यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर, बैंक कर्मचारी और अधिकारियों की 9 ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन

‘पुरनूर’ कोरल, (DFब्यूरो)चंडीगढ़

(यूएफबीयू) के आह्वान पर, बैंक कर्मचारी और अधिकारियों की 9 ट्रेड यूनियनों की शीर्ष संस्था ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मेन ब्रांच, बैंक स्क्वायर, सेक्टर 17 के सामने आज दोपहर में प्रदर्शन किया गया। 1 फरवरी, 2021 को दिए गए बजट भाषण में वित्त मंत्री द्वारा घोषित 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और 1 सामान्य बीमा कंपनी की बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। UFBU से जुड़े 500 से अधिक सदस्यों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन में भाग लिया। बड़ी संख्या में महिला सदस्यों सहित प्रतिभागियों द्वारा जोरदार नारेबाजी से सरकार के कदम के खिलाफ सदस्यों का गुस्सा दिखाया गया।

यूएफबीयू के विभिन्न घटकों में श्री संजीव बंद्लिश, श्री दीपक शर्मा, श्री जगदीश राय, श्री बी एस गिल और अन्य नेताओं ने अपने विचार साझा किए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने देश की अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दिया, किसानों और छोटे उद्योगों को सार्वजनिक उपक्रमों ने संस्थागत ऋण के रूप में बड़ी मदद की। दुर्भाग्य से सरकार की उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण (एलपीजी) की नीति के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के उपकर्म धीरे – २ समाप्त किये जा रहे है। एक स्वर में सभी का मत था कि सभी को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की रक्षा के लिए इन विधानों का पूर्ण और एकजुट रूप से विरोध करना चाहिए।

बैंक और बीमा कंपनियां लोगों के पैसे का प्रबंधन करती हैं। उन्हें निजीकृत करने का मतलब है लोगों के पैसे को निजी निहित स्वार्थों के हवाले करना। बैंकों में ख़राब ऋण और एनपीए, कॉरपोरेट डिफाल्टरों की वजह से साल दर साल बढ़ रहे हैं। सरकार उन पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय, इन ख़राब ऋणों को बैंकों के बैलेंस शीट से एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी या बैड बैंक में भेजकर बैलेंस शीट से हटाना चाहती है। इससे केवल कॉर्पोरेट डिफॉल्टर्स को फायदा होगा और सभी खराब ऋणों को चुपचाप माफ़ कर दिया जा रहा है। बैंकों के निजीकरण के कारण देश की प्रगति पर विपरीत असर पड़ेगा, जो दुर्भाग्यवश राष्ट्रीय हित के लिए प्रतिगामी होगा।

केजरीवाल ने दिली सुरक्षा में तैनात डीटीसी बसों की सुविधा छीनी, डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने की कड़ी निंदा

प्रदर्शनकारी ‘किसानों’ के लिए एक बजे रात अपने विधायक को भेज कर पानी की व्यवस्था करवाने वाले अरविंद केजरीवाल ने नया फ़रमान जारी किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात की गई डीटीसी (DTC) बसों को तत्काल प्रभाव से डिपो में लौटने का आदेश दिया है।

नयी दिल्ली(DFब्यूरो)0,4 फरवरी:

27 जनवरी को किसानों द्वारा दिल्ली दहलाने के बाद कॉंग्रेस, आआपा, स्पा इत्यादि राजनैतिक दलों की पोल धीरे धीरे खुलने लगी है। एक ओर दिल्ली को आतंक से दहला कर किसान फिर से धरणे पर जा बैठे हैं वहीं यह राजनैतिक दल किसानों के समर्थन में खुल कर सामने आ गए हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोषी आतताइयों के लिए सरकारी पैसों से 70 वकीलों का दल एकत्रित किया है, जो इन दंगाइयों के मुक़द्दमे लड़ेंगे। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने दंगाइयों में जेल में जा कर कंबल स्वेटर बांटे और गुरद्वारे से एलान भी किया की वह इन दंगाइयों(उपद्रवी किसानों) को कानूनी सहायता भी मुहैया करवाएँगे। sambit

इसी कड़ी में अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी केएचएल कर सामने आगाए हैं। केजरीवाल ने तो प्द्रवी आंदोलनकारियों तक पुलिस के न पहुँचने का राजनैतिक षड्यंत्र रचा है। दिल्ली को दंगाइयों से बचाने वाली प्लीस की सहाता तो दूर केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस की आवाजाही के लिए पुलिस द्वारा किराये पर ली हुई 576 बसें तत्काल प्रभाव से वापिस बुला लीं हैं।

बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अराजक बताया है।

अरविंद केजरीवाल  का यह फैसला बीजेपी को नागवार गुजरा है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि दिल्ली सरकार के बस वापस भेजने के फरमान से पता चलता है कि केजरीवाल अराजक हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या पुलिस के जवान दिल्ली के नहीं हैं? ये बस किस काम के लिए होती हैं? पुलिस वालों ने लाठी खाईं, तलवार खाईं, 400  से ज्यादा पुलिस वाले घायल हुए हैं लेकिन केजरीवाल को उनकी फिक्र नहीं। इससे पता चलता है केजरीवाल कितने आराजक हैं।

कांग्रेस की मंशा क्या?

संबित पात्रा ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा है उन्होंने कहा है कि, ‘26 जनवरी को लाल क़िला पर हुई घटना में उपद्रव हुआ था तो, राहुल गांधी समेत तमाम कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि ये भाजपा के कार्यकर्ता हैं. जब ये हुड़दंगी गिरफ्तार हो रहे हैं, तो आप कह रहे हैं कि इनको रिहा कर दीजिए। आपको क्यों इतनी पीड़ा हो रही है, इसका अर्थ है कि ये आप ही के लोग थे।’

Sector-1 College organises Talent Hunt-2021

‘Purnoor’ Korel, Panchkula, February 4,2021:

A two days talent hunt organised by Deptt of Youth and cultural Affairs of Govt PG College of Sector-1 College was concluded today.In the event students participated in cultural and literary items.

Principal Dr. Archana Mishra in her address said that Sector-1 College is always commited to explore and promote hidden talents of its students. She called up students to actively participate in co-curricular activities.

On the first day of the event students showcased their skills in literary items like poetry,speech,quiz and declamation.
The second day of the event was dedicated to cultural items. The students participated in instrumental and vocal music, dance, mono-acting, mimicry etc.


Shubham,Sakeel and Anshuman grabbed Ist , second and third position in instrumental music. Deeksha from BSc.Ist year, stood first in singing where as Pooja from MA IInd year stood first in dancing.Subham from BMC IInd achieved first position in mimicry.


Youth Welfare Department of KUK rewarded with prize money to the winner students.Prof Jitender Arya, Incharge, Youth and Cultural Affairs said that students selected through Talent Hunt would participate in various events in Zonal Youth festival being organised on 16th to 18th February in Labana Girls College, Ambala.As many as 100 students showcased thier talents during the event.

Dr. Poonam, Dr. Taraana, Dr. Seema, Anita Hooda, Viney Chaudhary, Vineeta Prof Jainarayan were the organising committee if the event.

सर्किल रेट वृद्धि पर रोक लगाने की व्यापारियों ने की जिलाधिकारी से मांग।

राहुल भारद्वाज सहारनपुर:


सहारनपुर प्रस्तावित सर्किल रेट की वृद्धि पर रोक लगाने की मांग को लेकर आज विभिन्न व्यापार मण्डलों व अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी अखिलेश सिंह से मिला। वरिष्ठ व्यापारी नेता रवि जुनेजा की अगुवाई में मिले प्रतिनिधिमंडल ने सर्किल रेट पर आपत्ति जताते हुए जिलाधिकारी को अवगत कराया कि आज से 5 माह पूर्व अगस्त माह में भी जनता रोड़ पर सर्किल रेट की बढोत्तरी की गई थी। जिसे 4100 रूपये प्रतिवर्ग मीटर से बढ़ाकर 4600 रूपये प्रतिवर्ग मीटर कर दिया गया था। यह सर्किल रेट पहले ही बहुत अधिक है। उस समय शासन द्वारा की गई बढोत्तरी को हमारे द्वारा स्वीकृत किया गया था, व्यापारी वर्ग पहले ही कोरोना की मार झेल रहा है, और जो अब प्रस्तावित वृद्धि 20 प्रतिशत की जा रही है, वह बहुत अधिक है। 

व्यापारियों ने कहा कि इससे आम जनता व व्यापारी वर्ग पर बहुत असर पड़ेगा और सरकार को राजस्व का लाभ न होकर हानि की संभावना ज्यादा है। व्यापारियों ने कहा कि हमेशा स्टांप में वृद्धि अगस्त माह में होती है, लेकिन वर्ष में दो बार स्टांप में वृद्धि की जा रही है, जो कि गलत है। स्टांप शुल्क में वृद्धि 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिये।

जिलाधिकारी से मिलने वाले लोगो में रोहित घई, जयवीर राणा, एडवोकेट सुमित अरोड़ा, विजय मेहता,संजीव गक्खड, तेजपाल सिंह, सुभाष चंद, पंकज मदनूकी, राजकुमार वर्मा, सुशील कालड़ा, राजकुमार ठकराल, विकास ठकराल, हिमांशु मेहता, सन्नी कुमार आदि

देशविरोधी पोस्ट डालने पर उत्तराखंड पुलिस करेगी kadi कारवाई

आमतौर पर सोशल मीडिया पर देश विरोधी पोस्ट करने पर आईटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस की यह अपने आप में एक अनूठी पहल है। जिसका सीधा संदेश है कि अगर देश के खिलाफ कोई सोशल मीडिया पर कुछ लिखता है तो उसको यह बहुत भारी पड़ेगा।

देहारादून/चंडीगढ़: DF स्टाफ:

उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया पर देशविरोधी और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। डीजीपी अशोक कुमार ने चेतावनी दी है कि अगर सोशल मीडिया पर कोई देशविरोधी या भड़काऊ सामग्री पोस्ट कर हालात बिगाड़ने का प्रयास करते हैं, तो इसका परिणाम उन्हें अपना पासपोर्ट और हथियार लाइसेंस बनवाते वक्त भुगताना होगा। यहीं नहीं, नौकरी के आवेदन के समय भी सोशल मीडिया पोस्ट को अब सुरक्षा के मद्देनजर आधार बनाया जाएगा।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी हैं। उन्होंने बताया, “सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी एवं असामाजिक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों का रिकार्ड रखा जाएगा और भविष्य में उनके द्वारा पासपोर्ट एवं आर्म्स लाइसेंस के अनुरोध करने पर सत्यापन कार्यवाही में इसका उल्लेख भी किया जाएगा।”

उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि पासपोर्ट आवेदन और शस्त्र लाइसेंस में सत्यापन के समय उक्त व्यक्ति के वेरिफिकेशन के लिए उसके सोशल मीडिया को भी खंगाला जाएगा। इसके रिकॉर्ड को रिपोर्ट के तौर पर आगे की जाँच के लिए बढ़ाया जाएगा। सत्यता पाए जाने पर आवेदन निरस्त भी किया जा सकता है। वहीं पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस के अलावा अब नौकरी के आवेदन के समय भी इसी प्रकार की जाँच पड़ताल की जाएगी। ताकि युक्त साइबर अपराधों पर रोक लगाई जा सके।

गौरतलब है कि देहरादून में पुलिस मुख्यालय में आयोजित एक सम्मेलन के दौरान डीजीपी कुमार ने बताया, “अब तक, किसी भी व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर कोई भी राष्ट्र-विरोधी पोस्ट डालने के मामलों में, पुलिस पहले उसकी काउंसलिंग करती थी, उसे भविष्य में इसे न दोहराने के लिए कहती थी। वहीं गंभीर मामला सामने आने के दौरान ही केवल मामला दर्ज किया जाता था।”

डीजीपी ने कहा, “लेकिन अब से, पुलिस आरोपित व्यक्ति के सोशल मीडिया व्यवहार की जाँच करेगी कि क्या उसे ऐसी राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने की आदत है। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि उसकी सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियाँ रहती थी। यदि राष्ट्र विरोधी रहीं तो उसके खिलाफ निगेटिव रिपोर्ट लगाकर आवेदन रद्द कराने की संस्तुति की जा सकती है।

इस मामले को लेकर एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि राज्य में सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी पोस्ट डालने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम ऐसे पोस्ट और लोगों को ट्रैक करने के लिए उनपर कड़ी निगरानी रख रही है क्योंकि यह कानून के लिए एक स्पष्ट खतरा है।”

पुलिस ने यह भी कहा कि, “ड्रग्स माफियाओं एवं साइबर क्राइम के अपराधियों के विरूद्ध गैंगस्टर के अन्तर्गत कार्रवाई एवं उनकी अवैध रूप से सम्पत्ति को जब्त किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री के सलाहकार ने की पुलिस की तारीफ
मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट ने भी उत्तराखंड पुलिस की इस पहल की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘उत्तराखंड पुलिस शस्त्र लाइसेंस जारी करने में एक उदाहरण पेश कर रही है। जो लोग सोशल मीडिया पर ऐंटी नैशनल पोस्ट डालते हैं उन्हें किसी भी तरह का लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा।’