मुन्नवर राणा के बेटे ने चलवाई खुद पर गोली, अब फरार

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा पर हुई फायरिंग मामले में पुलिस ने शुक्रवार को (जुलाई 2, 2021) बड़ा खुलासा किया। पुलिस की छानबीन में पता चला कि तबरेज ने अपने चाचा और उनके बेटों को फँसाने के लिए खुद के ऊपर अपने दोस्तों से हमला करवाया और बाद में झूठा आरोप लगाते हुए एफआईआर करवा दी। अब इस मामले में पुलिस मुन्नवर राणा की भूमिका की भी जाँच कर रही है।

  • शायर मुनव्वर राना के बेटे तबरेज राना पर रायबरेली में हुई थी फायरिंग
  • पुलिस की जांच में पता चला कि तबरेज ने ही रची थी हमले की साजिश
  • रायबरेली पुलिस ने 4 को किया गिरफ्तार, बाइक और असलहा बरामद
  • सगे भाई की संपत्ति हड़पने और चुनाव लड़ने के लिए साजिश का शक

उत्तरप्रदेश((ब्यूरो):

मशहूर शायर मुनव्वर राना के बेटे पर हमले के मामले में नया मोड़ आ गया है। रायबरेली जिले के त्रिपुला चौराहे के पास मुनव्वर के बेटे तबरेज राना की कार पर बाइक सवार दो नकाबपोशों ने फायरिंग की थी। घटना 28 जून की थी। इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। रायबरेली के एसपी श्लोक कुमार ने मीडिया को बताया कि अपने चाचा से चल रहे संपत्ति विवाद में फंसाने के लिए मुनव्वर राना के बेटे ने खुद पर गोली चलवाने की प्लानिंग की थी। फिलहाल मुनव्वर का बेटा तबरेज फरार है और उसकी तलाश में पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं।

आरोपियों के पास से वारदात में इस्तेमाल बाइक, असलहे और मोबाइल जब्त किए गए हैं। पुलिस ने हलीम, सुल्तान, सत्येंद्र और शुभम नाम के चार युवकों को गिरफ्तार किया है। सत्येंद्र और शुभम ने 28 जून की शाम को त्रिपुला चौराहे के पास पेट्रोल पंप से बाहर निकल रही एक कार पर फायरिंग की थी। इसके बाद बाइक सवार दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए। यह कार शायर मुनव्वर राना के पुत्र तबरेज राना की थी। फायरिंग के वक्त तबरेज कार में मौजूद थे। गोली चलने की सूचना उन्होंने तत्काल पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की। तबरेज ने अपने चाचा और चचेरे भाइयों पर हमले का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी। इस बीच लखनऊ में डीजीपी मुकुल गोयल से मुलाकात के लिए मुनव्वर राना की दो बेटियों सिग्नेचर बिल्डिंग पहुंचीं। रायबरेली पुलिस की शिकायत लेकर दोनों वहां पहुंचीं लेकिन डीजीपी से मुलाकात नहीं हो सकी है।

पूरा मामला सम्पत्ति विवाद से जुड़ा है। तबरेज अपने चाचा पर दबाव बनाना चाहता था। लेकिन केस उलटा हो गया। बाद में पुलिस ने तबरेज को पकड़ने के लिए गुरुवार आधी रात लखनऊ और रायबरेली में छापेमारी की। साथ ही उसके दोनों शूटर दोस्तों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में अब तक 4 लोग गिरफ्तार हुए हैं।

इस बीच मुनव्वर राणा की बेटी ने जहाँ पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाया, वहीं खुद शायर मुनव्वर राणा ने सारे सबूतों के बावजूद पुलिस को दोषी दिखाना चाहा। उन्होंने कहा कि केस को बिकरु कांड बनाने की कोशिश चल रही है। इन हालात में वे मर जाते हैं तो इसके लिए पुलिस जिम्मेदार होगी। मुनव्वर ने तंज कसते हुए कहा कि उनकी गलती सिर्फ इतनी है कि उन्होंने तबरेज को पैदा किया।

4 गिरफ्तारी

रायबरेली पुलिस ने इस केस को फर्जी करार दिया है। वहीं एसपी ने बताया कि तबरेज पर हमले की प्लानिंग होर्डिंग लगाने वाले हलीम घोसी और सुल्तान ने बनाई थी। आपराधिक रिकॉर्ड वाले -सत्येंद्र त्रिपाठी और शुभम सरकार ने तबरेज की कार पर गोली चलाई थी। इन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। चारों ने अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है उन्होंने बताया कि मुनव्वर राना का बेटा तबरेज फरार है उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।

रायबरेली पुलिस ने जारी की वीडियो

मामले पर रायबरेली पुलिस ने सच बताते हुए दो वीडियो जारी किया है। पहली वीडियो में तबरेज शूटर्स के साथ मिलकर होटल ओम क्लार्क के सामने खुद पर हमले की प्लानिंग कर रहा है। इसमें दो शूटर और तबरेज दिख रहे हैं। दूसरे वीडियो में तबरेज अपनी गाड़ी से पेट्रोल पंप के पहुँचता हुआ दिखाई दे रहा है।

वीडियो में देख सकते हैं कि पंप से कुछ दूरी पर ही उसने गाड़ी रोक दी। थोड़ी देर बाद बाइक से दो लोग आते हैं। कार के पीछे से घूमकर सामने आते हैं। उस वक्त तबरेज गाड़ी रोककर खड़ा रहता है। फिल्मी अंदाज में दोनों कार पर गोली चलाते हैं और फिर कार के सामने से निकल जाते हैं।

मुनव्वर राणा ने पुलिस को बताया दोषी

पुलिस की छापेमारी के बाद शायर ने भी अपना एक वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, “एक दिन हमारी जंगल में लाश पड़ी मिलेगी, बिकरु कांड की तरह। इसमें इतना हंगामा करने की क्या जरूरत है? अब ये मुनव्वर राना बिकरु कांड हो गया है। पुलिस ने कहा कि हम इनको जेल ले जाएँगे… उनको जेल ले जाएँगे। मैंने वारंट के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझे हटने के लिए बोल दिया।”

मुनव्वर के मुताबिक, ”पुलिस ने हमारे साथ गुंडागर्दी की। इनमें से कोई मुझे मार भी देगा और न भी मारे तो मैं इन हालात में मर जाऊँगा।” मुनव्वर ने पुलिस पर तंज कसते हुए कहा, “पुलिस वाले मुझे हटने के लिए बोल रहे थे…मैं कैसे हट जाऊँ। वो मेरा बेटा है। मेरी सबसे बड़ी गलती है कि मैंने उसे पैदा किया है।”

तबरेज पर फायरिंग का पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि मुनव्वर और उनके भाइयों के बीच 8 करोड़ की कीमत वाली पुश्तैनी जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। 28 जून को तबरेज पर रायबरेली के त्रिपुला चौराहे के पास हमने की घटना से हल्ला मच गया था। बाद में 29 जून को इस संबंध में शिकायत हुई जिसमें दावा किया गया कि हमलावरों ने तबरेज की सफेद गाड़ी पर कई राउंड फायरिंग की। हमले में वे बाल-बाल बच गए, लेकिन उनकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी।

तबरेज राणा ने इस मामले में अपने ही परिवार के पाँच लोगों के खिलाफ थाने में तहरीर दी थी। देर रात पुलिस ने उसके चाचा समेत पाँचों आरोपितों इस्माइल राणा, राफे राणा, जमील राणा, शकील राणा (सभी चाचा) और यासर राणा (चचेरे भाई) के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।

फायरिंग के बाद दर्ज हुए मुकदमे में आरोपित बनाए गए राफे राणा ने बताया था कि राजघाट पर साढ़े आठ बीघा जमीन है। इसमें चार बीघा उनकी और उनके भाई इस्माइल की है। साढ़े चार बीघा में 6 भाइयों का हिस्सा है। पिता की मृत्यु के बाद पूरी साढ़े आठ बीघा जमीन 6 भाइयों के नाम चढ़ गई। इसका वाद न्यायालय में विचाराधीन है। राफे के मुताबिक फरवरी 2021 में तबरेज ने उनके हिस्से की जमीन में से 18 बिस्वा बेच दी। ये बात जब पता चली तो निबंधन कार्यालय में आपत्ति करके दाखिल-खारिज रुकवा दी।

