भाजपा की 14 जून को वर्चुअल रैली, ऑनलाइन जुड़ेंगे एक लाख लोग

  • मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली सालगिरह पर होगी रैली
  • हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में होगी पहली वर्चुअल रैली

पंचकुला, 9 जून:

 कोरोना संक्रमण के डर ने लोगों को घरो में कैद रहने के साथ-साथ सभी की जीवन शैली को बदल कर रख दिया है। भाजपा आमजन से सम्पर्क में बने रहने के लिए लगातार अभियान चलाती रही है। कोरोना काल के इस दौर में भारतीय जनता पार्टी ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा एक साल में किए कार्यों को जनता तक पंहुचाने के लिए वर्चुअल रैली करने का निर्णय लिया है।

       जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 14 जून को प्रदेश नेतृत्व द्वारा पंचकूला से वर्चुअल रैली का आयोजन किया जा रहा है। हरियाणा प्रदेश के इतिहास की इस पहली ऑनलाइन रैली को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रदेश प्रभारी डॉ अनिल जैन, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला संबोधित करेंगे। इस वर्चुअल रैली में प्रदेश के 11 जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ लाखों की संख्या में लोग ऑनलाइन जुड़ेंगे।

    उन्होंने बताया इस वर्चुअल रैली के आयोजन के लिए हरियाणा सरकार के पूर्व में रहे टेक्निकल एडवाइजर विशाल सेठ को जिला संयोजक  बनाया गया है। साथ ही कालका विधानसभा के लिए पूर्व विधायक श्रीमती लतिका शर्मा व पंचकूला विधानसभा के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती बनतो कटारिया को जिम्मेवारी दी गई है।

दीपक शर्मा ने बताया आगामी 14 जून को प्रातः 11:00 बजे पंचकूला से इस वर्चुअल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस रैली में एक लाख से अधिक लोग वर्चुअल ऑनलाइन, सोशल मीडिया व टीवी के माध्यम से जुड़ेंगे। इस रैली के आयोजन के बाद विधानसभा स्तर पर वर्चुअल संवाद का आयोजन किया जाएगा।

क्या इनेलो के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे नरेश

      कॉंग्रेस छोड़ भाजपा में आए नरेश शर्मा को कौन नहीं जानता, बादली से दो बार विधायक रहे जाट भूमि में एक प्रखर ब्राह्मण नेता के रूप में जाने जाते हैं जिनहे न केवल गुलिया खाप अपितु दूसरी कई जाट संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चलते बीते चुनावों के बाद कॉंग्रेस से विदा ली और भाजपा में शामिल हुए। यहाँ धनखड़ को अपनी जड़ें बचाने के लाले पड़े हुए थे इसीलिए यहाँ भी उनको निराशा ही हाथ लगी आज भाजपा में शामिल होने के कुछ ही महीनों बाद अभय सिंह चौटाला उन्हे इनेलो में ले आए हैं। नरेश प्रधान आने वाले दिनों में भाजपा के लिए यह एक नयी चुनौती होंगे।

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़ – 9 जून:

बादली से दो बार विधायक रहे नरेश शर्मा जिन्हें लोग नरेश प्रधान के नाम से जानते हैं का अचानक कांग्रेस छोड़  इनेलो में शामिल होना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है नरेश प्रधान कई कारणों से इनेलो के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सबसे पहले तो वह ऐसे वक्त में इनेलो में आए हैं जब पार्टी को राजनीति करने के लिए चेहरों की जरूरत है। दूसरा यह की नरेश गैर जाट वोटर्स में व्यक्तिगत प्रभाव रखते हैं।

इस हलके में, बादली हल्के में गुलिया खाप जाट मतदाताओं का आशीर्वाद हमेशा से नरेश प्रधान के साथ रहा है।  वह चाहे सरपंच रहे उनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य  रही और चाहे वे निर्दलीय विधायक बने हर बार गुलिया खाप खाप के मतदाताओं ने उन की पीठ थपथपाने का काम किया है।

