एकतरफा संघर्ष विराम में हुए 62 हमले और 40 लोग मरे गए

 

रमजान के दौरान घाटी में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर लगी रोक के दौरान रिकॉर्ड 20 ग्रेनेड अटैक, 62 आतंकी हमले हुए। इसमें 41 लोगों की जान गई। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है। हिंसा में हुई बढ़ोत्तरी ने सरकार को कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है, जिसके बाद रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सीजफायर को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। उन्होंने ने कहा कि हमने पहल की लेकिन आतंकियों ने सुरक्षाबलों एवं नागरिकों पर हमले जारी रखे। अब सुरक्षा बलों को निर्देश दिया जाता है कि वह पहले की तरह सभी जरूरी कार्रवाई करें ताकि आतंकवादियों को सबक सिखाया जा सके।

केंद्र की ओर से घोषित एकतरफा संघर्ष विराम का इस्तेमाल आतंकी संगठनों ने खुद को मजबूत करने के लिए किया। मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक संघर्ष विराम की घोषणा के बाद शुरुआती 19 दिनों में ही 23 युवक आतंकी संगठनों में भर्ती हुए, जबकि इस साल के शुरू से अप्रैल तक यह संख्या 125 थी।

केंद्र सरकार ने 17 मई को निर्णय लिया था कि रमजान के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ अभियान नहीं चलाएंगे। इस निर्णय का जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी स्वागत किया था। हालांकि इस दौरान जमीनी वास्तविकता अलग रही। अधिकारियों के अनुसार, 17 अप्रैल से 17 मई के बीच 18 आतंकी घटनाएं हुई थी जबकि रमजान के पाक महीने में यह आंकड़ा बढ़कर 50 पार चला गया।

अभियान पर रोक के दौरान आतंकवादियों ने एक सैनिक की जघन्य हत्या कर दी, उदारवादी रवैया अपनाने वाले आम नागरिकों पर हमले किए और आखिरकार जानेमाने पत्रकार शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या कर दी जो शांति की एक सशक्त आवाज थे।

सेना और पुलिस ने बताया कि मरने वालों में 24 आतंकवादी थे। अधिकतर आतंकी कुपवाड़ा के सीमावर्ती इलाके में मारे गए। ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और अल बद्र समूहों से थे जो हाल ही में घाटी में घुसे थे। उत्तर कश्मीर में तैनात एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि ये आतंकवादी उच्च प्रशिक्षित थे जिन्हें पाक प्रशासित कश्मीर (पीओके) से लॉन्च किया गया था।

रमजान के दौरान सेना के 4 जवान सहित नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले से सेना के जवान औरंगजेब का आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर लिया था और उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था। कश्मीर घाटी में इस साल 55 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसी साल 27 स्थानीय लोगों की भी जान गई। कश्मीर की स्थिति अत्यधिक गंभीर मानी जा रही है क्योंकि पिछले चार महीने में यहां करीब 80 हिंसक घटनाएं हुई हैं।

इसके अलावा रमजान में ग्रेनेड हमलों में भी बढ़ोत्तरी हुई। अधिकारियों ने बताया कि ग्रेनेड हमले में 62 आम नागरिक और 29 सुरक्षाकर्मी घायल हुए। जो दो साल में किसी एक महीने में सबसे ज्यादा है। इस दौरान सुरक्षा बलों के हाथों नागरिकों की मौत की संख्या में गिरावट दर्ज हुई है। पिछले एक महीने के दौरान चार लोग मारे गए थे, उनमें से दो पिछले दो दिनों में मारे गए थे।

पिछले साल रमजान के दौरान पत्थरबाजी की 200 घटनाओं की तुलना में इस बार 60 इस तरह की घटनाएं हुई। बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को 28 जून से शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को बाधित करने के कुछ आतंकवादी संगठनों के मंसूबों के बारे में सतर्क किया था और दक्षिण कश्मीर में कुछ अभियान चलाने की जरूरत बताई थी।

