केजरीवाल के दावों के उलट हैं तोमर के ब्यान

कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दिल्ली के नजफगढ़ स्थित चौधरी ब्रह्मप्रकाश अस्पताल में क्‍वारंटाइन किए गए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक कॉन्स्टेबल का वीडियो वायरल हो रहा है.

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बुनियादी सुविधाएं भी नही :

दिल्ली पुलिस के जवान सचिन कुमार तोमर ने दिल्ली सरकार पर बड़े ही संगीन आरोप लगाए हैं। जिसमे उन्होंने कोरोना संक्रमितों की देखभाल न करने, मूलभूत सुविधाओं के आभाव के बारे में खुद का एक वीडियो बना कर पोस्ट किया है। जिसमे उन्होंने दिल्ली सरकार के खोखले दावों का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है। तोमर ने जारी किए वीडियो में जो जानकारी दी है उसके हिसाब से एक वार्ड जो ज्यादा बड़ा न होने के बावजूद भी इस कमरे में 20 लोगो को रखा गया है। इस वार्ड में केवल एक प्रसाधन (शौचालय) उपलब्ध है जिसकी वजह से मरीज़ों को तकलीफ का सामना करना पड़ता है। तोमर ने सेंटर में देखभाल करने वालों पर यह आरोप लगाए की उन्हें जरूरत पड़ने पर न तो प्रशासन द्वारा दवा उपलब्ध कराई जा रही है और न ही गले की खराश मिटाने के लिए गर्म पानी, बल्कि गर्म पानी मांगने पर सामान्य पानी पीने पर मजबूर किया जा रहा है।

बेड की चादर भी नहीं बदले जाती :

अब इसे सरकार की हीलाहवाली कहे या खर्चे बचाने का ढंग, अस्पताल में इन दिनों बिस्तरों की चादर बिना बदले ही काम चलाया जा रहा है। कमरे में किसी भी प्रकार का सफाई वाला कार्य नहीं कराया जा रहा। यहाँ तक कि बिस्तर पर लगे हुए तकिए गंदगी की वजह से अपना सफेद रंग छोड़कर लाल रंग में बदल चुकी है।

घर वालों की जांच नही हुई :

दूसरे राज्यों पर हमेशा उंगली उठाने वाली केजरीवाल सरकार के मंसूबो पर कांस्टेबल तोमर ने करारा प्रहार किया है। तोमर ने बताया कि मेरे कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद भी मेरे परिजनों का टेस्ट नहीं कराया जा रहा बल्कि मुझे सलाह दी जा रही है कि आप निजी तौर पर अपने परिवारीजनों का प्राइवेट लैब में 4500 रुपये खर्च करके जांच करा लें।

कुलमिलाकर संक्रमित जवान ने दिल्ली के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर तमाम आरोप लगाए है जो कि केजरीवाल के दावों से बिल्कुल उलट है। ऐसा पहली बार नहीं जब केजरीवाल पर इस तरह के आरोप लगे हो बल्कि पहले भी मजदूरों द्वारा राशन और खाने को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी।

प्रशासन का दावा, अस्पताल में कोई कमी नहीं

इस मामले पर प्रशासन ने सफाई दी है. साउथ वेस्ट जिले के डीएम राहुल ने कहा कि इस अस्पताल में कोई कमी नहीं है. इन कॉन्स्टेबल के बारे में कल से शिकायत मिल रही है. ये अलग से एसी रूम की भी डिमांड कर रहे थे. हम कोरोना के पॉजिटिव मरीजों को अलग-अलग कमरों में रखते हैं. जिन मरीजों में लक्षण नजर आते हैं, उन लोगों को अलग रखा गया है. वैसे भी उन्होंने  टॉयलेट को गंदा नहीं बोला है. साफ-सफाई का ध्यान रखा जा रहा है. हमने पॉजिटिव और निगेटिव को एक साथ नहीं रखा है. खाना और दवाई ना मिलने की शिकायत पर हमने वहां से रिपोर्ट मांगी है. लेकिन ऐसी कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई है. अगर फिर भी किसी को कुछ गड़बड़ी लगती भी है तो हम आपको पीपीई किट पहनाकर पूरा वार्ड दिखा सकते हैं. हमने पूरी अच्छी व्यवस्था कर रखी है.