प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं इंडियन नेशनल लोकदल के पूर्व  प्रदेश अध्यक्ष 5 बार लगातार विधायक रहे चौधरी  धीरपाल का ताल्लुक गुलिया खाप से था और नरेश प्रधान ने 2000 में चौधरी धीरपाल को हराया तो आप समझ सकते हैं की  बुलिया खाप ने ब्राह्मण होते हुए नरेश प्रधान की मदद की उसका समर्थन किया तभी वह धीरपाल को हराने में कामयाब हुए।

  नरेश प्रधान इस बात का एहसास था कि कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा उन्हें कभी प्रमोट नहीं करेंगे भारतीय जनता पार्टी में ओमप्रकाश धनखड़ जैसे दिग्गज नेता बादली को अपना कार्यक्षेत्र अपनी कर्म भूमि मानकर चल रहे हैं जेजेपी में बादली में संजय कबलाना उम्मीदवार हैं, ऐसे में नरेश प्रधान का इनेलो में जाना एकमात्र सही विकल्प था।

अभय सिंह ने नरेश प्रधान को इनेलो का फटका  दे कर उन्हें यह कहते हुए पार्टी का प्रवक्ता बनाने की घोषणा कर दी कि पंडित जी प्रभावी तरीके से अपनी बात  कहना जानते हैं। अभय सिंह के  यह उद्गार उनकी योग्यता को परिलक्षित करते हैं lहल्के में जहां इनेलो का पुराना वोट बैंक है वही नरेश प्रधान का अपना व्यक्तिगत वोट बैंक भी है नरेश प्रधान लोगो के बीच में रहना जानते हैं और  रफ टफ नेता के रूप में विख्यात है।

बापू धाम में तैनात पुलिस कर्मियो को चंडीगढ प्रदेश महिला कांग्रेस ने फूलो की वर्षा करके किया सम्मानित

  • दीपा असधीर दूबे ने कहा कि चंडीगढ पुलिस ने कोरोना धाम को फिर से बनाया बापू धाम
  • चंडीगढ प्रदेश महिला कांग्रेस दीपा असधीर दूबे ने चंडीगढ की एस.एस.पी नीलामंबरी जगदले, यूटी एडवाईजर मनोज परीडा एवं समस्त  चंडीगढ पुलिस का किया धन्याद
  • गरिमा मुहीम के तहत महिलाओ को  सैनिटरी नैप्किन वितरित किए* दीपा दुबे

राकेश शाह, चंडीगढ9 जून:

बापू धाम में तैनात पुलिस कर्मी ने दिन रात वहा के निवासियो के साथ कोरोना महामारी  से जंग लडते हुए अंतः बापू धाम कॉलोनी को कोरोना मुक्त कर दिया| इसी का आभार प्रकट करते हुए   चंडीगढ प्रदेश महिला कांग्रेस ने अपनी अध्यक्षा दीपा असधीर दूबे के साथ, कई दिनो से तैनात वहा के पुलिस कर्मियो को फूलो की वर्षा करके उन्हे  सम्मानित किया| दीपा असधीर दूबे जी ने कहा कि लौकडाउन मे जिस तरह से सुचारू रूप से इन्होने काम किया ,उसकी प्रशंसा जितनी की जाए उतना ही कम है|

यही नही  कई दिनो से  इलाके मे बंद  महिलाओ को चंडीगढ प्रदेश महिला कांग्रेस ने *गरिमा* मुहीम को आगे बढाते हुए वहा की श्रमिक  महिलाओ को  सैनिटरी नैप्किन भी वितरित किए|

‘गरिमा’ महाभियान के तहत चंडीगढ प्रदेश महिला कांग्रेस  अब तक चंडीगढ में पांच हजार सैनिटरी नैप्किनस बाट चुकी है और दीपा असधीर दूबे जी ने कहा कि चंडीगढ प्रदेश महिला कांग्रेस आगे भी ज़रूरतमंद महिलाओ को सिर्फ सैनिटरी नैप्किन ही नही बल्कि हर तरह की मदद देती रहेगी|उन्होने यह भी कहा कि हर एक को ज़रूरतमंद स्त्री की माहवारी स्वच्छता के प्रति ध्यान बढ़ाना चाहिए क्युकि  सुविधा, सुरक्षा और स्वस्थ जीवन महिलाओं का हक है|