नीति आयोग की बैठक में राज्यों ने रखे अपने विचार

दरअसल, राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक आयोजित की गई। इस दौरान NITI आयोग की तरफ से ट्विटर के माध्यम से अद्यतन जानकारी साझा की जा रही थी। बैठक में करीब 25 प्रदेशों के प्रतिनिधियों (मुख्यमंत्री या राज्यपाल) ने शिरकत की। इस दौरान राज्यों को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग सबसे प्रमुख रही।
बैठक में सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अपनी बात रखते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की। उन्होंने बैठक में आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से केंद्र सरकार के इनकार का भी मामला उठाया। TDP प्रमुख की इस मांग का समर्थन करते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के लिए भी विशेष राज्य के दर्जे की मांग की।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें बिहार जैसे पिछड़े राज्यों को देश के अन्य राज्यों के स्तर पर लाने की जरूरत है। NITI आयोग को इस बात का आंकलन करना चाहिए कि विशिष्ट राज्यों की जरूरतों के हिसाब से कैसे योजनाओं को क्रियान्वित किया जा सकता है। अर्से से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग का भी पुरजोर समर्थन किया।

बैठक में अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने स्मार्ट सिटी के लिये पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में वित्त पोषण जरूरतों में छूट देने पर जोर दिया। खांडू ने इटानगर में हवाईअड्डे के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के लिये स्मार्ट सिटी के लिये वित्त पोषण में 90:10 का अनुपात रखने की बात कही। साथ ही अरूणाचल प्रदेश के लिये आईएएस, आईपीएस, आईएफएस के लिये अलग कैडर की मांग की।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि देश को 8 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों को 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश पिछले चार साल से 10.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि हम तत्परता से केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं को लागू कर रहे हैं। बच्चों के पोषण अभियान के तहत हम ‘वजन त्यौहार’ जैसी योजनाएं चला रहे हैं। हमने आयुष्मान भारत के लिये नोडल एजेंसी मनोनीत किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम मृदा स्वास्थ्य केंद्र, सिंचाई सुविधाओं तथा ई-नाम जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिये राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के लिये कदम उठा रहे हैं। उन्होंने NITI आयोग की संचालन परिषद को संबोधित करते हुए कि वह कृष क्षेत्र में एमएसपी लागू करने, गन्ना कीमतों, अनाज की खरीद, सिंचाई पर जोर दे रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य, पोषण शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

उत्तराखंड मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में ग्रीन बोनस की मांग रखी है, जिसका समर्थन मध्यप्रदेश CM शिवराज ने भी किया है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मसले पर तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर अगर कुछ मुख्यमंत्री राजनीति करना चाहते हैं तो NITI आयोग उनके लिए सही जगह नहीं है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बैठक में राज्य के 3500 ग्रामीण हाट के नवीनीकरण के लिए एग्री इन्फ्रा फंड में से निधि दिया जाये । इससे किसानों के माल की बिक्री बढ़ेगी। जीवनावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दूध की एमएसपी निश्चित की जाये। दूध पावडर पर 10% प्रोत्साहन सब्सिडी दी जाए। चीनी कारखानों को साफ्ट लोन की पुनर्रचना कर दिया जाए। साथ ही कर्ज चुकाने के समय मे 2 साल की बढ़ोतरी की बात कही।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने पर राज्य सरकार काम कर रही है। इसके लिए हरियाणा में किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया गया है। गन्ने का भाव ₹330 प्रति क्विंटल जो देश में सर्वाधिक है।

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जल सूचकांक तैयार करने के लिये NITI आयोग की सराहना करते हुए कहा कि हमारा जोर कृषि विपणन, ई-नाम, सिंचाई, भामाशाह योजना, जल संरक्षण कार्यक्रम, स्वास्थ्य योजनाओं पर है।

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि हमने इस साल बजट इलेक्ट्रॉनिक रूप से पेश किया। हम आयुष्मान भारत, पोषण अभियान और ग्राम स्वराज अभियान जैसी प्रमुख योजनाओं को प्रमुखता से लागू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप तीन और सात साल के लिये योजना भी तैयार की है।

दिल्ली के राजभवन में सात दिन से धरने पर बैठे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समर्थन में चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपना समर्थन जताने के बाद इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि मैंने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के माननीय मुख्यमंत्रियों के साथ आज माननीय प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार की समस्याओं का तत्काल समाधान करने का अनुरोध किया।

इससे पहले, अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने अब चुनौती वृद्धि दर को दहाई अंक तक पहुंचाने की है। जिसके लिए कई और महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे।

NSUI Haryana to Visit Governor

Media incharge of NSUI Haryana  Deepanshu Bansal will give a memorandum to Hon’ble Governor,Govt. of Haryana regarding discontinuation of 39 subjects in 59 govt. Colleges of Haryana 18th June, 2018 11:00 AM.
Members of Nsui delegation will give a memorandum to continue the subjects in colleges with an immediate effect