स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है

दिल्ली में केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आने वाले डाक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ के लिए अरविन्द केजरीवाल ने आदेश जारी किया है, ये आदेश है की कोई भी डाक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ का कोई भी कर्मचारी अपनी किसी भी शिकायत को मीडिया या सोशल मीडिया पर नहीं कहेगा। सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को लेकर यह चर्चा निरंतर जारी है कि इन्होने कोरोना वायरस से निपटने में धरातल पर काम करने के बजाए सोशल मिडिया पर अपनी तारीफ में कैम्पेन करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।

आदेश में ये भी कहा गया है की अगर डाक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ में किसी ने अपनी कोई भी शिकायत मीडिया या सोशल मीडिया में कही तो फिर उसके खिलाफ दिल्ली सरकार सख्त कार्यवाही करेगी यानि अब डाक्टरों पर कोई हमला हो, डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर कोई थूके, कोई अस्पतालों में आतंक, पेशाब, शौच फैलाए, नर्सों को छेड़े, नर्सों के कपडे फाड़े, मेडिकल स्टाफ को मारे तो इसके बारे में डाक्टरों नर्सों मेडिकल स्टाफ को दिर्फ़ दिल्ली सरकार को बताना है, कोई भी सोशल मीडिया पर शिकायत नहीं लिख सकता और न ही मीडिया में कोई शिकायत बता सकता है केजरीवाल सरकार ने इस आदेश को बड़े गुपचुप तरीके से जारी किया जिसका खुलासा कपिल मिश्रा ने किया है Kapil Mishra@KapilMishra_IND

नयी दिल्ली (ब्यूरो):

दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से कोरोना ड्यूटी में तैनात सभी मेडिकल स्टाफ को अपनी ड्यूटी में होने वाली असुविधाओं के बारे में मीडिया को बताने और सोशल मीडिया पर हाईलाईट करने से मना किया है। कपिल मिश्रा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ऐसा आदेश सरकार के झूठ की पोल खुलने के डर से जारी किया है।

‘कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा’

कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है- “केजरीवाल सरकार का आर्डर- कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा। मीडिया को बताने पर भी प्रतिबंध। खाना, मास्क, एकोमोडेशन – कुछ भी न मिले, चुप रहो। ये आर्डर इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार के सारे झूठ की पोल खुल रही हैं।”

गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से जारी आदेश की कॉपी, जिसे कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है –

वहीं, कुछ लोगों ने कपिल मिश्रा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि यह स्टाफ के मौलिक अधिकारों का हनन है।

इस ट्वीट के साथ कपिल मिश्रा ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी आदेश की कॉपी भी शेयर की है, जिसमें लिखा गया है कि ड्यूटी में आ रही किसी भी प्रकार की समस्या के लिए वह स्टाफ डिपार्टमेंट हेड के पास शिकायत भेज सकता है, लेकिन बिना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए सोशल मीडिया में समस्याओं को पब्लिक करना उचित नहीं है और मेडिकल स्टाफ को इससे बचना चाहिए।

अस्पताल की ओर से जारी इस आदेश की प्रति में यह भी पढ़ा जा सकता है कि अस्पताल के कर्मचारियों को देशसेवा का स्मरण करवाकर उन्हें समस्याओं को नजरअंदाज करने की राय दी गई है। हालाँकि, यह भी कहा गया है कि स्टाफ़ की वाज़िब समस्याओं पर अवश्य संज्ञान लिया जाएगा।

कपिल मिश्रा ने GTB अस्पताल द्वारा जारी किए गए इस आदेश को शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उनके ही आदेश पर इस प्रकार का आदेश दिया गया है।

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को लेकर यह चर्चा निरंतर जारी है कि इन्होने कोरोना वायरस से निपटने में धरातल पर काम करने के बजाए सोशल मिडिया पर अपनी तारीफ में कैम्पेन करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।

परशुराम सेना ने सामाजिक मर्यादाओं में रह कर मनाई ‘परशुराम जयंती’

चंडीगढ़ :

भगवान परशुराम सेना विगत कई वर्षों से निरन्तर भगवान परशुराम जयंती का महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाती रही है जिसमे रथयात्रा, भंडारा, पूजन,भजन संध्या,वेदपाठ, प्रवचन इत्यादि कार्यक्रम सुचारू रूप से किए जाते रहे है। परंतु इस वर्ष कोरोना के कारण सरकार के आदेशानुसार कोई भी कर्यक्रम नही हो सकेगा। अतः परशुराम सेना ने यह यह निर्णय लिया है कि वह अपने अपने घरों में ही दीपक जलाकर भगवान परशुरामजी का पूजन अर्चन करेगें। ओर इस पावन पुनीत अवसर पर परशुराम सेना 1000 भोजन के पैकेट जररूतमंदो को बांटेगी। तथा अन्य मूलभूत आवश्यक वस्तूए जैसे दवाएं, मास्क, सेनेटाइजर,साबुन,मसाले, तेल, राशन,वितरण करेगी। ओर सेना के प्रवक्ता का कहना है कि इस वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव हेतु लोग घरों रहकर सरकार को सहयोग दे और कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें तथा सेना भी सफाई कर्मियों, पुलिस आदि के लिये चाय पकोड़े का प्रबंध करेगी।

सेना ने लोगो से अपील की है कि वह अफवाहों से दूर रहे और यदि किसी को कोई सहायता की आवश्यकता को तो वह कभी भी सेना से सम्पर्क कर सकता है सेना ने आश्वासन दिया है कि वह जनता जनार्दन की सेवा के लिये 24×7 तत्पर है परशुराम सेना के सदस्यों प. सुरेश शर्मा, योगेंद्र शर्मा, पुण्य दीप शर्मा, कृष्ण भारद्वाज ,नवीन शर्मा,दिनेश शर्मा, दीपक कौशिक,सार्थक आश्री, गौरव कौशिक , रजत पण्डित ने लोगो से अपील की है कि लोग अपने अपने घरो में दीपक जलाकर भगवान परशुराम से राष्ट्र के सुरक्षा और स्वास्थ्य की मंगलकामना करें और उन्होंने ने कहा कि कोरोना किसी के धर्म को देखकर नही होता अतः लोग ये ना समझे कि हमे हमारे धर्म के लोगो को कोरोना नही होगा सेना ने मुस्लिम समुदाय से विशेष आग्रह किया है कि वे लोग रमजान सम्बन्धी सभी रस्में घर मे रह कर ही करें उन्होंने ने यह बात कुछ मुस्लिमों द्वारा पुलिस, डॉक्टरों पर हमला, जगह जगह थूकना, नर्सो से अश्लीलतापूर्वक व्यवहार, मस्जिदों में नमाज के लिये एकत्रित होने जैसे घटनाओं से आहत हो कर अपने दुःख और संवेदना प्रकट करते हुए कही।

ममता जी, ये अमानवीय कृत्य आपको बहुत भारी पड़ेगा: कैलाश विजयवर्गीय

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में ये दावा किया जा रहा हैं कि श्मशान में लगातार शवों को जलाया या दफनाया जा रहा है। ये भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना मरीज के परिजनों को बिना बताए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस वीडियो को एक ऊंची इमारत से शूट किया गया है।  

नई दिल्ली(ब्यूरो):

वैश्विक महामारी कोरोनावायरस का कहर देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां सभी राज्यों इस महामारी के खिलाफ मोदी सरकार का साथ दे रही है, तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार कोरोना के मामलों को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में खड़ी है। इस बीच सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल का चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। जिसके बाद अब ममता बनर्जी की सरकार मुश्किलों में घिरती दिख रही है।

दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में ये दावा किया जा रहा हैं कि श्मशान में लगातार शवों को जलाया या दफनाया जा रहा है। ये भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना मरीज के परिजनों को बिना बताए ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस वीडियो को एक ऊंची इमारत से शूट किया गया है।

भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे मामले पर ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने एक वीडियो अपलोड करते हुए ट्वीट किया, “कोलकाता के इस शवदाह मैदान में पिछले 3 दिन से लगातार शव जलाए जा रहे हैं। निश्चित रूप से कोरोना से मृत ये उन्हीं मरीजों के शव हैं, जिनकी मौत की जानकारी सरकार छुपा रही है। कोई काम चोरी-छुपे तभी होता है, जब कुछ गलत हो! ममता जी, ये अमानवीय कृत्य आपको बहुत भारी पड़ेगा।”

बता दें कि बंगाल सरकार पर कोरोना मरीज़ों के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं। ममता बनर्जी सरकार पर आरोप है कि कोरोना के सम्भावित मरीज़ों की जांच नहीं करवा रही है। साथ ही मरीज़ों के आंकड़ों को कम करके दिखा रही है।