इस मौके पे रानो देवी, ज्योति हंस , पूजा,  ज्योति, सरोज, रेमेशो , किरन , ममता , स्नेहा, सुमन, ऊशा, रिन्की, उमा, बबीता, सुमित्रा, शीतल, परजापती, बिन्दू, प्रवीन, श्रधा, रेखा, ऊशा और अन्य महिलाए उपस्थित थी|

प्रोजेक्ट डेयरी शिफ्टिंग पर सरकार आर पार के मूड में

डेयरी शिफ्टिंग प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम डेयरी प्लाटों के नियमो व शर्तों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में, तीन दिन का दिया समय, नहीं तो की जाएगी आवश्यक कार्रवाई- उपायुक्त निशांत कुमार यादव।  

मनोज त्यागी, करनाल – 9 जून:

शहर से डेयरियों को बाहर स्थानांतरित करने के लिए पिंगली स्थित डेयरी कॉम्पलैक्स में नगर निगम द्वारा प्लाटों की अलॉटमेंट प्रक्रिया शुरू करने के बाद भी कुछ डेयरी संचालकों ने अभी तक 20 प्रतिशत राशि नगर निगम में जमा नहीं करवाई है, जो अलॉटमेंट की शर्तों की उल्लंघना है। इसके चलते अब नगर निगम की ओर से ऐसे डेयरी मालिकों को आगाह किया जा रहा है कि वे तीन दिन के अंदर-अंदर 20 प्रतिशत राशि नगर निगम कार्यालय में जमा करवाएं, अन्यथा उनकी 30 हजार रूपये की अग्रिम राशि को जमा करके प्लॉट की अलॉटमेंट रदद कर दी जाएगी। यही नहीं उनकी डेयरियों को बंद करवाने की आगामी कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

                  उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने इस सम्बंध में बताया कि इसी प्रकार जिन डेयरी मालिकों द्वारा अभी तक डेयरी प्लॉट की अलॉटमेंट के लिए अग्रिम राशि के साथ आवेदन पत्र नहीं दिए हैं, उन्हें भी तीन दिन का समय देकर एक ओर अवसर प्रदान किया गया है। इसमें कहा गया है कि तीन दिन की अवधि में 30 हजार रूपये की अग्रिम राशि आवेदन के साथ नगर निगम कार्यालय में प्रस्तुत करें, ताकि उनके प्लॉट की अलॉटमेंट की जा सके। ऐसा ना करने वाले डेयरी संचालकों की डेयरी, नगर निगम, संचालकों के हर्जे-खर्चे पर बंद करवाने की कार्रवाई अमल में लाएगा।

       आयुक्त ने आगे कहा है कि उपरोक्त के अतिरिक्त शहर के कुछ डेयरी मालिकों द्वारा हल्फिया ब्यान सहित नगर निगम को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि वह डेयरी चलाना नहीं चाहते और दो माह के अंदर-अंदर अपनी डेयरी को बंद कर देंगे। ऐसे डेयरी मालिको से भी नगर निगम की ओर से अनुरोध किया गया है कि यदि उन द्वारा अभी तक अपनी डेयरी को बंद नहीं किया गया, तो वह भी तीन दिन के अंदर-अंदर अपनी डेयरी बंद करके नगर निगम कार्यालय को सूचित करें, अन्यथा उनकी डेयरियों को उन्हीं के हर्जे-खर्चे पर नगर निगम बंद करवाएगा।

       डेयरी संचालकों से जुड़ी इस महत्वपूर्ण सूचना को लेकर उपायुक्त ने कहा है कि शहर में वर्षों से चली आ रही डेयरियां शहर को स्वच्छ बनाए रखने में एक बड़ी बाधा बनी हुई है। पशुओं के गोबर से जहां एक ओर गंदगी फैलती है, वहां नालियों में बहकर गोबर सीवरेज को चौक कर देता है और फिर नागरिकों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। वैसे भी स्मार्ट सिटी करनाल के लिए डेयरी शिफ्टिंग का प्रोजेक्ट हर हाल में अपने मुकाम तक पहुंचाया जाना है। इसलिए सभी डेयरी संचालकों को नगर निगम का सहयोग करते हुए डेयरी प्रोजेक्ट के नियमो और शर्तों को मानते हुए आवेदन से लेकर अग्रिम राशि, 20 प्रतिशत राशि और शेष राशि को नगर निगम कार्यालय में जमा करवाना चाहिए।   