‘न्यू इंडिया 2022’ के लिए विकास एजेंडा 1 महीने में

नई दिल्ली: 

नीति आयोग ने कहा कि ‘न्यू इंडिया 2022’ के लिए विकास एजेंडा को राज्यों की टिप्पणियों के बाद एक महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. नीति आयोग इस दस्तावेज पर काफी समय से काम कर रहा है. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने परिषद की हुई चौथी बैठक में इस मुद्दे को नहीं उठाये जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘न्यू इंडिया 2022 के विकास एजेंडा को अभी भी सुधारा जा रहा है. इसे नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में आज प्रस्तुत नहीं किया गया. हम चाहते हैं कि दस्तावेज में जमीनी हकीकतें दिखें.’’

आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने जोर दिये जाने पर कहा, ‘‘विकास योजना (दस्तावेज) लगभग तैयार है , इसे टिप्पणी के लिये जल्दी ही राज्यों के पास भेजा जाएगा. हमें अधिक परामर्श की जरूरत लगी. इसे एक-डेढ़ महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ’’

हरियाणा आज अपराध, गैंग रेप और जान माल के नुकसान के मामले में देश में सबसे आगे: दीपेन्द्र

 

रोहतक 17 जून :

आज महम में आयोजित कार्यकर्त्ता सभा में मौजूद भारी संख्या में कार्यकरताओ से आर-पार की लड़ाई के लिये जुट जाने का आह्वान करते हुए कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा जो प्रदेश विकास मे देश मे सबसे आगे था उसे तली पे ले के जाने का काम भाजपा सरकार ने किया है। दुर्भाग्य की बात है कि एक समय पर विकास की दौड़ में देश में कीर्तिमान स्थापित करने वाला हरियाणा आज अपराध, गैंग रेप और जान माल के नुकसान के मामले में देश में सबसे आगे हो गया है। हरियाणा में अमन चैन भाईचारे, विकास, और किसान-गरीब के लिए संघर्ष का समय आ गया है और इस जनविरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ कर दोबारा प्रदेश को भाईचारे की नींव पर विकास की पटरी पर लाना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आपने हमारे से पहले वाली इनेलो – भाजपा की सरकार भी देखी, कांग्रेस के दस वर्ष भी देखे और अब 4 साल से भाजपा सरकार का कार्यकाल भी देखा। तीनों सरकारों के काम-काज को तोलने का समय आ गया है। यदि आपको लगता है कि हमारी सरकार में किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी, समाज का हर वर्ग खुशहाल और हरियाणा आगे बढ़ रहा था, तो आप सभी एक बार फिर चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के साथ खड़े हो जाओ वहीं पुराने दिन फिर आ जायेंगे।

सांसद ने भाजपा पर प्रदेश को विकास के मामले में पीछे ले जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा के लोगों ने भाजपा को हरियाणा को विकास के मामले में और आगे ले जाने की उम्मीद से सत्ता की चाभी दी थी मगर चार साल में उनको केवल निराशा ही हाथ लगी। जो प्रदेश प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, कृषि उत्पादकता, खेल और खिलाड़ियों में पूरे देश में नम्बर वन पर था उसको पीछे ले जाकर अपराध और अराजकता की आग में ढकेलने का काम किया है भाजपा सरकार ने। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि नौकरियां परचून की दूकान की तरह रेट लिस्ट लगा कर नीलाम करी जा रही हैं। किसान को उसकी कड़ी मेहनत की फसल का उचित भाव नहीं मिल रहा है और मजदूर को मजदूरी के लिये तरसना पड़ रहा है, व्यापारियों का गल्ला खाली है, कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों को आन्दोलन करना पड़ रहा है, चारों ओर निराशा ही निराशा है, इन हालातों में भीषण गर्मी के बावजूद चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की जनक्रांति यात्रा में लाखों लोगों की शिरकत इस बात का सूचक है कि अब प्रदेश के लोग भाजपा सरकार से त्रस्त हो चुके हैं और उनको चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी नेतृत्व में ही आस है। सांसद ने कहा कि जनक्रांति यात्रा का तीसरा चरण 30 जून को पुन्हाना (मेवात) में जनसभा के साथ शुरू होगा,जो 2 जुलाई तक चलेगा।

सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के हालात ऐसे हो गये हैं कि समाज का हर वर्ग परेशान है और सड़कों पर आन्दोलन करने को मजबूर हो गया है। इन परिस्तिथियों में अब समय आ गया है जब हमे प्रदेश को दोबारा भाईचारे और विकास के पथ पर लेकर आने का संकल्प लेना होगा और इस भ्रष्ट, जनविरोधी तथा संवेदनहीन सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से जनक्रांति यात्रा में जुट जाने का आवाहन करते हुए कहा कि इसी सन्देश के साथ चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जी के नेतृत्व में प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने तक जनक्रांति यात्रा निकाली जार रही है। उन्होंने कहा कि जनक्रांति यात्रा के दौरान भाजपा सरकार से उसके चार साल में किये गए कामों का हिसाब भी माँगा जा रहा है।

सांसद ने कहा कि पिछले चार साल में जब जब किसान की फसल मण्डियों में आयी है किसान को मायूसी ही हाथ लगी है चाहे न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम दाम पर फसल खरीद की बात हो, बिजली न मिलने पर रिकॉर्ड महेंगे डीजल, खाद और कीटनाशक पर थोपा गया जीएसटी, कपास और गन्ने के भाव की बात हो। किसान को निराशा ही हाथ लगी है और कर्जे का बोझ बढ़ता जा रहा है। दीपेन्द्र ने कहा, भाजपा सरकार खोखले इवेंट मैनेजमेंट का ढोंग करना छोड़े और कर्ज से जूझ रहे किसानों का तुरंत कर्जा माफ करने का काम करे। अगर यह सरकार ऐसा नहीं करती है तो आने वाले समय में कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कलम से किसानों का कर्ज माफ़ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले भी कांग्रेस सरकार के दौरान चौ भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी ने किसानों के 1600 करोड़ रुपए के बकाया बिल माफ किए थे व केंद्र सरकार द्वारा 72,000 करोड़ के किसानों के कर्ज माफ किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह सरकार लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि मुख्य विपक्षी पाटी सरकार के खिलाफ न बोलकर सिर्फ चौ भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ बोलती है।

भाजपा सरकार पर प्रदेश भर में लाखों करोड़ रुपये लागत की मंजूरशुदा विकास परियोजनाओं को ठण्डे बस्ते में डालने का आरोप लगाते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि विकास के नाम पर पिछले साढ़े तीन साल में एक भी नयी परियोजना मंजूर नहीं हुई है और प्रदेश के विकास को तली पर ले जाने का काम भाजपा ने किया है।

यह सरकार पूरी तरह असंवेदनशील हो चुकी है और जब जनप्रतिनिधियों की समस्या सुनने कि बजाय उनको अपमानित कर भागने का काम कर सकती है तो एक साधारण नागरिक का क्या हाल होगा इस बात का अंदाजा हम लोग लगा सकते हैं। मगर अब इस सरकार के अहंकार का घड़ा भर चुका है और प्रदेश के लोग आने वाले चुनाव में वोट की चोट से भाजपा सरकार से पीछा छुड़ाने का काम करेंगे।

सिख रेफेरेंडुम 2020 पंजाब राजनीती का फीफा

 

अलग पंजाबी राष्ट्र बनाने के अलगाववादी रेफरेंडम-2020 का समर्थन करने पर आप विधायक सुखपाल सिंह खैरा चौतरफा हमलों में घिर गए हैं। शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा कई कांग्रेस विधायकों ने सुखपाल खैरा की कड़ी आलोचना करते हुए आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा और खैरा को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की।

उधर, सुखपाल खैरा ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि वे रेफरेंडम के हिमायती नहीं हैं लेकिन लगातार हो रहे भेदभाव के कारण सिख अलग राज्य की मांग कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी पंजाब ने रेफरेंडम-2020 पर खैरा के बयानों को उनकी निजी राय बताते हुए न सिर्फ पल्ला झाड़ लिया बल्कि यह भी संकेत दिए कि पार्टी इस मुद्दे पर सुखपाल खैरा से स्पष्टीकरण मांगेगी।

क्योंकि आप किसी भी अलगाववादी और देश विरोधी मुहिम का समर्थन नहीं करती। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का समर्थन करने पर सुखपाल खैरा के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज करने की मांग की है।

