सुशांत ने अत्महत्या नहीं की, यह प्लांन्ड मर्डर है: कंगना रनौट
राजविरेन्द्र वसिष्ठ :
सुशांत सिंह राजपूत नहीं रहे। सोशल मीडिया पर तरह तरह की बातें पढ़ने सुनने को मिल रहीं हैं। कहीं वह एक नायक हैं तो कहीं वह हारे हुए अभिनेता। जीतने पर कोई भी ख़ुदकुशी नहीं करता। फिर सुशांत के हारने के क्या कारण थे? क्या कारण थे की छिछोरे के बाद सुशांत ने ए साथ 7 फिल्में साइन कीं और वह अपने सबसे अच्छे दिनों का आनंद ले रहे थे। यह 7 फिल्में उन्हे उनकी प्रतिभा ए बल पर मिलीं थीं, पर किसी के हाथ से तो यह फिल्में फिसल गईं थीं। इंडस्ट्री में जुम्मा जुम्मा आए आठ दिन नहीं हुए और एक साथ 7 फिल्में! भाई भतीजावाद वाली इस फिल्म इंडस्ट्री में बाहरी को इतना सम्मान यह कैसे हो गया, बिना किसी कारण यह सातों फिल्में स्शांत के हाथ से निकाल गईं या यूं कहें की यह फिल्में उनसे छीन लीं गईं। फिल्में बंद नहीं हुईं बस नायक बदल दिये गए। संजय निरूपम ने सुशांत की मौत को हत्या कहा है। यदि यह हत्या है तो जांच तो होनी ही चाहिए।
कंगना रनौत सुशांत की मौत को लेकर बहुत व्यथित है। कंगना की ही भांति सुशांत भी एक गैर फिल्मी परिवार से आते हैं। कंगना ने फिल्म उद्योग के रिश्तों का दंश झेला है जो सुशांत भी झेल रहे थे। कंगना को सुशांत उनकी कर्मठता, जिम्मेदाराना व्यवहार और अपने परिवार से जुड़े रहें के आरन बहुत ही अधिक पसंद थे। कंगना ने इंडस्ट्री को एक तरफा अथवा यूं कहें की भाई भतीजावाद की अंदरूनी लोब्बीस(lobbies) जिनहे बर्दाश्त नहीं होता की कोई बाहरी आ कर अपने दम खम पर छा जाये। सुशांत के हुनर के आगे कई नामी गिरामी चेहरे फीके पड़ रहे थे। सुशांत का अपना ही एक अंदाज़ था जो युवा मन में उत्साह तो जागता ही था साथ ही एक नयी शुरुआत का जज़्बा हासिल करवा देता है कंगना ने अपनी मेहनत से वह मुकाम हासिल कर लिया है जो यहाँ के दिग्गजों की दूसरी या तीसरी पीढ़ी को भी नसीब नहीं होता। कंगना ने अपने क्षोभ को twitter पर उतारा।
कंगना ने उन सभी लोगों पर करारा प्रहार किया है जो सुशांत की आत्महत्या को कायरता भरा कदम बता रहे हैं. जिन्होंने भी सुशांत की आत्महत्या को नशे आदि से जोड़कर देखा, उन सभी को कंगना ने आड़े हाथों लिया है. कंगना की टीम की ओर से ट्विटर पर डाले गए एक वीडियो में कंगना ने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा कि ये कोई सुसाइड नहीं बल्कि एक प्लान मर्डर है.
‘गली बॉय’ जैसी वाहियात फिल्म को दिया अवॉर्ड, ‘छिछोरे’ को नहीं
कंगना ने कहा, “सुशांत सिंह राजपूत कई इंटरव्यूज में ये कह चुके थे कि उन्हें इंडस्ट्री अपना नहीं रही है. जबकि वो लगातार अच्छी फिल्में कर रहे थे.” कंगना ने ये भी कहा, “सुशांत की पहली फिल्म (काय पो चे) को फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने इज्जत नहीं दी. इसके बाद ‘एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी’ या ‘छिछोरे’ को भी वैसा सम्मान नहीं दिया गया जैसा उसे मिलना चाहिए. जबकि ‘गली बॉय’ जैसी वाहियात फिल्म को इतने सारे अवॉर्ड दिए गए.”
