विधान सभा में नमाज़ कक्ष पर भाजपा का विरोध

झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा अलॉट करने पर सियासत तेज हो गई है। मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के बाहर BJP विधायकों ने झाल-मंजीरे बजाकर भजन गया। उधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। वहीं, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही BJP विधायकों ने जय श्रीराम, हर-हर महादेव के लगे नारे लगाए। अब क्या यह सरकार विधानसभा में चर्च और हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मंदिर भी बनाएगी। पूरे देश में ऐसा तुगलकी फरमान सिर्फ झारखंड सरकार ने जारी किया है। प्रदेश की हेमंत सरकार असल मुद्दों पर कार्य करने के बजाय झारखंड में भेदभाव की राजनीति को जन्म देना चाहती है। भाजपा इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध करती है और ऐसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक निर्णय को वापस लेने तक चरणबद्ध आंदोलन कर सरकार को जगाने का कार्य करेंगे।

नयी दिल्ली:

झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरे के आवंटन पर विवाद गहरा गया है। इसके विरोध में विधानसभा सोमवार (6 अगस्त 2021) को ‘जय श्री राम’ और ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गूँज उठा। बीजेपी विधायकों ने ढोलक और झाल के साथ कीर्तन कर इस फैसले को रद्द करने की मॉंग की। इस संबंध में आदेश जारी किए जाने के बाद से ही पार्टी हेमंत सोरेन सरकार की तुष्टिकरण का विरोध कर रही है।

मॉनसून सत्र के दूसरे दिन बीजेपी विधायकों ने इस फैसले का विरोध करते हुए नारे लगाए। सदन की कार्यवाही स्थगित होने पर उन्होंने बाहर कीर्तन कर विरोध जताया। कीर्तन में विरंची नारायण, समरी लाल, मनीष जायसवाल, अमर कुमार बाउरी, शशिभूषण मेहता समेत अन्य बीजेपी विधायक मौजूद थे। वहीं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ सरकार का पक्ष रखा।

इससे पहले भाजपा नेता विरंची दास ने कहा था, “सरकार ने एक फैसला लिया है जिसके तहत विधानसभा में एक कमरा अलॉट किया गया है, जहाँ मुस्लिम समाज के लोग नमाज अदा कर सकते हैं। तो जब मुस्लिम समाज नमाज अदा कर सकते हैं तो हिंदू धर्मावलंबी हनुमान चालीसा क्यों ना पढ़ें। मैं माननीय विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करता हूँ कि जिस तरह आपने मुस्लिम समुदाय के लिए नमाज अदा करने हेतु कमरा अलॉट किया है उसी तरह कम से कम पाँच कमरे का अलॉटमेंट या एक हॉल का अलॉटमेंट हमारे लिए भी हनुमान चालीसा के लिए करें, क्योंकि संख्याबल में तो हम ज्यादा है।”

बीजेपी का कहना है कि जब तक नमाज के लिए कमरा आवंटन रद्द नहीं किया जाता, तब तक यह विरोध जारी रहेगा। गौरतलब है कि 2 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य के नए विधानसभा भवन में एक कमरा नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है। विधानसभा के उप सचिव नवीन कुमार के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है, “नए विधानसभा भवन में नमाज अदा करने के लिए नमाज कक्ष के रूप में कमरा संख्या TW-348 आवंटित किया जाता है।”

भाजपा ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि विधानसभा में हिंदुओं को भी ‘हनुमान चालीसा पढ़ने’ के लिए अलग कमरा आवंटित किया जाए। भाजपा नेता बाबू लाल मरांडी ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि लोकतंत्र का मंदिर लोकतंत्र के मंदिर के रूप में ही रहना चाहिए। मरांडी ने कहा था, “झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करना गलत है। हम इस फैसले के खिलाफ हैं।”

UIFT organises Workshop on “Lippan Cone Art”

Chandigarh September 6, 2021

University Institute of Fashion Technology & Vocational Development (UIFT & VD), Panjab University, Chandigarh organized a one-day online art workshop on ‘Lippan Cone Art’ for the students of M.Sc. and B.Sc. Fashion and Lifestyle Technology. The demonstrations of the workshop was conducted on 18thof August, 2021 and students were given two weeks to prepare final products that they presented the same on 6th September 2021. 