कृषि योग्य भूमि पर धान नहीं लगाने वाली पंचायतों को मिलेगी 7500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि: उपायुक्त निशांत कुमार यादव।

योजना का लाभ उठाने के लिए किसान स्वयं करें agriharyana.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण।

मनोज त्यागी, करनाल – 9 जून:

 उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने जिला के किसानों से अपील की कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत धान की जगह वैल्पिक फसल उगाएं और अगली पीढ़ी के लिए भू-जल बचाएं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फसल विविधिकरण अपनाने पर किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का विशेष अनुदान दिया जा रहा है। इनमें 2 हजार रुपये की पहली किस्त पंजीकरण के सत्यापन पर तथा 5 हजार रुपये की दूसरी किस्त के रूप में फसल पकने पर दिया जाता है। इसके अलावा ग्राम पंचायतों को भी कृषि योग्य भूमि पर धान न लगाने पर 7500 रुपये प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि धान की फसल से मिलने वाला धन तो पानी की तरह बह जाएगा लेकिन धान उगाने में लगने वाला भू-जल कभी वापिस नहीं आएगा। इसलिए किसानों को भूमि जल के अंधाधूंध दोहन को रोकना होगा और धान की जगह कम लागत वाली फसलें जैसे मक्का, कपास, बाजरा, दलहन एवं सब्जियां तथा बागवानी की फसलें उगानी चाहिएं।

उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जा रही अन्य प्रोत्साहन योजनाओं व लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा सभी वैकल्पिक फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जाएगी। सामान्य मक्का बिजाई करने वाली मशीनों पर 40 प्रतिशत अनुदान, सभी अनाज मंडियों मक्का ड्रायर की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि वैकल्पिक फसलों का बीमा सरकारी खर्चे पर किया जाएगा, अनुदान राशि डीबीटी द्वारा सीधा किसान के खाते में जमा होगी, किसान बीज अपनी पसंद की एजेंसी से खरीद सकता है।

इसी प्रकार बागवानी विभाग के माध्यम से खरीफ फल व सब्जियों काश्त के लिए वर्तमान अनुदान राशि के अलावा 7 हजार रुपये अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। टपका सिंचाई प्रणाली की यूनिट लागत के तहत किसानों को केवल जीएसटी ही देना होगा, बांस, स्कैंटिंग लगाने पर प्रति एकड़ 31250 रुपये का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि पानी के तालाब पर 70 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक अनुदान व घुलनशील उर्वरकों पर 50 प्रतिशत अनुदान, पॉली हाऊस व नेट हाऊस लगाने पर 65 प्रतिशत अनुदान व सब्जियों में मलचिंग लगाने पर 6400 रुपये प्रति एकड़ अनुदान तथा फसलों में कीट की रोकथाम के लिए फेरोमैन ट्रैप/स्टीकी ट्रैप पर 75 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। इस योजना में खरीफ की बागवानी, फल व सब्जियां भी भावांतर भरपाई योजना में शामिल की गई हैं।

सभी किसान योजना का लाभ लेने के लिए agriharyana.gov.in के पोर्टल पर मेरा पानी-मेरी विरासत पर स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-180-2117 अथवा अपने कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं

डंपिंग ग्राउंड का होगा कायाकल्प, बदबू से मुक्ति जल्द

  • पंचकूला में कचरा प्रबंधन के नए प्रयोग, 15 अगस्त तक दिखने लगेगा परिणाम
  • विधानसभा अध्यक्ष ने अफसरों के साथ बैठक कर लिया प्रगति का ब्योरा

कोरल, पंचकूला –  9 जून:

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि पंचकूला वासियों के लिए परेशानी का सबब बने सेक्टर-23 स्थित डंपिंग ग्राउंड का कायाकल्प होने वाला है। इसके साथ ही सेक्टर 14 और 15 की तर्ज पर कूड़ा प्रबंधन के नए प्रयोगों के रास्ते भी तलाशे जा रहे हैं।