 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गर्मख्यालियों द्वारा पेश की गई अलगाववादी सिख रेफरेंडम-2020 का समर्थन करने के लिए खैरा की कड़ी आलोचना की। शनिवार को जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने खैरा के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि नेता विपक्ष पंजाब के इतिहास के बारे में समझ रखने के बिना इस तरह की विलक्षण और नाटकीय सियासत में लिप्त हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि खैरा अपने इस बयान या कार्रवाई के संभावित नतीजों को महसूस नहीं कर रहे। कैप्टन ने कहा कि पंजाब और यहां के लोगों ने अलगाववादी लहर के कारण कई साल तक गहरा संताप झेला है और खैरा इससे पूरी तरह अनजान लगते हैं। उन्होंने कहा कि खैरा को यह अनुमान नहीं है कि उनका बयान सूबे के लिए क्या खतरा पैदा कर सकता है।

मुख्यमंत्री ने खैरा के उस दावे को कोरा पाखंड करार दिया जिसमें खैरा ने कहा था कि वे इस रेफरेंडम का समर्थन करते हुए भारत की अखंडता के हक में खड़े हैं। कैप्टन ने खैरा द्वारा दोनों दिशाओं में लगाई दौड़ को एक विलक्षण केस बताया। उन्होंने कहा कि विवादपूर्ण रेफरेंडम का समर्थन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति स्पष्ट तौर पर भारत की सद्भावना को ठेस पहुंचा रहा है और वे किसी हालत में देश की एकता का समर्थक नहीं हो सकता।

 

 

सिखों के अलग राज्य की मांग संबंधी रेफरेंडम-2020 का समर्थन करने संबंधी खबरों का खंडन करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कहा है कि भले ही उन्होंने कभी इसका समर्थन नहीं किया लेकिन वे यह स्वीकार करने से नहीं झिझकते कि यह बंटवारे के बाद की केंद्र सरकारों के सिखों के प्रति पक्षपात और सौतेले व्यवहार का ही नतीजा है।

शनिवार को जारी एक बयान में खैरा ने कहा कि यह सिखों और पंजाबियों की महान कुर्बानियों का ही नतीजा है कि भारत ने आजादी हासिल की। भले ही ब्रिटिश सरकार ने सिखों को अलग पूर्ण राज्य की पेशकश की थी लेकिन सिखों ने भारत का हिस्सा बनने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि बंटवारे का सबसे ज्यादा संताप सिखों ने झेला जब उन्हें पूरी तरह उजड़कर भारत आना पड़ा। खैरा ने इसके साथ ही भाषाई आधार पर, पानी के बंटवारे, आपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए केंद्र की सरकारों द्वारा सिखों से भेदभाव किए जाने का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को अपनी सिख विरोधी नीतियों पर दोबारा विचार करना चाहिए।

 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने स्पष्ट किया है कि पार्टी रेफरेंडम-2020 मुहिम का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, किसी रूप में समर्थन नहीं करती। आप द्वारा जारी संयुक्त बयान में पार्टी के सूबा सह-प्रधान डा. बलबीर सिंह, माझा जोन के प्रधान कुलदीप सिंह धालीवाल, मालवा जोन-1 के प्रधान नरिन्दर सिंह संधू, मालवा जोन-2 के प्रधान गुरदित्त सिंह सेखों और मालवा जोन-3 के प्रधान दलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि आम आदमी पार्टी साफ शब्दों में स्पष्ट करती है कि पार्टी भारतीय संविधान, देश की प्रभुता व एकता-अखंडता में संपूर्ण विश्वास रखती है,

इसलिए पार्टी देश को बांटने या तोड़ने वाले किसी भी प्रकार के रेफरेंडम में न यकीन रखती है और न ही समर्थन करती है। पार्टी के सीनियर नेता और विधानसभा में विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा द्वारा रेफरेंडम-2020 का समर्थन किए जाने पर हैरानगी प्रकट करते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि रेफरेंडम-2020 की हिमायत सुखपाल खैरा की निजी राय हो सकती है, लेकिन इस तरह की राय के साथ आम आदमी पार्टी का कोई संबंध नहीं है।

 

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा द्वारा रेफरेंडम-2020 की हिमायत करके राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। शनिवार को जारी एक प्रेस बयान में पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि खैरा केवल पंजाब को भारत से अलग किए जाने की ही वकालत नहीं कर रहे बल्कि अलगाववादी भावनाओं को भड़काकर मुश्किल से हासिल हुई शांति को लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।

