देश के स्पाइन के मरीजों को मिलेगी चंडीगढ़ से राहत
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में लांच की गई देश की पहली स्पाइन सर्जरी हेल्पलाइनब्रेन एंड स्पाइन इंजरी के लिए जारी की गई है ये हेल्पलाइनस्पाइऩ की परेशानी है तो मैसेज करें 7717301435आपको मिलेगी इस हेल्पलाइन से एकदम सही सलाहदेश में प्रतिवर्ष होती है दो लाख से ज्यादा ब्रेन एंड स्पाइन इंजरीपचास फीसदी एक्सीडेंट, 45 फीसदी ऊंचाई से गिरने से होती हैंतीस हजार की ही हो पाती है सर्जरी, बाकी लोग रहते हैं परेशानी में
चंडीगढ़, 31 अगस्त 2021
देश में स्पाइन इंजरी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्पाइन सर्जरी के एेसे ही बढ़ते मामलों को लेकर ब्रेन एंड स्पाइन सर्जरी के एक्सपर्ट और पीजीआई के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर व जे पी अस्पताल के डाक्टर रवि गर्ग ने तकलीफ से जूझते मरीजों के लिए फ्री स्पाइन सर्जरी हेल्पलाइन लांच की है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से मरीज अपनी समस्या की जानकारी देकर सलाह ले सकते हैं। डा. रवि गर्ग ने इस हेल्पलाइन की लांचिंग उन मरीजों से करवाई जिनकी डा. रवि गर्ग ने सर्जरी की और वह सामान्य जीवन जीने लगे।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में मंगलवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जेपी अस्पताल जीरकपुर में दो हजार से ज्यादा ब्रेन और स्पाइन के मरीजों की सर्जरी करने वाले डा. रवि गर्ग ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष औसतन दो लाख लोग स्पाइन एंड ब्रेन इंजरी के शिकार होते हैं। इसमें से तीस हजार की ही सर्जरी हो पाती है। इसमें पचास फीसदी एक्सीडेंट की वजह से स्पाइन सर्जरी के शिकार होते हैं जबकि करीब 45 फीसदी कभी न कभी ऊंचाई से गिरने के कारण इसका शिकार होते हैं। डा. रवि गर्ग ने कहा कि अब स्पाइन सर्जरी एकदम सुरक्षित हो चुकी है। जबकि कई मरीजों को स्पाइन सर्जरी की आवश्यकता तक नहीं होती है। काफी मरीज बिना सर्जरी के ही ठीक हो जाते हैं। डाक्टर रवि गर्ग ने कहा कि उन्होंने जिन मरीजों की स्पाइऩ सर्जरी की है वह एकदम ठीक हैं। इसमें से कई मरीज एेसे हैं जो कि पहले अपने बिस्तर से उठ तक नहीं पा रहे थे।
डाक्टर रवि गर्ग ने कहा कि यदि किसी को कमर दर्द पांच दिन से ज्यादा रहे और हाथ-पैर सुन्न हो जाएं या फिर झनझनाटह महसूस होती रहे तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएं। यह स्पाइन की दिक्कत हो सकती है। स्पाइन में किसी तरह की दिक्कत है तो मिनिमली इन्वेसिव स्पाइन सर्जरी (दूरबीन) से ऑपरेशन किया जाता है।
हाल ही में न्यूरो सर्जरी के कुल मामलों में से 50 फीसदी से ज्यादा स्पाइन सर्जरी के केस आ रहे हैं। इस दौरान चार मरीजों के रीढ़ की हड्डी में स्लिप डिस्क और गर्दन के पास डिस्क में होने वाली परेशानी की दूरबीन तकनीक से सर्जरी की जाती है।
डा. रवि गर्ग ने बताया कि समय के साथ स्पाइन सर्जरी में महत्वपूर्ण बदलाव आ चुके हैं। हाल के वर्षों में यह सर्जरी सुरक्षित हो गई है और इसके परिणाम बेहतर आए हैं। इसके बावजूद तमाम लोग स्पाइन सर्जरी को लेकर भयभीत हो जाते हैं। वहीं वे इसे लेकर गलतफहमियों से भी ग्रस्त हैं। इसका एक प्रमुख कारण है कि लोगों को स्पाइन सर्जरी के संदर्भ में जागरुक नहीं किया गया है। दूसरा कारण, देश में स्पेशलाइज्ड स्पाइनल सर्जरी सेंटर्स की कमी है।
चकाचक हो गए मरीज
- अजय सिंह – अंबाला से 56 वर्षीय पुरुष सभी चार अंगों की कमजोरी के साथ इलाज के आये थे । वह पूरी तरह से बिस्तर पर थे और दोनों हाथों और पैरों के प्रगतिशील पक्षाघात के कारण खुद खाना खाने में भी सक्षम नहीं था। उनकी कुछ महीने पहले सर्वाइकल (गर्दन) की सफल सर्जरी की थी, अब लगभग सामान्य जीवन जी रहे हैं।
- मीना देवी- सोलन की 45 वर्षीय महिला को सर्वाइकल स्पाइन में कई स्पाइन ट्यूमर थे। उनको दोनों हाथों और पैरों के प्रगतिशील पक्षाघात था। वह पूरी तरह से बिस्तर पर थी और अपने हाथों से चम्मच भी नहीं पकड़ पा रही थी। उसकी गर्दन में दो स्पाइनल ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया था। सर्जरी के बाद वह पूरी तरह ठीक हो गई और अब लगभग सामान्य जीवन जी रही है।
- किरण गर्ग- जीरकपुर की 49 वर्षीय महिला के पैर में तेज दर्द हो रहा था और वह 3 महीने से बिस्तर पर थी। उनका स्पाइन सर्जरी के लिए ऑपरेशन किया गया था। वह अब दर्दमुक्त जीवन जी रही है।
- खन्ना की रेनू गोयल-53 साल की महिला 1 महीने से दोनों पैरों में लगातार कमजोरी महसूस कर रही थी। वह बिस्तर पर पड़ी रहती थी और यहां तक कि अपने आप खड़े होने में भी सक्षम नहीं थी। उसे पृष्ठीय रीढ़ में स्पाइन ट्यूमर था जो ऑपरेट किया गया था। उसके पैरों की शक्ति में सुधार हो रहा है और वह सामान्य जीवन में वापस आ रही है।
अंत में डॉ रवी गर्ग ने बताया जिंदगी में दर्द और अपाहिज की तरह बिताने से बेहतर है कि एक्सपर्ट से सलाह मशवरा जरूर लें