            विधानसभा अध्यक्ष मंगलवार को पंचकूला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से   चंडीगढ़ स्थित उनके कार्यालय में बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।  बैठक में गुप्ता ने अधिकारियों को शहर के सौंदर्यीकरण को लेकर कड़े निर्देश दिए। इस मौके पर उपस्थित पंचकूला नगर निगम आयुक्त सुमेधा कटारिया ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड में कूड़ा के निस्तारण के लिए मशीनरी पहुंचने वाली है और नया प्रोजेक्ट 15 अगस्त तक पूरी तरह से काम करने लगेगा। यहां प्रतिदिन 2000 टन कचरे का निस्तारण किया जा सकेगा।

            प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि शहर में स्थित चैकों के सौंदर्यीकरण कार्य में तेजी लानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चैक पर माली की नियुक्ति हो, जिससे कि वहां का सौंदर्यीकरण कार्य नियमित रूप से हो सके। इसके साथ ही उन्होंने शहर के प्रवेश द्वारों पर लंबित कार्यों पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय सीमा तय कर उन्हें पूरा करें। उन्होंने कहा कि जो ठेकेदार काम को अनावश्यक रूप से लटका रहे हैं, उन पर आर्थिक पैनल्टी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि कार्य में कोताही बरतने वाले तथा सरकारी धन को खराब करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करने से भी अधिकारी परहेज न करें।

            उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा ने बताया कि सेक्टर 5 स्थिति इंद्रधनुष के साथ लगती जमीन पर डिजीटल लाइब्रेरी बनाई जा रही है जो 15 अगस्त तक बन कर डिजीटल लाइब्रेरी स्थापित हो जाएगी। इसके अलावा फतेहपुर गांव में भी सामुदायिक केंद्र बनकर तैयार हो चुका है। उन्होंने माता मनसा देवी मंदिर के पास बनने वाले संस्कृत कॉलेज के बारे में अधिकारियों से बात की। उन्होंने जिले के गांवों में हो रहे विकास कार्यों की स्थिति का भी जायजा लिया।
 उन्होंने रामगढ़ में बनी डिस्पेसरी को लेकर भी अधिकारियों से विस्तृत ब्योरा लिया। रामगढ़ में जगह की कमी के चलते इस डिस्पेंशरी को शिफ्ट करना पड़ा, जिस पर श्री गुप्ता ने कहा कि स्थानीय लोगों की आवश्यकता को देखते हुए डिस्पेंसरी रामगढ़ में ही बनाई जानी चाहिए।

            विधानसभा अध्यक्ष ने सेक्टर 20 स्थित आशियाना फ्लैट में सफाई व्यवस्था बनाए रखने पर विशेष बल दिया। उन्होंने खटौली में बनाई जा रही व्यायामशाला तथा कोट, कोटली गांवों में चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाने को कहा। बैठक में पंचकूला जिला उपायुक्त मुकेश आहुजा, नगर निगम आयुक्त सुमेधा कटारिया समेत अनेक विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

घर में फिसलने से स्वस्थ्य मंत्री विज चोटिल, हस्पताल में हुए भर्ती

चंडीगढ़ (ब्यूरो) – जून 9

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज बाथरूप में गिरने से गंभीर रूप घायल हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्री अनिल विज बाथरूम में फिसलने के कारण गंभीर रूप से चोटिल हो गए हैं। उनके पैर में फ्रैक्चर होने खबर सामने आ रही है, हालाकि अभी तक इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

अनिल विज को पहले के सी. लाल अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से उन्हें मोहाली के मैक्स अस्पताल में रैफर कर दिया गया है। गौरतलब है कि अनिल विज डायबिटीज से पीड़ित हैं। फिलहाल, इस घटना के बाद अनिल विज की सारी बैठकों को स्थगित कर दिया गया है।

थाना जुई कलां पुलिस ने एक बोलेरो कैंपर गाड़ी से 21 पेटी अवैध शराब देसी की बरामद व एक आरोपी को किया गिरफ्तार