मजीठिया ने आप कन्वीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सवाल किया कि वे इस मुद्दे पर खामोश क्यों हैं। मजीठिया ने कहा कि केजरीवाल को पंजाबियों को बताना चाहिए कि वे खैरा के स्टैंड का समर्थन करते हैं या नहीं? उन्होंने केजरीवाल को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने आज तक खैरा के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

अकाली नेता ने आम आदमी पार्टी और इसके पंजाब के विधायकों से भी पूछा कि वे मशहूर पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट गुरपतवंत पन्नू द्वारा तैयार किए गए रेफरेंडम- 2020 का समर्थन करते हैं? उन्होंने कहा कि इन विधायकों को बताना चाहिए कि वे सभी देश में प्रचलित चुनाव की लोकतांत्रिक प्रक्त्रिस्या में विश्वास रखते हैं या बाहरी ताकतों को इस देश की किस्मत का फैसला करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

कांग्रेस के सीनियर नेताओं और विधायकों ने देश को धार्मिक आधार पर बांटने और पंजाब को भारत से अलग करने के उद्देश्य से तैयार रेफरेंडम-2020 की खुलेआम हिमायत करने के लिए नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा की कड़ी आलोचना की है।

कांग्रेस विधायकों ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी स्पष्टीकरण मांगते हुए पूछा है कि क्या वे पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के रुख से सहमत हैं? खैरा के विरुद्ध तुरत कार्रवाई की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल को खैरा को पार्टी से बर्खास्त करना चाहिए और अगर वे ऐसा नहीं करते तो इसका मतलब होगा कि वे खैरा के राष्ट्र विरोधी मंसूबों से सहमत हैं।

कांग्रेस विधायक रमनजीत सिंह सिकी, हरमिंदर सिंह गिल और हरदेव सिंह लाडी ने साझा बयान में खैरा का मजाक उड़ाते हुए कहा कि एक तरफ तो वे रेफरेंडम-2020 की हिमायत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर वे एकजुट भारत के पक्ष में भी खड़े हैं।

मुसलमानों के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है: मुख़्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले 70 वर्ष से मुसलमानों के जेहन में जो विष भरा गया है, वह काफी हद तक कम तो हुआ है लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिये बहुत कुछ करना होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिना भेदभाव के, सम्मान के साथ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध है। नकवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार का विकास का मसौदा, वोट का सौदा नहीं है। पिछले चार वर्षो के दौरान हमारी सरकार ने अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध पहल की है जिसका जमीन पर प्रभाव दिख रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा वर्ष 2019 के चुनाव में तीन तलाक के विषय पर अपने प्रयासों को जनता के सामने रखेगी। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण की पहल के कारण ही मुस्लिम बालिकाओं के बीच में ही स्कूल छोड़ने की दर 74 प्रतिशत से घटकर अब 42 प्रतिशत रह गई है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि पौने तीन करोड़ बच्चों को प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। इसके कारण बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार और रोजगार का मौका मुहैया कराने का काम किया है। इसका गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों को काफी लाभ हुआ है जिसमें काफी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री से लेकर सरकार के सभी मंत्रियों द्वारा लगातार सम्पर्क एवं संवाद के माध्यम से समाज के सभी वर्ग के लोगों में विकास एवं विश्वास का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है।उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों से मुसलमानों के जेहन में जो विष भरा गया है, वह काफी हद तक खत्म हुआ लेकिन अभी भी इस संदर्भ में बहुत कुछ करना होगा और मोदी सरकार बिना भेदभाव के सम्मान के साथ अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय के कार्यों का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के माध्यम से देश के पिछड़े एवं अल्पसंख्यकों की अच्छी खासी आबादी वाले क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति, कौशल विकास के लिये आधारभूत ढांचे के विकास का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत नवोदय एवं केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर स्कूलों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस योजना के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भवनों एवं सामुदायिक केंद्रों का निर्माण किया गया । इसके साथ ही समाज में सद्भाव एवं समरसता को बढ़ावा देने के लिये ‘सद्भाव मंडप’ की भी स्थापना की जा रही है।

Let us do our work. We are feeling frightened and victimised: IAS officers association

  • The officers were addressing the media after Delhi government alleged that bureaucrats in Delhi have been “hindering” the work of the AAP-led government
  • Let us do our work. We are feeling frightened and victimised, the officers said

Delhi’s IAS association on Sunday held an unprecedented press conference to counterAAP’s claim that its officers are on strike and said that they are being “targeted”and “victimised”.