‘सुशांत के काम को अहमियत नहीं देते थे इंडस्ट्री के लोग’
कंगना का कहना है कि सुशांत को इस इंडस्ट्री के लोगों ने सात सालों के करियर में वो मान्यता नहीं दी जिसके वो हकदार थे. कंगना ने यह आरोप भी लगाया कि सुशांत ने सुसाइड नहीं किया बल्कि उसका एक प्लान मर्डर हुआ है. क्योंकि आज लोग मुझे भी ऐसे मैसेज कर रहे हैं कि बहुत कठिन समय चल रहा है तुम कोई ऐसा वैसा कदम मत उठा लेना. आखिर इस तरह के मैसेज का क्या मतलब है. क्यों मेरे दिमाग में सुसाइड कर लेने जैसी बात डाली जा रही है.”
‘संजय दत्त का एडिक्शन इंडस्ट्री के लोगों को क्यूट लगता है’
कंगना ने आरोप लगाया कि बहुत से लोगों को संजय दत्त का एडिक्शन क्यूट लगता है जबकि इंडस्ट्री में बाहर से आए लोगों को लेकर कहानियां बनाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि आखिर क्यों उनके नाम पर छह केस दर्ज कराए गए ताकि वो परेशान रहें.
रणवीर शौरी की खीज, झुंझलाहट गुस्सा फूट कर twitter पर निकला है। रणवीर शौरी भी इन दोनों (कंगना और सुशांत) की ही भांति गैर फिल्मी परिवार से आते हैं, प्रतिभा के धनी लेकिन फिल्मी बाड़ेबंदियों से मात खाये हे हैं। उनके काम को भी पूरा श्रेय नहीं दिया जाता। सोन चिराया के अपने सह कलाकार को याद करते हुए शौरी ने बॉलीवुड को अपनी संपत्ति समझने वालों पर निशाना साधा है. उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर बॉलीवुड के दिग्गजों को गैर जिम्मेदार चौकीदार करार दिया है.
रणवीर ने बॉलीवुड के बड़े निर्माताओं की ओर इशारा करते हुए लिखा- ‘उसने जो फैसला लिया, वह उसका खुद का था. इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. वह एक बड़ा दांव खेल रहा था, जहां सब जीतना और हारना था. लेकिन खुद को ‘बॉलीवुड के चौकीदार’ कहने वालों के बारे में जरूर कुछ कहना होगा.’
इतना ही नहीं शौरी ने एक अन्य ट्वीट में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा- ‘उन्हें इस बारे में जरूर कुछ कहना चाहिए जो वह खेल, खेल रहे हैं और उन्हें अपने दोगलेपन के बारे में भी बताना चाहिए. उन्हें उस ताकत के बारे में भी बात करनी चाहिए जो उन्होंने जुटा रखी है लेकिन फिर भी कोई जिम्मेदारी नहीं है. ताकत का इस्तेमाल वह सिर्फ अपनी विरासत को आगे बढ़ाने में करते हैं और देश का मीडिया उनकी गोद में बैठा हुआ है.’
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर बाहर आने के बाद बॉलीवुड के कई सितारों ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज उठाई है. रणवीर शौरी ने बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद की प्रथा को लेकर लिखा- ‘बड़े लोगों की ताकत ही यह फैसला करती है कि यहां कौन स्टार बनेगा और कौन यहां से बाहर जाएगा. जब किसी कैसीनो में जिस मेज पर सबसे बड़े लोग बैठकर दांव लगाते हैं और वहां कोई हारता है तो वहां कोई सवाल नहीं किया जा सकता. क्योंकि, उस समय बाकी सभी लोग अपना खेल खेलने में मस्त होते हैं. सच्चाई सभी जानते हैं कि यह खेल पहले से ही फिक्स है.’
शेखर कपूर अपने दुख को अपने गुस्से के साथ ज़ाहिर करते हैं।
शेखर ने ट्वीट कर अफसोस जताया कि आखिरी के 6 महीने वह सुशांत सिंह राजपूत के टच में नहीं थे.
उन्होंने कुछ देर पहले ट्वीट कर सुशांत के जाने का दुख व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, ‘मुझे पता था कि आप किस दर्द से गुजर रहे हैं. मुझे लोगों की कहानी पता है, जिन्होंने तुम्हें इतनी बुरी तरह गिराया कि तुमने रोने के लिए मेरे कंधे का साहारा लिया. काश पिछले 6 महीनों में मैं तुम्हारे आस-पास होता. काश, तुम मेरे पास पहुंचे होते. तुम्हारे साथ जो हुआ वह उनका कर्म था. तुम्हारा नहीं.’ शेखर कपूर अपनी फिल्म “पानी” के लिए सुशांत सिंह राजपूत को कास्ट करने वाले थे. फिल्म को लेकर काफी काम भी हो चुका था. सुशांत का नाम फाइनल था, लेकिन कुछ कारणों से यशराज फिल्म्स ने इस प्रोजेक्ट को रोक दिया और ये फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज नहीं हो पाई.