भिवानी – दिनांक – 09.06. 2020

पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक महोदया श्रीमती संगीता कालिया ने जिला पुलिस भिवानी को अवैध शराब को रखने व बेचने वालों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने के लिए दिशा निर्देश दिए हुए हैं। जो इन्हें निर्देशों के तहत कार्यवाही करते हुए दिनांक 08.06. 2020 को थाना जुई कला के नाका इंचार्ज राजेंद्र सिंह नाका लोहानी पर अपनी टीम के साथ मौजूद थे।

पुलिस टीम को भिवानी की तरफ से बोलेरो कैंपर गाड़ी आती हुई दिखाई दी । जिसको पुलिस टीम ने रुकवा कर चेक किया तो बोलेरो कैंपर में 21 पेटी शराब देशी भरी हुई थी। जो पुलिस द्वारा पूछताछ में चालक ने अपना नाम सतीश पुत्र ईश्वर वासी चहड कला थाना बहल , जिला भिवानी बतलाया। पुलिस टीम द्वारा बोलेरो चालक से इस शराब के बारे में लाइसेंस/परमिट पेश करने के लिए कहा गया , तो गाड़ी चालक किसी भी प्रकार का लाइसेंस/ परमिट पेश नहीं कर पाया। जांच इकाई द्वारा बोलेरो कैंपर गाड़ी को पुलिस कब्जे में लेकर गाड़ी से 21 पेटी अवैध शराब देसी बरामद की गई है।

वहीं जांच इकाई द्वारा आरोपी सतीश के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत अभियोग थाना जुई कलां में पंजीबद्ध कर कार्यवाही अमल में लाई गई है ।

थाना कुतुबशेर पुलिस द्वारा चोरी की घटना का सफल अनावरण करते हुये 02 शातिर चोरो को चोरी का सामान व अवैध असलहा सहित किया गिरफ्तार

राहुल भारद्वाज, सहारनपुर – 9 जून:

आप को बता दे कि दिनांक 08/06/2020 को जमीर अहमद पुत्र वजीर अहमद निवासी रवा कॉलोनी गुघाल मेला थाना कुतुबशेर, सहारनपुर द्वारा अपनी फैक्ट्री से 02 लैपटॉप, 01 बैटरी व 01 मोटर चोरी करने के संबंध में प्रार्थना पत्र थाना कुतुबशेर पर दिया गया था जिसके संबंध में थाना कुतुबशेर में विभिन्न धाराओ में एफ आई आर दर्ज किया गया। आज दिनांक 09-06-2020 को उप निरीक्षक रामवीर कुमार शर्मा व उनकी टीम ने अभियुक्त गण

  1. शहजाद पुत्र रफीक निवासी एकता कॉलोनी थाना कुतुबशेर,सहारनपुर
  2. आशीष पुत्र इरफान निवासी कमेला कॉलोनी कुरेशिया मोहल्ला थाना मंडी, सहारनपुर

दोनों को उपरोक्त चोरी की घटना में चोरी किए गए 02 लैपटॉप, 01 मोटर, 01 इनवर्टर का बैटरा व 01 इनवर्टर को रेहडी में ले जाते हुए नाला पटरी कमेला रोड से गिरफ्तार किया गया है तथा अभियुक्त शहजाद के पास 01 तमंचा, 02 कारतूस जिंदा 315 बोर नाजायज भी बरामद हुआ है। जिसके संबंध में अभियुक्त शहजाद पुत्र रफीक निवासी फातिमा मस्जिद एकता कॉलोनी थाना कुतुबशेर, सहारनपुर के विरुद्ध थाना कुतुबशेर पर मु॰अ॰सं॰ 202/2020 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट पंजीकृत कर अभियुक्त गणों को जेल भेजा गया है।