बता दें कि पूरे मामले का सच उजागर होने के बाद कहा जा रहा है कि संपत्ति मामले में परिवार के लोग ज्यादा अड़ंगेबाजी न करें इसलिए तबरेज ने यह साजिश रची। फिलहाल वह फरार है पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

कैप्टन को बिजली ज्ञान देनेवाले सिद्धू का 8,67,540 रुपए का बिजली बिल बकाया

पंजाब में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट तेज हो गया है और दूसरी ओर इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी कलह है। क्योंकि पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू ने पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिद्धू बिजली संकट के मुद्दे पर पंजाब सरकार की आलोचना करते रहे हैं, लेकिन अब जानकारी सामने आई है कि सिद्धू ने खुद पिछले नौ महीनों से अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। सनद रहे कि  आज वह पंजाब के जिस मंत्रालय के बखिए उधेड़ रहे हैं उन्हे कुछ समय पहले इसी मंत्रालय की बागडोर संभालने को कहा गया था। तब इनहोने कोरा जवाब दे दिया था। शायद इन्हे लगा हो की राहुल प्रियंका के साथ चाय पीने वाले सिद्धू को उपमुख्यमंत्रि पद मिलना चाहिए।

डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम स्टाफ:

सुखबीर बादल ने पंजाब में उपमुख्यमंत्री रहते ऐलान किया था की पंजाब में बिजली सरपलस यानि आवश्यकता से अधिक है। पंजाब में 14 थर्मल प्लांट बताए जाते हैं आज इनमें से मात्र 3 चल रहे हैं। अंरिंदर सरकार ने अपने कार्यकाल में न उपक्रमों में काम काज ठप्प कर दिया था, कारण कोयले की आपूर्ति को बताया गया। बादल सरकार के समय सुखबीर बादल ने पाकिस्तान तक को बिजली बेचने की बात कही थी जिसका बहुत विरोध हुआ था।

नवजोत सिंह सिद्धू को राहुल – प्रियंका द्व्य का वरदहस्त प्राप्त है जिसके चलते वह हरदम मनमानी करते रहते हैं, और कैप्टन को नीचा दिखाते रहते हैं। नाकी मनमानियों का आलम यह है की वह खुद ही से पाकिस्तान जा कर वहाँ के जनरल बाजवा को गलबहियाँ डालते हैं और आ कर कैप्टन के वजूद को ही नकार देते हैं।

पंजाब में जारी बिजली संकट चर्चा का विषय बन हुआ है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस संकट से निपटने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने इस मुद्दे पर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए सही दिशा में काम करने की नसीहत दी है. हालांकि बिजली संकट के बीच अब उनसे जुड़ा एक बड़ा सच सामने आया है।

पंजाब में जारी बिजली संकट के मुद्दे को लेकर अपनी ही कांग्रेस सरकार और पूर्व की अकाली दल की सरकार को घेरने वाले नवजोत सिंह सिद्धू खुद ही अपने घर का बिजली का बिल पिछले कई महीनों से नहीं भर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पिछले 9 महीने से नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना बिल नहीं भरा है और उन पर कुल मिलाकर 8,67,540 रुपए बकाया है।

सिद्धू ने क्या कहा था?

पंजाब सरकार को घेरते हुए सिद्धू ने कहा था कि पंजाब 4.54 रुपए प्रति यूनिट की औसत लागत पर बिजली खरीद रहा है। राष्ट्रीय औसत 3.85 रुपए है और चंडीगढ़ में 3.44 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदी जाती है। पंजाब को बिजली खरीदने के लिए 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ता है और 5-8 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली खरीदनी पड़ती है जो बाकी राज्यों से ज्यादा हैं।

उन्होंने आगे कहा, “बादल सरकार ने 3 प्राइवेट थर्मल प्लांट के साथ बिजली खरीद समझौते (PPA) एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट में गलत क्लॉज के कारण साल 2020 तक पंजाब सरकार पहले ही 54 हजार करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है और पंजाब के लोगों के 65 हजार करोड़ रुपए का भुगतान फिक्स्ड चार्ज के रूप में कर सकती है।”