चंडीगढ़ मे ‘No Vip Culture’ नियम जनता पर तो लागू होता है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी उन्ही नियमों की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे हैं

चंडीगढ़ :

No Vip culture के तहत ट्राई सिटी मे 2020 मे कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि निजी वाहनो पर कोई भी सिम्बल नही लगा सकते, लेकिन चंडीगढ़ मे ये नियम जनता पर तो लागू होता है लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस नियम की खुलेआम धज्जिया उड़ा रहे हैं, 2 फरवरी को ट्रैफ़िक पुलिस अधिकारी को डिजिटल माध्यम से सूचित करने के बाद उनपर कार्यवाही करते हुए चालान काट दिया गया हैचंडीगढ़ ट्रैफ़िक पुलिस जनता को संदेश देना चाहती हैं कि कानून सभी के लिए बराबर हैं|जनता से अपील हैं कि ट्रैफ़िक नियमो की पालना करे और सुरक्षित रहे

Panchkula Police

Police Files, Panchkula – 02 March – 22

पुलिस नें स्टोन क्रैशर से लोहा के समान चोरी की वारदात को अजांम देनें वालें 3 आरोपियो को किया काबू

                    पचंकूला 02 मार्च :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर सौरभ सिंह एंव डिप्टी पुलिस कमिश्नर मोहित हांडा के नेतृत्व में प्रंबधक थाना चण्डीमन्दिर ललित कुमार व उसकी टीम द्वारा गाँव चण्डीमन्दिर से स्टोन क्रैशर का लोहा चोरी करनें के मामलें में 3 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान पवन कुमार पुत्र रोशन लाल वासी चुन्ना भट्टी पचंकूला , अर्जुन सिंह पुत्र हरि राम वासी गाँव बुर्ज पचंकूला तथा करणा पुत्र दोलत राम वासी चुन्ना भट्टी पचंकूला के रुप में हुई ।

जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता रजनीश चौधरी पुत्र राम गोपाल चौधरी गांव रज्जीपुर जिला पंचकुला नें थाना में शिकायत दर्ज करवाई कि शिकायतकर्ता के मामा की जमीन गाँव चण्डीमन्दिर में है जिस में स्टोन क्रेशरो का काफी लोहा पडा हुआ मिला है जहा से किसी अन्जान व्यक्तियो द्वारा काफी लोहे का समान चोरी कर लिया गया ।  जिस बारें थाना में प्राप्त शिकायत पर धारा 379 भा0द0स0 थाना चन्डीमंदिर में मामला दर्ज किया गया जिस मामलें का आगामी अनुसधान स.उप.नि. रिषिपाल के द्वारा अमल में लाया गया दौरान अनुसंधान मामलें कार्यवाही करते हुए चोरी की वारदात को अन्जाम देनें वालें तीन आरोपियो को गिरफ्तार करके पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया ।

फर्जीवाडा :- सिपाही पद पर भर्ती हेतु धोखाधडी से फिजिकल टेस्ट देनें के मामलें में दो आरोपियो को किया गिरफ्तार

                        पचंकूला 02 मार्च :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस उपायुक्त पंचकूला मोहित हांडा के नेतृत्व में पुलिस व अन्य विभागों में भर्ती हेतु धोखाधडी करके असली उम्मीदवारो की जगह पर दुसरें व्यक्तियों को परिक्षा व फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट करके धोखाधडी के मामलें में एसआईटी गठित की गई है जिस एसआईटी का नेतृत्व एसीपी पंचकूला विजय कुमार द्वारा अमल में लाया जा रहा है जो दौराने जांच एसआईटी द्वारा दिनांक 01 मार्च को पुलिस भर्ती फर्जीवाडा में फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट व लिखित परिक्षा फर्जी उम्मीदवारो से करवानें पर धोखाधडी के दो मामलों में 2 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान आरोपियो की पहचान शक्ति सिंह पुत्र सतपाल वासी हाँसेवाला टोहाना जिला फतेहाबाद को अभियोग सख्या 31 दिनांक 18.01.2022 धारा 419,420,467,468,471,120-B भा.द.स. वा हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 में तथा आरोपी धर्मेन्द्रा पुत्र रामनिवाश वासी पोखरवास जिला भिवानी को अभियोग सख्या 512 दिनांक 26.12.2021 धारा 419,420,467,468,471,120-B IPC वा हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 के मामलें में गिरफ्तार किया गया । जिन आरोपियो को पेश अदालत न्यायिक हिरासत भेजा गया ।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा स्टाफ सैलेक्शन कमीशन पचंकूला ने पुलिस को सूचना दी गई कि हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर पुरुष व महिला सिपाही के पद पर दुर्गा शक्ति की भर्ती प्रक्रिया चल रही है जो लिखित परिक्षा होनें के बाद कुछ उम्मीदवारो को फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए प्रक्रिया चल रही है जो इस दौरान कुछ उम्मीदवारो नें धोखाधडी करके अपनी जगह दुसरे उम्मीदवारो से परिक्षा दिलवाई है जिस बारें थाना सैक्टर 05 में प्राप्त सूचना पर धारा 419,420,467,468,471,120-B IPC वा 3 हरियाणा पब्लिक एक्जामिनेशन एक्ट 2021 के तहत अलग -2 मामले दर्ज किया गये औऱ इन मामलों में गहनता से छानबीन हेतु एसआईटी गठित की एसआईटी इन्चार्ज एसीपी पचंकूला श्री विजय कुमार नें बताया कि पुलिस भर्ती व अन्य विभागो में भर्ती फर्जीवाडा में ततपर्ता से गहनता से जांच की जा रही है जो इस फर्जीवाडा में अब 8 मामलें दर्ज व 61 आऱोपियो को गिरफ्तार किया जा चुका है ।

डिटेक्टिव स्टाफ नें 50 लाख रुपये की सम्पति चोरी की वारदात का किया खुलासा, दो आरोपियो को अलग-2 राज्यो से किया गिरफ्तार

  • डीएलएफ वैली नजदीक अमरावती से करीब 50 लाख रुपये की सम्पति चोरी का मामला दर्ज
  • 50 लाख रुपये की सम्पति चोरी के मामले में दो अंतरराज्यीय चोर गिरोह के 2 सदस्य को किया गिरफ्तार
  • दोनो आरोपियो को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया

                    पचंकूला 02 मार्च :- 

पुलिस प्रवक्ता नें जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर सौरभ सिंह एंव डिप्टी पुलिस कमिश्नर मोहित हांडा के नेतृत्व में इन्सपेक्टर मोहिन्द्र सिह व उसकी टीम द्वारा डीएलएफ वैली से करीब 50 लाख रुपये की चोरी की वारदात को अन्जाम देनें वालें दो आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपियो की पहचान प्रमोद कुमार पुत्र रामस्वरुप वासी गांव चुटकी अख्तीयारी कोटिया जिला प्रतापगढ उतर प्रदेश तथा राकेश कुमार पुत्र गजाधर वासी दीप इन्कलेव विकास नगर नई दिल्ली के रुप में हुई । आरोपी प्रमोद कुमार पुत्र रामस्वरुप को आगरा उतर प्रदेश तथा आरोपी राकेश कुमार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है ।

जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता अश्वनी कुमार सपुत्र श्री स्व0 जगदीश चन्द वासी डीएलएफ पिन्जौर पंचकूला नें पुलिस चौंकी अमरावती में शिकायत दर्ज करवाई कि दिनांक 09 दिसम्बर 2021 को जब वह अपनी परिवार सहित काँगडा हिमाचल प्रदेश गया हुआ था तभी शिकायतकर्ता के पास उसके मित्र एस.डी.शर्मा नें फोन करके बताया कि आपके घर के दरवाजा खुला हुआ है तभी शिकायतकर्ता सूचना प्राप्त करके दिनांक 30 दिसम्बर की को वापिस आकर देखा तो घर के मेन दरवाजे का ताला टुटा हुआ था और घर के अन्दर घर के अन्दर दोनो कमरों और स्टोर की अलमारियों के ताले भी टुटे हुए हैं और सामान गहने के खाली डिब्बे एवं लेडीस पर्स इधर उधर बिखरा हुआ पाया गया । जो किसी अन्जान व्यकित द्वारा घर में चोरी की वारदात अन्जाम देकर घर से नकदी पैसे, ,सोना, चांदी के गहनें तथा स्मार्ट वाच इत्यादि को चोरी करके ले गये जो कुल 50 लाख रुपये के है जिस बारे थाना में प्राप्त शिकायत पर धारा 457/380 भा.द.स. के तहत थाना पिन्जौर में मामला दर्ज किया गया औऱ मामलें में आगामी अनुसधान डिटेक्टिव स्टाफ द्वारा अमल में लातें हुए चोरी की वारदात को अन्जाम देनें वालें दो आरोपियो को गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये गये आरोपियो को पेश अदालत 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया । इन्सपेक्टर डिटेक्टिव स्टाफ पचंकूला नें कहा कि चोरी की वारदात करनें वालें दोनों आरोपियो को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है जो आरोपीगण पहले भी काफी चोरी की बडी वारदातों को अन्जाम दे चुके है जिन आरोपियो से चोरी की हुई सम्पति को बरामद किया जा जायेगा और अन्य इस प्रकार की चोरी की बडी  वारदातों का भी खुलासा किया जा सकता है ।

IIT Kanpur study about fourth wave in June is not based on science: Dr. Ravi Godse

  • According to Dr. Godse, Omicron proved to be a booster for India; 
  • There is nothing to fear, now India should open everything quickly, so that India can be the number one manufacturing power in the world.

Chandigarh :

A study by IIT, Kanpur, students about the fourth wave of Corona hitting the country in June is spreading like fire. Everyone is shocked about this study, and this rumour is spreading like a wild fire. This study was discussed in detail during the live session between Dr. Ravi Godse, a world-renowned medicine expert from USA, and Lifestyle Specialist Ex Assistant Professor Dr. HK Kharbanda from Chandigarh. Doctor Godse said that there was no  third wave  in India. Our statistical test is just how many of your known experienced difficulties in December ’21. Don’t call it a wave. According to Dr. Ravi Godse, the wave is defined  when there is a shortage of oxygen or beds owing to serious patients .  Godse said that when the third wave has not come in India, then where will the fourth wave come from? Dr. Ravi Godse said in this live session that we respect statistics experts but it is not the work of statisticians and mathematicians to count the waves. Leave it to the scientist and the expert only. He said that those who had original Covid did not get delta, those who had delta, they did not suffer with delta again. That’s why later when Omicron came and it was mutated and that’s why those who took 2 doses and those who had delta also got Omicron. According to him, almost everyone in India has got Omicron and now if any sub variant of Omicron comes, it will also be the same and will not cause serious disease. Now there is no use to count wave or case.

In the end, he said that if someone has got two vaccines at the age of 18 to 65, then whether they get a booster or not, there will not be much difference. But if you are above 65 years of age or have comorbidities, blood pressure and diabetes or cancer, then definitely get a booster.

सर्वाधिक बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई, डूबती अर्थव्यवस्था, आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से राहत चाहती है जनता- हुड्डा

  • भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक, बजट सत्र को लेकर बनाई रणनीति
  • सरकार को चर्चा से भागने नहीं देगी कांग्रेस, सदन में जनहित के मुद्दों पर देना पड़ेगा जवाब- हुड्डा
  • विकासशील व कल्याणकारी होगा बजट तो स्वागत, नहीं तो करेंगे जमकर विरोध- हुड्डा
  • राज्यपाल के अभिभाषण में नजर नहीं आया विकास का कोई रोडमैप- हुड्डा

2 मार्च, चंडीगढ़ः 

विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से ठीक पहले आज पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सत्र के दौरान उठाए जाने वाले जनहित के तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा भी बैठक में शामिल रहीं।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि आंगनवाड़ी, आशा वर्कर्स के आंदोलन, पुरानी पेंशन स्कीम, फैमिली आईडी की आड़ में बुढ़ापा पेंशन समेत कई कल्याणकारी योजनाओं में कटौती, पिछड़े वर्ग का आरक्षण खत्म करने, डोमिसाइल के नियम बदलने, एससी कमीशन, माइनॉरिटी कमीशन, सफाई आयोग बनाने की मांग, गेस्ट टीचर्स, एक्सटेंशन लेक्चरर की मांगों, प्रॉपर्टी आईडी, लाल डोरा की विसंगतियों, यूक्रेन में फंसे हरियाणा के विद्यार्थियों को निकालने समेत तमाम मुद्दों पर बैठक में मंथन किया गया।

हुड्डा ने बताया कि प्रश्नकाल, शून्यकाल, काम रोको प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए पार्टी विधायक इन तमाम मुद्दों को विधानसभा में उठाएंगे। आमजन से जुड़े इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। विधानसभा में सरकार का रवैया अक्सर चर्चा से भागने का रहता है, लेकिन विपक्ष पूरी तैयारी के साथ सत्र में जा रहा है। सदन में जनहित के मुद्दों पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें सरकार की नीतियों और भविष्य की योजनाओं का समायोजन होता है। लेकिन, इस अभिभाषण में प्रदेश के विकास का कोई रोडमैप नजर नहीं आया।

हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की नजर सरकार की तरफ से पेश किए जाने वाले बजट पर भी रहेगी। अगर बजट विकासशील और कल्याणकारी होगा तो उसका स्वागत किया जाएगा, नहीं तो कांग्रेस उसका विरोध करेगी। प्रदेश का हर वर्ग विधानसभा में सरकार के रवैए और आने वाले बजट से कई अपेक्षाएं बनाए हुए है। प्रदेशवासी बजट के जरिए देश में सर्वाधिक बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई, डूबती अर्थव्यवस्था, आर्थिक तंगी और कर्ज के बोझ से राहत की मांग कर रहे हैं। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार को बजट में ऐसे प्रावधान करने चाहिए जिससे किसान, कर्मचारी, मजदूर, दुकानदार, व्यापारी, गृहणी समेत हर वर्ग को राहत मिले।

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन की नगर परिषद कालका चुनावों को लेकर हुई चर्चा

  • सभी 31 वार्डो से संभावित जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर किया मंथन, आगामी चुनावी रणनीति पर की चर्चा

पिंजौर न्यूज 2 मार्च 2022:

कालका से लगातार चार बार विधायक-हरियाणा के उपमुख्यमंत्री रह चुके श्री चंद्रमोहन व पूर्व चेयरमैन विजय बंसल एडवोकेट ने आगामी नगर परिषद कालका चुनावों में सभी 31 वार्डो से संभावित पार्षदों के नामों पर मंथन किया।इस दौरान प्रमुख रूप से चंद्रमोहन ने प्रत्येक वार्ड में आगामी राजनीतिक रणनीति को लेकर गहन मंथन व मंत्रना की।पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन ने कहा कि आगामी नगर परिषद कालका चुनावों में उनके पुराने साथी विजय बंसल की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी है।चंद्रमोहन ने विजय बंसल के साथ पिंजौर में बैठक करके विस्तारपूर्वक चर्चा की।

चंद्रमोहन ने विजय बंसल से सभी 31 वार्डो में प्रत्येक वार्ड के अनुसार संभावित जिताऊ उम्मीदवारों के नामों पर मंथन करते हुए चर्चा की।इसके साथ ही चंद्रमोहन ने कहा कि जहां इस चुनाव में सभी मतदाता कालका पिंजौर के बेहतर भविष्य का फैसला करेंगे वही प्रधान/चेयरमैन पद के लिए विजय बंसल को जिताने का काम करेंगे। ऐसे में सभी 31 वार्ड पर सशक्त उम्मीदवारों को चुनाव में समर्थन दिया जाएगा जो अपने वार्ड के लोगो की नि स्वार्थ जनसेवा करने का काम करेंगे।

विजय बंसल ने चंद्रमोहन को बताया कि उन्होंने सभी 31 वार्डो में अपनी चुनावी तैयारियों के बीच लोगो से जनसंपर्क अभियान के तहत 137 बैठके की है।ऐसे में सभी लोगो से विचार विमर्श किया जा रहा है कि प्रत्येक वार्ड से पार्षद के लिए कौन सशक्त उम्मीदवार रहेगा।

चंद्रमोहन का कालका पिंजौर में काफी प्रभाव है,क्योंकि वह लगातार चार बार यहां से विधायक रहे है।इसके साथ ही कभी इस इलाके से चुनाव नही हारे तो वही निरंतर इलाके को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। यही कारण है कि आज भी लोग उनके द्वारा करवाए गए विकास कार्यों को याद करते है।

हालांकि,विजय बंसल आगामी नगर परिषद कालका चुनावों को लेकर अपने स्तर पर पूरी तैयारी करते हुए 137 बैठके कर चुके है।निरंतर लोगो के बीच 40 सालो से है और हर जनसमस्या का समाधान करवाने में भी अग्रणी है।

Petrol-Diesel के लिए जेब ढीली करने को हो जाइए तैयार

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है। पेट्रोल-डीजल की भारी कीमतों का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पर रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका प्रभाव तत्काल पड़ता है जैसे सब्जियां, दालें, मसाले, दूध-मक्खन, ब्रेड आदि। तेल के दामों की मार कितनी तीखी होगी, यह चुनाव के नतीजों पर भी निर्भर करेगा। यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतें पिछले सात सालों के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, नयी दिल्ल:

पेट्रोल और डीजल की कीमतें फिर सताना शुरू करेंगी। क्‍योंकि कच्‍चे तेल का दाम रिकॉर्ड स्‍तर पर चल रहा है और विधानसभा चुनाव भी खत्‍म होने वाले हैं। ऐसे में कीमतों में बढ़ोतरी अगले सप्ताह फिर से शुरू होने की आशंका है। यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में 100 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी से पैदा हुए 9 रुपये प्रति लीटर के अंतर को पाटने के लिए होगी। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 2014 के बाद पहली बार 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हैं।

मोदी सरकार का यह शगल बन चुका है कि विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में घट-बढ़ को रोक दो। यह हैरानी की बात है कि पिछले सवा तीन महीने से पेट्रोल डीजल के दाम स्थिर हैं जबकि इनके दाम रोजाना सुबह छह बजे तेल विपणन वितरक कंपनियां तय करती हैं। पेट्रोल-डीजल के डी-कंट्रोल के बाद से मोदी सरकार को यह हक नहीं कि दैनिक स्तर पर पेट्रोल- डीजल के दामों को प्रभावित कर सके। वह केवल पेट्रोल-डीजल पर करों को घटा-बढ़ाकर इनके दामों को प्रभावित कर सकती है। 2017 से सरकार ने करों में लगातार वृद्धि की है। इस अवधि में दो ऐसे अवसर आए जब पेट्रोल-डीजल पर करों में कटौती की गई है।

अब तय है कि 7 मार्च को विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत वृद्धि से तगड़ा झटका लगने वाला है। इसे रोकने के लिए मोदी सरकार करों में कटौती कर कोई राहत देगी, इसकी उम्मीद बेमानी है क्योंकि मोदी सरकार ने कोविड काल में भी पेट्रोल-डीजल में करों में भारी वृद्धि में शर्म महसूस नहीं हुई।

जब से मोदी सरकार केन्द्र पर काबिज हुई है, पेट्रोल- डीजल के करों में 250 से 800 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है। इसकी पृष्ठभूमि जान लेना जरूरी है, तभी आपको मोदी सरकार के कसाई सरीखे व्यवहार का एहसास हो पाएगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब-तब कच्चे तेल के दाम कम हुए, मोदी सरकार नेबड़ी बेरहमी से अपनी झोली भरने में कसर नहीं छोड़ी और किस्म-किस्म के करों के जरिये जनता पर नया बोझ थोपती चली गई। 2013 में यूपीए सरकार के समयअंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 113 डॉलर प्रति बैरल हो गए थे और तब पेट्रोल की बाजार कीमत थी 65 रुपये प्रति लीटर के करीब। फरवरी, 2016 में इसके दाम लगातार गिरके 31 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गए लेकिन पेट्रोल की कीमत थी करीब 62 रुपये प्रति लीटर

कोविड काल के भयावह दृश्यों को कौन भूल सकता है। करोड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल चलकर अपने गांवों तक जाने को मजबूर थे। लाखों परिवारों नेअपने प्रियजनों को खो दिया था। तालाबंदी के दौरान करोड़ों लोग अपनी जीविका से हाथ धो बैठे थे। ऐसी स्थिति में अन्य देशों की तरह मोदी सरकार को भी पीड़ित लोगों की नकद सहायता का व्यापक बंदोबस्त करना चाहिए था। पर किया उल्टा। मार्च 2020 से मार्च 1, 2021 की अवधि में पेट्रोल पर 12.92 और डीजल पर 15.97 रुपये प्रति लीटर के शुल्क बढ़ा दिए। ऐसा ‘राक्षसी’ कृत्य तो कोविड के दौरान किसी भी देश ने नहीं किया होगा।

2014-2015 में पेट्रोल, डीजल और प्राकृतिक गैस से मोदी सरकार को 74,158 करोड़ रुपये का कर-राजस्व मिला जो मार्च, 2020 से जनवरी, 2021 के दरम्यान बढ़कर 2.95 लाख करोड़ रुपये हो गया, यानी तीन गुना से अधिक। यह जानकारी खुद केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा को दी! 2014-15 में पेट्रोल और डीजल पर शुल्क 9.48 और 3.54 रुपये थे जो जनवरी, 21 तक बढ़कर क्रमश: 32.90 और 31.80 रुपये हो गए।

सबसे ज्यादा टैक्स भारत में

दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स भारत में है जहां प्रति व्यक्ति आय बहुत कम है। प्रति व्यक्ति आय की 2017 की 190 देशों की सूची में भारत 122वें पायदान पर है। पर देश में मोदी सरकार की निर्मम पेट्रोल-डीजल नीति ने कृषि की कमर ही तोड़ कर रख दी। इनके अत्यधिक महंगे होने से मांग लगातार कमजोर बनी हुई है। इससे पर्याप्त नया निवेश नहीं हो पा रहा है और रोजगार के अवसर घटते जा रहे हैं। 2014 में पेट्रोल-डीजल के बीच कीमत अंतर 24 रुपये था जो अब घटकर 8.74 रुपये रह गया है। जून, 2020 में देश में पहली बार डीजल पेट्रोल से महंगा हो गया। जैसे-जैसे डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई, पेट्रोल-डीजल की कीमत का अंतर कम होता गया। इससे खेती और किसानों के हालात बिगड़ते चले गए।

गिरने वाली है गाज

मोदी सरकार का परम विश्वास है कि चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहेंगे, तो उसे लोगों को भरमाकर वोट लेने में सहूलियत रहेगी। पिछले साल मार्च-अप्रैल में प. बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों के पहले भी पेट्रोल-डीजल के दाम मोदी सरकार ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए स्थिर करा दिए थे। और अब जैसे ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हुई तो फिर पेट्रोल-डीजल के दामों को स्थिर करा दिया गया। देश में पिछले सवा तीन महीनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं जिसका लाभ चुनावों में बीजेपी उठाना चाहती है। चुनावों की खातिर मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल के करों में 3 नवंबर को 5 और 10 रुपये की कटौती की थी। तब से इनके दाम स्थिर बने हुए हैं।

अब 10 मार्च को चुनाव नतीजों के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी कीमत वृद्धि की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। 30 नवंबर, 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल थी जो आजकल 92-93 डॉलर है, यानी 17-18 डॉलर की बढ़ोतरी।

यूक्रेन समस्या और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की सख्त मौद्रिक नीति की संभावना की तलवार का कच्चे तेल की कीमतों पर लगातार दबाव बना हुआ है। मोदी सरकार के पेट्रोल-डीजल की निर्मम नीति को देखते हुए प्रधानमंत्री से किसी राहत की उम्मीद करना बेकार है।

आवश्यक वस्तुओं पर पड़ेगा प्रभाव

पाकिस्तान में हाल ही में पेट्रोल-डीजल के दामों में करीब 12 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई। इससे हाहाकार मच गया और इमरान सरकार को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जब भी पेट्रोल- डीजल के दामों में भारी वृद्धि होती है, महंगाई के एक नए चक्र को जन्म मिलता है। भारतीय रुपये में भी आकलन करें तो कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तकरीबन 8-10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। भारत में जनता पर कितनी तीखी मार होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि टुकड़ों में होगी या एक साथ।

पेट्रोल-डीजल की भारी कीमत वृद्धि का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। पर रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका प्रभाव तत्काल पड़ता है जैसे सब्जियां, दालें, मसाले, दूध-मक्खन, ब्रेड आदि। विर्निमित वस्तुओं पर प्रभाव पड़ने में थोड़ा समय लगता है। आवाजाही और उत्पादन लागत बढ़ने से इसका असर चैतरफा होता है। पेट्रोल-डीजल की कीमत वृद्धि की मार कितनी तीखी होगी, यह विधानसभा के नतीजों पर भी निर्भर करेगा।

साभार : राजेश रपरिया

मौजूदा सरकार ने नहीं मानी कर्मचारियों की मांग तो हमारी सरकार लागू करेगी ओपीएस- दीपेंद्र हुड्डा

  • पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री खट्टर को दिया जवाब
  • कहा- राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार क्यों नहीं?
  • 1 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने लागू की थी नयी पेंशन स्कीम – दीपेंद्र हुड्डा
  • कांग्रेस की आड़ लेने की बजाय उसका अनुसरण करें मुख्यमंत्री खट्टर- दीपेंद्र हुड्डा
  • अपने घोषणापत्र में किए गए वादे को पूरा करे जजपा – दीपेंद्र हुड्डा

2 मार्च, चंडीगढ़:

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर से सवाल पूछा है। सांसद दीपेंद्र ने पूछा कि अगर राजस्थान में कांग्रेस सरकार ओपीएस लागू कर सकती है तो हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को कांग्रेस की आड़ लेने की बजाए उसका अनुसरण करना चाहिए और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देना चाहिए। खुद सत्ता सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने बाकायदा चुनावी घोषणापत्र में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया था। सवाल उठता है कि जेजेपी अपने ही चुनावी वादे से पीछे क्यों हट रही है?

इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नयी पेंशन स्कीम का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ना चाहते हैं। जबकि, तमाम कर्मचारी जानते हैं कि देश में नयी पेंशन स्कीम 1 जनवरी 2004 को अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने लागू की थी। उस वक्त इसे पुरानी स्कीम से बेहतर बताया गया था और दावा किया गया था कि यह कर्मचारियों के लिए ज्यादा लाभकारी है। इसलिए कई राज्य सरकारों ने भी इसे अपनाया था। लेकिन, 2014-15 आते-आते इसके दुष्परिणाम दिखने लगे और स्पष्ट हो गया कि नयी पेंशन स्कीम कर्चारियों के लिए हितकारी नहीं है। नयी स्कीम के तहत रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। इसलिए कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन स्कीम दोबारा लागू करने की मांग उठानी शुरू कर दी। कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम उनके बुढ़ापे का सुरक्षा कवच था, जिसे भाजपा सरकार ने छीन लिया।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में भी कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। लेकिन बीजेपी एनपीएस का मोह त्यागने के लिए तैयार नहीं है। एनपीएस की विफलता के साक्षात प्रमाण मिलने के बावजूद सरकार इसे कर्मचारियों पर थोप रही है। जबकि, उसे बिना देरी किए राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी ओपीएस लागू करनी चाहिए। लेकिन अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती है तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर हम कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करेंगे।

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“The Marginalized: Continuities and Changes,”

Chandigarh March 2, 2022

             A Faculty Development Programme from 2-8 March, 2022 on “The Marginalized: Continuities and Changes,” organised by Prof. Sheena Pall, Coordinator, Dr B.R. Ambedkar Centre and Dr. Priyatosh Sharma, Chairperson, Department of History, Panjab University, Chandigarh in collaboration with Human Resource Development Centre, started today with lectures by eminent scholars.  The Chief Speaker of the inaugural session, Prof. Devinder Singh, stated that the marginalised should be uplifted in all spheres of life.  Prof. Reicha Tanwar, Former Director, Women Studies Research Centre, Kurukshetra University underscored the need to end the marginalisation of women in higher educational institutions.  She stated that interdisciplinary research, gender main streaming and affirmative action was needed to bring about gender equality.

MAHASHIVRATRI CELEBRATED AT GH-6

Chandigarh March 2, 2022

 Mahashivratri is celebrated at Girls Hostel No. 6, Mother Teresa Hall, P.U., Chd.. The warden, Dr. Manisha Sharma, staff and residents of the hostel worshipped Lord Shiva on this occasion. Prof. Jagtar Singh, DSW, Prof. Meena Sharma, DSW(W), Prof. Ashok Kumar, Associate DSW and wardens of other hostels visited the temple of GH-6 for pooja. Ex-DUI, Prof. S.K. Tomar alongwith his wife also attended this occasion. The entire atmosphere was filled with positivity. Residents were very excited and enjoyed the celebrations. Milk and fruits were distributed among the worshippers.

“Faculty Development Training Program”

Chandigarh March 2, 2022

The Department of Microbiology, Panjab University, Chandigarh in association with the Punjab State Council of Science and Technology inaugurated the “Faculty development training program” in “Industrial Microbiology and Fermentation Technology” under “DBT-GOI skill vigyan program” today which will be held from 2nd March to 26th March, 2022.

The inauguration function  started with a welcome address by Dr. Deepak K. Rahi, Chairman, Department of Microbiology, Panjab University, who gave an overview of the Department and briefly discussed how industrial fermentation technology is a vibrant and fast growing area of biotechnology, absorbing an ever increasing processes and products. Dr. Dapinder Bakshi, Joint Director, PSCST who discussed about the “Skill vigyan program” of DBT and PSCST.

Chief Guest of the program Dr. Jatinder Kaur Arora, Executive director, PSCST, emphasized that we should commercialize the technologies developed, she also discussed about the AVSAR programs, different research fellowships and the importance of connecting theoretical knowledge of the students to the practical knowledge.

Dr. Manu Sharma, Director, CIIPP and TEC, PU, Chandigarh was the Guest of Honour who gave a brief note on the use of green technologies and how the microbes can help in achieving this goal.

The key note speaker of the program, Dr. Prince Sharma, Former Dean Science, Punjab University, Chandigarh and Professor, Department of Microbiology delivered a talk on “Opportunities for green, sustainable technologies and start-ups.” Prof. Sharma started with summarizing the history of industrial enzymes, their use, economics and major companies involved in the enzyme production. He also discussed about the studies on enzymes being carried out in his lab, technologies transferred to the industry, various start-ups, and how these enzymes can act as an alternate to chemical derivatives for various processes.

Prof. S.K. Soni, Professor, Department of Microbiology and the coordinator of the program briefed the participants about the theme and duration of the program. He also discussed about the importance of microorganisms and their exploitation for the formation of value added products such as antibiotics, probiotics and clean fuel.

The program ended with a vote of thanks which was delivered by Dr. Naveen Gupta, Senior faculty, Department of Microbiology.