अतिथि अध्यापकों की मांग नहीं मानी तो मजबूरन अतिथि अध्यापकों को कड़ा फैसला लेना पड़ेगा – अतिथि अध्यापक
गेस्ट टीचर ने बिजली मंत्री मुर्दाबाद व खट्टर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए
सतीश बंसल, सिरसा :
आज जिला सिरसा के अतिथि अध्यापकों की एक आवश्यक मीटिंग शहर के टाउन पार्क में हुई । खून से लिखकर महीला शिक्षको ने विधायकों को ज्ञापन दिए ।आज कालानवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला ने खुद टॉक पार्क में आकर गेस्ट टीचर का ज्ञापन लिया, डबवाली के विधायक अमित सिहाग को ज्ञापन दिया, बिजली मंत्री रणजीत सिंह के निवास पर जब ज्ञापन देने गए, तो वहां गेस्ट टीचर का कोई ज्ञापन लेने नही, बदसलूकी की गई, गेस्ट टीचर ने बिजली मंत्री मुर्दाबाद व खट्टर सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए, तब गेस्ट टीचर का बिजली मंत्री के पी ए ने ज्ञापन लेने आए, उसके बाद गेस्ट टीचर ने सिरसा के विधायक गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा को ज्ञापन दिया। जिला प्रधान सुभाष खटाना ने 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा मंत्री आवास पर होने वाली महा आक्रोश रैली के लिए सभी साथियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने का आह्वान किया । हिसार मंडल प्रधान हरदीप गिल ने वर्तमान में अतिथि अध्यापकों के सामने खड़ी सबसे बड़ी समस्या ट्रांसफर ड्राइव में अतिथि अध्यापकों के पद को रिक्त मानने पर सरकार के व्यवहार की आलोचना की गई ।16 वर्ष की सेवाओं के बाद भी अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है । सरकार की दमनकारी नीति के विरुद्ध साथियों से आवाहन किया गया की हरियाणा सरकार ने जो अतिथि शिक्षक सेवा सुरक्षा अधिनियम 2019 पारित किया था उस गेस्ट टीचर एक्ट की स्कूल मुखिया ही धज्जियां रहे हैं । आज कोविड काल के इस संकट की घड़ी में शिक्षक क्रोना जोधा के रूप में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे हैं । हमारे लगभग 570 गेस्ट साथी करोना व अन्य बीमारियों से गुजर चुके हैं । लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं है । इसी कड़ी में आज 17/08/21 को पूरे हरियाणा में विधायक मंत्रियों को मुख्यमंत्री के नाम महिलाओं द्धारा खून से लिखे ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि सरकार अपने चुनावी वायदे के अनुसार अतिथि अध्यापकों को नियमित करें व अतिथि अध्यापकों के पदों को खाली मानने के तानाशाही फरमान को वापस ले । अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह ही ट्रांसफर ड्राईव में शामिल किया जाए । यदि सरकार ने 5 सितंबर 2021 तक अतिथि अध्यापकों की मांग नहीं मानी तो मजबूरन अतिथि अध्यापकों को कड़ा फैसला लेना पड़ेगा । अगर इस आंदोलन में कोई अनहोनी होती है तो इस इस अनहोनी की जिम्मेदार पूरी खट्टर सरकार होगी । इस अवसर पर राधा कृष्ण, देवेंद्र सिंह, हरदीप गिल, सुभाष खटाना, गुरप्रीत, यशपाल, सुनिता, वंदना, सीमा गिल, सुनील, राजपाल, रमेश गिरी, हंस राज, कमलेश, बलवंत, रमन गेस्ट टीचर उपस्थित रहे ।