The traditional mural craft of Rajasthan and Gujarat was demonstrated by Resource person Mrs. Santosh Verma. She explained the process and also elaborated upon modern techniques that are used today. Though this artform is traditionally created with the colour white, she also explained how colour can be introduced into this artform. She gave an online live demonstration on the technique and process of creating Lippan Cone Art and further enhanced the designs with the use of mirror cut-outs.

Dr Anu H. Gupta, Chairperson UIFT & VD shared her views on the importance of learning and understanding our rich Art & Craft heritage. She also stressed on learning these age-old craft techniques and merging them with contemporary ideas which opens new avenues for the students.

The workshop was well received and participants created a diverse range of artworks using the Lippan technique. Products like decorated mirrors, picture frames, and other home lifestyle products were created and presented by the participating students.

Sharing her experience, Aditi a students of B.SC. V said “This workshop has been an inspiring experience. The content and the techniques demonstrated were very interesting. Well organised, very informative and enjoyable. I’m very excited to experiment with this artform and can’t wait to add these to my online store.”

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी, 5 सितम्बर को होगी परीक्षाएं- डॉ श्रीदेवी

  • बीएससी एग्रीकल्चर चार वर्षीय कोर्स, एमएससी एग्रीकल्चर व एमएससी गृह विज्ञान की होगी प्रवेश परीक्षाएं
  • परीक्षाओं के लिए प्रवेश पत्र साईट पर अपलोड कर दिए गए है

पंचकूला 4 सितम्बर:

चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के बीएससी एग्रीकल्चर चार वर्षीय कोर्स, एमएससी एग्रीकल्चर व एमएससी गृह विज्ञान के लिए 5 सितम्बर को आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफसर बी.आर. काम्बोज ने बताया कि बीएससी एग्रीकल्चर चार वर्षीय कोर्स, एमएससी एग्रीकल्चर व एमएससी गृह विज्ञान के लिए परीक्षा का आयोजन कोरोना महामारी के चलते केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करते हुए किया जा रहा है,। इस परीक्षा के लिए करीब 8814 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षाओं के लिए हिसार क्षेत्र के 18 स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं ताकि परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि परीक्षा संबंधी सभी तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों के लिए बैठने की व्यवस्था, सेनेटाइजेशन व अन्य सुविधाओं को पूरा कर लिया गया है। सभी परीक्षार्थियों को विश्वविद्यालय की ओर से ही परीक्षा केंद्र के प्रवेश द्वार पर हाथ सेनेटाइज करवाने के बाद प्रवेश पत्र देखकर ही परीक्षा भवन में प्रवेश करने की अनुमति होगी। साथ ही परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों को मास्क भी मुहैया करवाए जाएंगे। परीक्षा सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर एक बजे तक चलेगी।
हिसार के 18 स्कूलों में बनाया गया परीक्षा केंद्र
कुलसचिव डॉ राजवीर सिंह ने बताया कि इन परीक्षाओं के लिए करीब 8814 विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमें से 8055 बीएससी एग्रीकल्चर चार वर्षीय कोर्स, 639 एमएससी एग्रीकल्चर व 120 एमएससी गृह विज्ञान के लिए आवेदन किया था। उन्होंने बताया कि इन प्रवेश परीक्षाओं के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय व विश्वविद्यालय से बाहर के कर्मचारियों की परीक्षा केंद्र की व्यवस्था का जायजा लेने की ड्यूटी लगाई गई है, जोकि परीक्षा से एक दिन पूर्व ही परीक्षा भवन का दौरा कर सभी प्रकार की व्यवस्था का जायजा लेगें। उन्होंने बताया कि हिसार के 18 स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय, गृह विज्ञान महाविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय, कैंपस स्कूल, लुवास, न्यू लोहरिया विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विद्या भारती पब्लिक स्कूल, ओपी जिन्दल मॉडल स्कूल, ठाकुर दास भार्गव वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, गुरु जंभेश्वर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, ब्लूमिंग डेल्स वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सीआर पब्लिक स्कूल, विश्वास वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, डी.ए.वी. पुलिस पब्लिक स्कूल, सी.आर. लॉ कॉलेज, सेंट सोफिया वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, एफ.सी. महिला महाविद्यालय शामिल हैं। प्रवेश परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र साईट पर अपलोड कर दिए गए है, बिना प्रवेश पत्र के परीक्षा केन्द्र में प्रवेश की अनुमति नही होगी।

Book on First Women VC of Panjabi University, Dr Inderjit Kaur Sandhu released

Chandigarh, 1st September:

“A Festschrift for Inderjit Kaur Sandhu: An Inspiring Story” edited and compiled by senior journalist Roopinder Singh was launched here in a virtual session today on the 98th birthday of Inderjit Kaur Sandhu.

Inderjit Kaur Sandhu had been a celebrated academician and the first women Vice Chancellor of Panjabi University and the first women Chairperson of the Staff Selection Commission, New Delhi.

Chief Minister of Punjab, Capt Amarinder Singh in his special message of greetings on her birthday, wrote that the book has weaved “a phulkari that is an enriching mosaic of vignettes of her life”, and also made a mention that “not many know that she was among the first batch of Punjabi MA students and helped edit Giani Ji’s famous ‘Mera Pind’,” to whom she was married. 

The editor of the book, senior journalist Roopinder Singh said,” My mother had a long and distinguished career. As you know, she was Vice-Chancellor, Punjabi University, Patiala (1975 to 1977), and the first Chairperson of Staff Selection Commission, New Delhi (1980 to 1985). She was educated in Lahore and became the first woman Vice-Chancellor a university in northern India, representing the country in various international academic fora.”

With a forward from Mrs Gursharan Kaur wife of the former Prime Minister Manmohan Singh, there are contributions in English and Punjabi.

Among the eminent people who have written in English are: Prof H S Gill, Prof Emeritus, Jawaharlal University; Dr Nikky Guninder Kaur Singh of Colby College, Maine, USA; Dr Ashok Vohra of Delhi University; the thespian Neelam Mansingh Chowdhry and Supreme Court Senior Advocate Nitya Ramakrishnan. Archival material written by the publisher Ashok Chopra and humourist the late Suba Singh provides a snapshot of the times. Personal accounts of younger persons— authors Ranjit Powar and Aradhika Sharma, journalist Madhusudan Srinivas, administrator Radhey Pratap Singh and Deputy Advocate General Daldeep Singh, and Mrs Inderjit Kaur’s grandchildren provide different kinds of perspectives.

The Punjabi section has articles by the author Dr Dalip Kaur Tiwana; the historian Dr Kirpal Singh, university administrator Tirath Singh, literary critic Dr Kuldip Singh Dhir and journalist Narinder Singh Sathi. Unfortunately, we have lost these eminent people since they wrote for the book.

The educationist Harcharan Kaur, former MP Tarlochan Singh, university administrator Dalip Singh Uppal and linguist Dr Bhupinder Singh Khaira bring out different aspects of the life of Mrs Inderjit Kaur. Also included in this section are archival articles by Rajinder Kaur and Balwinder Kaur.

A picture is worth a thousand words, and there are many pictures that portray the life of Inderjit Kaur. An Inspiring Journey, indeed.

She had been an inspiration and role model, and ahead of her time, as close associates, friends and family members including Prof Arvind, Vice Chancellor of Panjabi University, former VC Prof SS Boparai, theatre personality Neelam Mansingh, Nikki Gurinder Kaur, Nitya Ramakrishnan, senior journalist with NDTV Madhusudan Srinivas, and Ranjit Powar, shared their experience with her and the family 

प्लक्षा यूनिवर्सिटी – भविष्य के लिए एक टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी – का मोहाली में शुभारम्भ

  •      आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और साइबर-फिजिकल सिस्टम, बायोलॉजिकल सिस्टम और डेटा साइंस में समकालीन/आधुनिक अंडरग्रेजुएट डिग्री की घोषणा
  •      4 अक्टूबर से उत्कृष्ट  फैकल्टी और विशिष्ट अनुसंधान केन्द्रों की शुरुआत

चंडीगढ़, 31 अगस्त, 2021 : 

पूरे विश्व से लगभग 60 उद्यमी और व्यावसाय जगत के लीडर्स द्वारा प्लक्षा यूनिवर्सिटी की स्थापना के जा रही है जिसमें अगले दस वर्षों में रु.2000 करोड़ से अधिक निवेश की योजना है। प्लक्षा यूनिवर्सिटी की घोषणा के अनुसार 50 एकड़ में विस्तृत इसका एक अत्याधुनिक कैंपस 4 अक्टूबर, 2021 को आईटी सिटी, मोहाली में खुलने वाला है। प्लक्षा की स्थापना यूसी बर्कले, पर्ड्यू और एसआरआई जैसे टॉप यूनिवर्सिटीज के सहयोग से की जा रही है। यह इस क्षेत्र में उद्यमिता और नवाचार के परितंत्र का पोषण करेगा। प्लक्षा का विज़न आधुनिक और बहुविषयक टेक्नोलॉजी डिग्रियों पर फोकस करनाडिजिटल हेल्थसाइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंसडिजिटल कृषि और विनिर्माण 4.0 जैसी महती चुनौतियों’ से सम्बंधित अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना करना तथा अगले दस वर्षों में 1000 स्टार्टअप्स से अधिक के विकास की महत्वाकांक्षी दृष्टि के साथ उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है। 

प्लक्षा ने स्टैनफोर्ड, कॉर्नेल, कैंब्रिज, ऑक्सफ़ोर्ड, एनटीयु, और आईआईएससी से पीएचडी प्राप्त उत्कृष्ट फैकल्टी को बहाल किया है। यूनिवर्सिटी का लक्ष्य भारत और विश्व के लिए टेक्नोलॉजी एजुकेशन और अनुसंधान को पुनर्कल्पित करना है। प्लक्षा में शिक्षा का स्वरूप अंतरविषयक होगा, जिसमें टेक्नोलॉजी कोर को डिजाईन, उद्यमिता और आत्म-विकास के साथ एकीकृत होगा। यह यूनिवर्सिटी चार अत्याधुनिक और समसामयिक बी.टेक. डिग्रियाँ प्रदान करेगा। इसके पाठ्यक्रम का मार्गदर्शन प्रसिद्ध शिक्षाविदों की परिषद् करेगी, जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजित बनर्जी, यूसी बर्कले के पूर्व डीन ऑफ़ इंजीनियरिंग शंकर शास्त्री, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीराम राजमणि, वर्जिनिया टेक के डीन जूलिया रॉस और आईआईटी दिल्ली के बी.एन.झा सम्मिलित हैं।

इस अवसर पर प्लक्षा यूनिवर्सिटी के फाउन्डिंग वाइस चांसलर, प्रो. रूद्र प्रताप (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस के पूर्व उप निदेशक) ने कहा कि, “प्लक्षा में हम अद्वितीय और सबसे अलग पाट्यक्रम लागू करके टेक्नोलॉजी एजुकेशन की पुनर्कल्पना कर रहे हैं। इंजीनियरिंग का वर्तमान पाठ्यक्रम द्वितीय विश्व युद्ध के समय के ढाँचे पर आधारित है। हमारी समसामयिक डिग्रियाँ हमारे चिंतन का प्रतिबिम्ब हैं।  हमारा कैंपस एक लिविंग लैब होगा जहाँ स्टूडेंट्स क्लासरूम में जितना सीखेंगे उतना ही बाहरी वातावरण से भी सीखेंगे।

प्लक्षा यूनिवर्सिटी ने न केवल प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी की है, बल्कि आधुनिक टेक्नोलॉजीज पर केन्द्रित विशिष्ट अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना के लिए अग्रणी कॉर्पोरेट्स और उद्योगों के साथ भी साझेदारी कर रहा है। मोहाली स्थित सुसज्जित और अत्याधुनिक कैंपस को एक सामूहिक परोपकारी प्रयास द्वारा फण्ड किया गया है, जिसमें इंडस्ट्री लीडर्स और बीसीजी, भारती, हवेल्स, इन्फोएज, फ्रैक्टल अनालिटिक्स, नगारो, मेफील्ड, अर्सेसियम, ऐप्शो, एवं अनेक दूसरे जैसे संगठनों के उद्यमी सम्मिलित हैं।

प्लक्षा यूनिवर्सिटी के संस्थापक एवं ट्रस्टी और जम्बूरी एजुकेशन के एमडीविनीत गुप्ता ने कहा कि, “प्लक्षा का लक्ष्य टेक्नोलॉजीउद्यमिता और डिजाईन के मिश्रण के साथ एक पाठ्यक्रम प्रस्तुस करते हुए एंगिनीरिंग की शिक्षा को पुनर्कल्पित करना है। प्लक्षा में हमारे स्टूडेंट्स को वास्तविक समस्याओं पर काम करने, अपने उपक्रम का बीजारोपण करने का अवसर प्राप्त होगा।  इसके साथ ही उन्हें हमारे पार्टनर्स – यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, बर्कले, और पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के माध्यम से ग्लोबल एक्सपोज़र भी मिलेगा।  हम टेक्नोलॉजी लीडर्स का पोषण करेंगे, उनकी मदद से अपनी पृथ्वी के समक्ष उत्पन्न कतिपय कठिनतम चुनौतियों का समाधान करेंगे।  हमारा विशिष्ट उद्योग पार्टनरशिप हमें सबसे अलग बनाता है।”  

Eye Donation Awareness Programme at BH-3, PU

Chandigarh August 31, 2021

            The Boys Hostel No. 3, Panjab University Chandigarh in collaboration with Eye Bank, Ophthalmology Department, Govt. Medical College and Hospital, Sector 32, Chandigarh organized an Eye Donation Awareness Program on the occasion of 36th National Eye Donation Fortnight.

            Dr. Sudesh Kumar Arya, Prof. and Eye Bank Incharge, GMCH-32 delivered a lecture elaborating the aims and objectives of such awareness programs to aware public about the need and importance of eye donations and to motivate people to pledge their eyes for donation after death and serve humanity even after one is not present physically.  By donating eyes after death, a corneal blind person can be able to see through a surgical procedure, wherein the damaged cornea is replaced by a healthy cornea from an eye donor. He sensitized the audience about the thresholds of blindness in India and how certain myths and superstitions act as barriers in Eye Donation and informed that Sri Lanka (a small country vis a vis India) exports corneas to other countries. He urged people to abandon their religious myths and should come forward for eye donations.Dr. Sudesh Arya responded to all the queries of audiences and two hostel residents having visual impairment participated and interacted with the speaker. Prof. Arya informed that anyone from the general public can contact GMCH Eye Bank Helpline Number 9814821212, for any queries related to eye donation and cornea transplantation.

            Prof. S. K Tomar, Dean Student Welfare highlighted the importance of eye donation to provide the life of light to blind people and appeal the masses to come forward for this noble cause to serve humanity.

            The warden of hostel, Dr. J.S. Sehrawat, explained the importance of such awareness programs and appreciated the initiatives and efforts of Eye Bank. Dr. Sehrawat promised to contribute in this humanitarian cause by extending all sorts of support from Panjab University, Chandigarh and requested the participants to pledge for eye donation.

PR Excellence Award for DPR, PU

Chandigarh August 31, 2021

The Panjab University, Director, Public Relations Ms. Renuka B. Salwan, has been awarded India Inspirational Women Award for Excellence in Public Relations during a virtual ceremony held on 20th August, 2021 in the presence of Dr. Kiran Bedi, IPS(Retd.), Former Lt. Governor of Puducherry as Chief Guest. The Memento and Citation were received on 30th August, 2021. Ms. Salwan has more than 35 years of professional experience in Public Relations and specialises in strategic communication and image building. She is North Zone Chairperson of Public Relations Council of India with Pan India presence.

“SEED Fund” for selecting Startups launched at BioNEST-Panjab University

Chandigarh August 25, 2021

The BioNEST-Panjab University has received a special funding from BIRAC – the “SEED Fund” (Sustainable Entrepreneurship and Enterprise Development Fund) which was launched today with an advertisement (www.bionest.puchd.ac.in) for selecting registered Life Science Start ups with innovative ideas having a potential for commercialization. Financial assistance in the form of equity investment up to 30 lakhs can be funded per start-up for a period of 2 years along with incubation support. Notably, the BioNEST-PU is one of the youngest bioincubators in India, and is the only university-backed bioincubator in the North India to have received this type of investment support for young startups.

Seed Fund investments are regarded as a critical support component in a strategic investment plan to help start-ups grow. The SEED Fund by BIRAC has been launched with an agenda to provide assistance to the incubators funded by them.Through the SEED Fund, startups with new and innovative ideas and technologies will be supported with capital assistance through the bioincubator. For an incubator set-up like the BioNEST-PU, the SEED Fund would be a source to bridge the gap between the early stages of a student start-up and its potential market. The qualifying start-ups will further be supported to obtain funding from resources like angel funders, venture capitalists or commercial banks/financial institutions.

Dr.Rohit Sharma, the Project Leader of BioNEST said, “The incubator has to hand-pick some start-ups for equity or operational funding under the SEED Fund. BioNEST-PU will thus be supporting multiple startups through the medium of this funding.” Dr. Sharma also highlighted that the types of startups to be supported by the SEED Fund will primarily be focused on the pre-defined thrust areas of the incubator that include- bioprocess technology, biopharmaceuticals, medical devices and food and agriculture biotechnology. The funding decision at BioNEST-PU shall primarily be based on the evaluation of the Business Plan of the start-up and its implementation. The SEED Fund will prove to be one of its kind support system for start-ups to be made stand-alone entities in the actual market.

As a key step in empowering and nurturing young biotech entrepreneurs in the northern region of the country, the BioNEST-PU was established in the year 2017. Since its inception, the BioNEST-PU till date has been successful in having more than 20 Innovators on-board as resident startups and/or entrepreneurs.

University Dental Institute Stands Tall Amongst Dental Colleges In India

Chandigarh August 25, 2021

            The Week, in association with Hansa Research and the India Today conducted the prestigious best colleges survey 2021 to rank the top Dental Colleges in India.  Dr. Harvansh Singh Judge Institute of Dental Sciences & Hospital, Panjab University, Chandigarh ranked 17th Best amongst the Dental Colleges in the country and 10th Best amongst Government Dental Colleges all over India, by The Week survey. In the India Today Ranking of best Dental Colleges the institute ranked 23rd.

            These rankings are on the basis of factual scores which are calculated based on weightage assigned to different parameters such as infrastructure, faculty, teaching and learning process, extra-curricular activities, placements and hospital association.  Despite the pandemic affecting all spheres of life, the Dental Institute continued to work diligently to overcome the challenges and proudly met its goals which is evident from these All India Rankings. These rankings are an excellent source of motivation and inspiration for all in the medical education sector to continue to perform excellently with dedication and bring out innovations.

            At Dr. Harvansh Singh Judge Institute of Dental Sciences & Hospital, Panjab University, Chandigarh, the main aim is to impart high quality dental education and achieve extraordinary standards in the field of dentistry and serve the society at large.  Dr. Hemant Batra, Principal-cum-Professor, feels proud to receive this National level recognition under the dynamic leadership and unconditional support and guidance of Prof. Raj Kumar, Vice Chancellor of Panjab University.  This honour would not have been possible without the tireless efforts put in by his team in these challenging times.  He feels grateful and seeks their cooperation in future as well to carry out the work initiated by his predecessors. 

Admission to Ph.D. Programme 2021

Chandigarh August 25, 2021

University Business School, Panjab University Chandigarh, invites applications for admission to Ph.D. programme from those candidates who have qualified the UGC (NET) /JRF/ SLET examination with Fellowship/Scholarship. The candidates are advised to download the application form from UBS website, for admission to Ph.D. programme for academic session 2021-2022 and fill the details in Google form as well.

Those candidates who have already qualified the Panjab University Ph.D. Entrance Test 2019 and 2020 (for admission to the Ph.D. program in Management at the University Business School, Panjab University, Chandigarh) are advised to download the application form from UBS website, for admission to Ph.D. programme for the academic session 2021-2022 and fill the details in Google form as well.

Candidates are required to submit the hard copy of duly filled application form with annexure(s) (wherever required) in the UBS office latest by 24.09.2021 (4:00 P.M.).

(Note: The form will not be entertained after due date).

       All those candidates who have applied for the Panjab University Ph.D. Entrance Test -2021 (for admission to the Ph.D. program in Management at the University Business School, Panjab University, Chandigarh), for academic session 2021-2022 are required to fill the application form after declaration of Result of Ph.D. Entrance Test-2021. The dates for the same will be notified later on.