब भी ज्यों का त्यों और INDU गुरुग्राम का काम भी ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है। केवल तारीख बदली है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीते आठ वर्षों में भाजपा सरकार यहाँ एक ईंट तक नहीं लगवा पाई। इतना ही नहीं आईएनडीयू बिल का मसौदा दिसंबर 2017 से कैबिनेट सचिवालय की मंजूरी की राह देख रहा है। उन्होंने तंज कसा कि विकास चारदीवारी के चारों ओर चक्कर काट रहा है। दीपेन्द्र हुड्डा ने यह भी कहा कि उन्हें डर है कि रेल कोच फैक्ट्री, इंटरनेशनल एअरपोर्ट और 11 राष्ट्रीय संस्थानों की तरह रक्षा विश्वविद्यालय भी कहीं और न चला जाए।
उन्होंने गुरुग्राम के गांव बिनोला में प्रस्तावित रक्षा विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि 1999 में कारगिल रिव्यू कमेटी द्वारा भारत की सुरक्षा प्रबंधन व्यवस्था की कमियों को सामने लाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आईएनडीयू) का प्रस्ताव रखा गया था। मई 2010 में काफी प्रयासों के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से इसे गुड़गांव में स्थापित करने को मंजूरी दिलायी गयी। सितंबर 2012 में इसकी जमीन अधिग्रहण का काम पूरा किया गया। 205 एकड़ जमीन पर बनने वाले इस रक्षा विश्वविद्यालय की आधारशिला वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने रखी थी। हम जितना काम कराकर गए बस वही काम हुआ। इसके बाद केंद्र और प्रदेश में भाजपा सरकार बन गयी और उसने रक्षा विश्वविद्यालय का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इस रक्षा विश्वविद्यालय के तहत डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ डिस्टेंस एंड ओपन लर्निंग, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस टेक्नॉलाजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, आईआईटी, नेशनल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज की स्थापना की जानी थी। इस रक्षा विश्वविद्यालय के शुरु होने से सेना की सामरिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती साथ ही इलाके का विकास होता और हरियाणा के युवाओं को उच्च शिक्षा व रोजगार के अवसर भी मिलते। दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी बताया कि उन्होंने समय-समय पर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और निर्मला सीतारमण से खुद मुलाकात करके इस विश्वविद्यालय का काम जल्द शुरु करने की मांग उठाई थी।
ज्ञात हो कि सांसद दीपेन्द्र हुड्डा द्वारा भारतीय राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के निर्माण के काम की प्रगति और इसके पूरा होने की जानकारी के संबंध में सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में 4 अप्रैल को रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि “भारतीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु भूमि का अधिग्रहण पूरा कर लिया गया है। अब तक भूमि की अधिप्राप्ति, चारदिवारी परिधि मार्ग, गार्ड रूम तथा वाच टावरों के निर्माण हेतु लगभग 176 करोड़ रुपये का खर्च किया जा चुका है।” यही जवाब 25 नवम्बर, 2016 को रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे ने लोकसभा में भी दिया था।