पीटीआई अध्यापकों को उच्च न्यायालय से लगा बड़ा झटका अब नयी भर्तियों का रास्ता साफ

सुप्रीम कोर्ट से हटाए जाने के आदेशों के बाद हरियाणा के 1983 पीटीआई टीचरों को अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इन टीचर्स के केस को डिसमिस कर दिया है। इन शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा विभाग के आदेश को चुनौती दी थी, लेेेकिन अब हाईकोर्ट ने यह केस डिसमिस कर दिया है। आपको बता दें कि 1983 पीटीआई टीचर्स को सुप्रीम कोर्ट ने हटाने का आदेश दिया था। इसको लेकर हरियाणा में कर्मचारी चयन आयोग ने दोबारा से भर्ती निकाली है। वहीं शिक्षा विभाग ने इन टीचर्स की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिये थे, जिसके बाद अलग-अलग जिलों के शिक्षा अधिकारियों ने एक्शन लिया था। इन्ही आदेशों को रोकने के लिए पीटीआई टीचर्स ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पहली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार से जबाव मांगा था वहीं पीटीआई की सेवाओं को यथास्थिति रखने के आदेश दिये थे, लेकिन अब हाईकोर्ट में यह केस डिशमिस हो गया है।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – जून 9

 हरियाणा के 1983 पीटीआइ शिक्षकों की आखिरकार नहीं बच सकी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में नियुक्‍त हुए इन शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाई, लेकिन उनकाे निराशा ही हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने इन शिक्षकों की याचिका को खारिज कर उनकी जगह नई नियुक्ति का आदेश देकर तय उनकी आखिरी उम्‍मीदों को तोड़ दिया। यह मामला 2012 से चर्चा था। हाई कोर्ट ने इन नियुक्तियां में अनियमितता की बात कहते हुए इन्‍हें रद कर दिया था। ऐसे में अप्रैल 2010 में भर्ती हुए इन पीटीआइ शिक्षकों की नियुक्ति रद होना तय है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाईकोर्ट के उस निर्णय को सही ठहराया है, जिसमें हाईकोर्ट ने इन पीटीआइ शिक्षकों की भर्ती को रद कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक तय समय में इन पदों पर नए सिरे से भर्ती करने का भी आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया, हाई कोर्ट ने भर्ती को कर दिया था रद

हाई कोर्ट की एकल बेंच ने 11 सितंबर 2012 को भर्ती रद करने का फैसला दिया था। इसके बाद 30 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी इस फैसले पर मुहर लगाई थी।  इसके बाद प्रभावित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस मामले पर हरियाणा की राजनीति काफी गर्माई थी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी इस मामले पर सवाल उठाए गए थे। भाजपा और दूसरे दलों ने तत्‍कालीन कांग्रेस सरकार पर भर्तियों में निर्धारित प्रक्रिया की अनदेखी करने का आरोप लगाए थे और जमकर हमला किया था। कर्मचारी संगठनों ने भी सरकार पर इसको लेकर दबाव बनाया था।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण व जस्टिस रविंद्रा भट की बेंच ने वीडियों कान्‍फ्रेंस के माध्यम से इस बहुचर्चित मामले में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पंजाब एवं हरियाण हाईकोर्ट द्वारा इन पीटीआइ शिक्षकों की‍ नियुक्ति को रद करने के फैसले को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश अभी जारी नहीं हुआ है, लेकिन अब इन शिक्षकों की नौकरी जाना तय है।

यह था हाई कोर्ट का आदेश

बता दें कि 11 सितंबर 2012 को हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में भर्ती  1983 पीटीआइ शिक्षकों की नियुक्तियों को रद कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले में दायर एक साथ 68 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने 10 अप्रैल 2010 को फाइनल चयन सूची जारी कर ये नियुक्तियां की थीं। हाईकोर्ट ने कमीशन को निर्देश जारी किए थे कि नियमों के तहत नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करे और पांच महीने के अंदर इस भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि ये नियुक्तियां निर्धारित नियमों के तहत नहीं हुई हैं और इन्हें गैरकानूनी कहलाना गलत नहीं है।

हाईकोर्ट ने इस नियुक्ति प्रक्रिया में आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाया था। हाईकोर्ट ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान साक्षात्कार होल्ड करवाने वाले आयोग की सिलेक्शन कमेटी के सदस्यों द्वारा कार्यवाहियों में शामिल न होने से आयोग की नकारात्मक छवि को उजागर करता है। हाईकोर्ट ने कहा कि दस्तावेज खुलासा के एक बिंदु से संकेत मिलता है कि ये नियुक्तियां आयोग के निर्धारित नियमों के तहत नहीं हुई है और इन्हें गैरकानूनी कहना गलत नहीं होगा। खंडपीठ ने इस मामले में कमीशन के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते यह तक कहा कि बहुसदस्य कमीशन होने के बाद भी कार्यप्रणाली से ऐसा लगता है कि यह सब एक व्यक्ति के कहने से चल रहा है। कोर्ट ने कमीशन के तत्‍कालीन चेयरमैन पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की।