“I would like to inform that we are not on strike. The information that IAS officers in Delhi are on strike is completely false and baseless. We are attending meetings, all departments are doing their work. We are sometimes also working on holidays,” said Manisha Saxena, IAS Association Delhi.

The officers were addressing the media after Delhi government alleged that bureaucrats in the national capital have been “hindering” the work of the AAP-led government and have alleged that they have been staging a strike for the last four months.

“Let us do our work. We are feeling frightened and victimised. We are being used for completely political reasons,” said bureaucrat Varsha Joshi.

Delhi chief minister Arvind Kejriwal along with his cabinet colleagues has been camping at Lt. Governor Anil Baijal’s house + for almost a week to demand that Baijal issue a directive to civil servants who the AAP leader says are on de facto strike.

PM Invite “Widespread Debate” on Simultaneous Elections

 

Prime Minister Narendra Modi today called for “widespread” debate on holding simultaneous elections to the Lok Sabha and state assemblies saying that it will result in financial savings.

Modi was addressing the fourth meeting of the Governing Council of NITI Aayog that was attended by chief ministers of almost all states.

The central government has been toying with the idea of holding simultaneous elections for quite sometime now.

“The Prime Minister called for widespread debate and consultations on simultaneous elections for Lok Sabha and Vidhan Sabhas, keeping in view various aspects such as the resulting financial savings and consequent better utilisation of resources,” an official release said.

Niti Aayog had last year suggested synchronised, two-phase Lok Sabha and assembly polls from 2024 so as to ensure minimum ‘campaign-mode’ disruption to governance.

In his closing remarks at the meet, Modi also said that corporate investment in agriculture is very low in India and urged the state governments to formulate policies to promote industry participation in the farm sector.

Speaking on various aspects of the economy, Modi said that the world expects India to become a five trillion dollar economy soon.

He encouraged states to give fresh ideas to the Finance Commission, for incentivising outcome-based allocations, and expenditure correction.

प्रधान मंत्री ने की मुख्यमंत्रियों की सराहना

नीति आयोग की चौथी गवर्निंग काउंसिल मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भरोसा दिलाया कि बाढ़ प्रभावित राज्यों की केंद्र हर संभव मदद करेगा. उन्होंने कहा कि गवर्निंग काउंसिल गवर्नेंस से संबंधित जटिल मुद्दों को हैंडल करता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जीएसटी को लागू किया जाना. मुख्यमंत्रियों के लिए उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल ट्रांजैक्शन और कौशल विकास के मामले में उन्होंने काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है.

पीएम ने कहा कि 2017-18 के चौथे क्वार्टर में अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.7 फीसदी रही. उन्होंने कहा कि अभी चुनौती ये है कि विकास दर को डबल-डिजिट तक ले जाया जाए. इसके लिए तमाम कदम उठाने पड़ेंगे. उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने, जिलों के विकास, आयुष्मान भारत, मिशन इंद्रधनुष और महात्मा गांधी के जन्म दिवस पर बात की.

पीएम ने कहा कि पूरे देश में ‘आयुष्मान भारत’ के तहत डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं. इससे करीब 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख का हेल्थ इंश्योंरेंस दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए प्रावधान किए जाएंगे.

मुद्रा योजना, जनधन योजना और स्टैंड-अप योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन में इसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मानवीय विकास को बेहतर करने की ज़रूरत है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्कीमों को लागू करने के लिए ग्राम स्वराज अभियान एक नए मॉडल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा कि इसका प्रसार 45,000 गांवों तक हो चुका है. उज्जवला, सौभाग्य, उजाला, जन धन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और मिशन इंद्रधनुष जैसी सात योजनाओं में यूनिवर्सल कवरेज का प्लान है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में क्षमता और संसाधनों की कमी नहीं है. वर्तमान में राज्यों को केंद्र से करीब 11 लाख करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं जो कि पिछले साल की तुलना में 6 लाख करोड़ अधिक है. उन्होंने कहा कि ये मीटिंग जनता की उम्मीदों और अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है इसलिए यहां मौजूद लोगों का भी कर्तव्य है कि वो लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे.