181 के प्रकरणों को निपटाने के निर्देश, बाबुओं के पास पड़े प्रकरण भी निपटाए जाएं
करणीदानसिंह राजपूत, सूरतगढ़:
जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन की अध्यक्षता में अधिकारियों की समीक्षा बैठक 10 अगस्त 2021 में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन श्री भवानी सिंह पंवार ने 181 हेल्पलाईन पर दर्ज प्रकरणों को निपटाने के लिये निर्देश दिए। यह कहा कि प्रकरण लम्बित रहने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही होगी।
उन्होंने कहा किअधिकारी प्रतिदिन पोर्टल को खोलकर प्रकरण निपटायें। अधिकारी स्वयं रिव्यू कर प्राॅपर रिप्लाई दें व जिला कलक्टर को प्रगति से अवगत करवायें। उन्होंने कहा कि जन हित के सभी मुद्दों को अधिकारी संवेदनशीलता से लें व इनका निपटारा करें।
अधिकारियों को 181 पर दर्ज प्रकरणों के निस्तारण के लिए बार बार निर्देश देने पड़ें तो कार्य करने की गति का और अधिकारियों की कार्यकरने के प्रति सजगता और उदासीनता का मालुम पड़ता है।
181 पर दर्ज प्रकरणों पर बार बार निर्देश और यह कहना पड़े कि प्रकरण निपटाने में अनदेखी पर सबंधित के विरुद्ध कार्यवाही होगी। यह भी कि उसके अधिकारी को लिखा जाएगा।
यह हालात 181 प्रकरणों की है तब अन्य प्रकरणों की क्या हालत है? हरेक अधिकारी अपने अपने कार्यालय में भी हर रोज झांके कि बाबुओं ने कितनी फाईलें कितने प्रकरण केवल अपनी ईच्छा से अनावश्यक रोक रखें हैं। काम को टालने की आदत के कारण आदेश और निर्णय हो जाने वाले प्रकरण रोक रखे हैं तथा अधिकारी के सामने पेश नहीं कर रहे। कोई काम जो तत्काल होने वाला है या एक दो दिन में होने वाला है वह केवल बाबुओं की व्यक्तिगत नीति से महीनों तक लंबित पड़े रहते हैं। अधिकारियों को अपने कार्यकाल में अपने बाबुओं पर भी ध्यान रखना और एक एक फाईल और विषय पर जानकारी लेनी चाहिए।
अधिकारियों द्वारा जब अपने ही कार्यालयों मे सख्ती होगी तब कोई भी काम रुक नहीं पाएगा। काम करने की परिपाटी उल्टी चलाई जा रही है। अधिकारी फाईल मांगते हैं तब फाईल पेश की जाती है। बाबु फाईल पूरी होने, प्रकरण निस्तारण की कार्यवाही पूर्ण होने पर भी खुद अधिकारी के समक्ष पेश नहीं करता। यह भी होता है कि अधिकारी की नोटिंग होने के बावजूद बाबु के पास फाईल अनेक दिन,महीनों तक पड़ी रहती है और बाबु उसमें एक लाईन तक नहीं लिखता। इस तरह की उदासीनता लापरवाही निकम्मा पन तभी दूर हो सकता है जब अधिकारी अपने ही दफ्तर में प्रतिदिन जानकारी लेते रहें ।
इस तरह से सभी के कार्य शीघ्रता से निस्तारित होंगे। देखते हैं कि अधिकारी चाहे छोटे हों या बड़े अपने बाबुओं की कार्यप्रणाली को कब देखते हैं और रुके कामों को शीघ्रता से निपटाते हैं।