कैसे-कैसे उम्मीदवारों का चयन किया गया

चयनित कुछ उम्मीदवार तो ऐसे थे जिन्होने पीटीआई का डिप्लोमा पहले किया व दसवीं बाद में की। कुछ उम्मीदवारों ने चयन के बाद आवेदन फार्म भी जमा करवाया। कुछ के फार्म के साथ फीस जमा नही करवाई गई। इस बात का पूरा रिकार्ड डिवीजन बेंच ने तलब भी किया था और भर्ती पर हैरानी जताई थी। कई दर्जन ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया, जो योग्यता पूरी नहीं करते थे। दर्जनों उम्मीदवार ऐसे है जो अमरावती या महाराष्ट्र से पीटीआई कोर्स पूरा कर आए थे। उनके प्रमाण पत्र में परिणाम घोषित करने की तिथि के साथ छेड़छाड़ की गई है।

भर्ती में रिजर्व श्रेणी के कई उम्‍मीदवारोंका चयन सामान्य श्रेणी में किया गया हे। एक मामले में तो हैरानी करने वाली बात यह है कि चयनित एक उम्‍मीदवार का परिणाम पहले घोषित कर दिया और उसने फार्म बाद में जमा करवाया। यह भी आरोप था कि महिला के लिए रिजर्व सीट पर पुरूष उम्‍मीदवार का चयन किया गया। एक चयनित उम्‍मीदवार दसवीं में फेल था। एक उम्‍मीदवार ने तो पीटीआइ का कोर्स 1995 में किया लेकिन दसवीं 1997 में की।

बेंच ने इस भर्ती में चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेज जांचने में जल्दीबाजी व ओवर ऐज उम्मीदवारों के चयन पर भी सवाल उठाया था और हरियाणा सरकार को भर्तियों में भविष्य में भर्ती में सचेत रहने को कहा। बेंच ने इस मामले में एकल बेंच के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने पर स्टाफ सलेक्शन कमीशन को प्रत्येक अपील पर पचास हजार का जुर्माना, हरियाणा सरकार को प्रत्येक अपील पर दस हजार का जुर्माना व अपील करने वाले उम्मीदवार पर भी दस हजार रूपये जुर्माना लगाया था। अपील करने वाले उम्‍मीदवार ने एकल बैंच पर पक्ष न सुनने का आरोप लगाया था।

भर्ती का घटनाक्रम

  • 20 जुलाई 2006 को कर्मचारी चयन आयोग ने 1983 पीटीआई की भर्ती के आवेदन मांगे।
  • 21 अगस्त तक आवेदन जमा करने थे, 21 जनवरी 2007 को लिखित परीक्षा का नोटिस।
  • धांधली की शिकायतें मिलने की बात कहकर परीक्षा को खारिज कर दिया गया।
  • फिर 20 जुलाई 2008 को परीक्षा तय की गई जिसे प्रशासनिक कारणों का हवाला दे खारिज किया।
  • इसके बाद पात्रता तय कर पदों से 8 गुणा उम्मीदवार सीधे इंटरव्यू के लिए बुला लिए गए।
  • 2 सितंबर 2008 से लेकर 17 अक्टूबर 2008 तक उम्मीदवारों के इंटरव्यू लिए गए।
  • पहले इंटरव्यू के 25 अंक तय किए गए थे, वहीं इसे बाद में बदलकर 30 कर दिया गया।
  • 10 अप्रैल 2010 को भर्ती का परिणाम घोषित किया गया। 1983 उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई।
  • 11 सितंबर 2012 को हाईकोर्ट की एकल बेंच  ने भर्ती रद की।
  • 30  सितंबर 2013 को हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने एकल बेंच के आदेश पर मुहर लगाई।
  • 8 अप्रैल 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया।