The British School awarded

 

The British School sector 12 Panchkula soared higher with the Director Principal Ms Geetika Sethi being awarded outstanding leadership best Principal by a National English Daily .
Ms Sethi said it’s s great honour to be given out of 650 Pan-Indian schools.

 


Director Sanjay Sethi and Geetika Sethi have also been honoured as ‘Inspiring Educators of Haryana’
Both Geetika and Sanjay Sethi thanked jury

बलटाना में देह व्यापार गिरोह का पर्दाफ़ाश

जीरकपुर: जीरकपुर पुलीस ने एक देह व्यापार गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह बलटाना बाज़ार में एक हलवाई की दुकान के उपर पहली और दूसरी मंजिल पर बने कमरों में देह व्यापार का अड्डा चला रहा था। पुलिस ने बीती देर रात मौके पर छापा मार कर दो लड़कियों सहित आठ लोगों को हिरासत में लिया है। जबकि 11 ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है जिनमें तीन मुलजिम अभी फ़रार चल रहे हैं।
मामले की जानकारी देते थाना प्रमुख इंस्पेक्टर पवन कुमार शर्मा ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि बलटाना मेन बाज़ार में एक हलवाई की दुकान के उपर देह व्यापार का अड्डा चल रहा है। सूचना के आधार पर मौके पर बीती देर रात छापा मारा गया, जहाँ दो लड़कियों सहित आठ लोगों को रंगे हाथों गिरफ़्तार किया गया है। थाना प्रमुख ने बताया कि यह अड्डा राकेश कुमार निवासी उत्तर प्रदेश हाल निवासी गाँव अभयपुर पंचकुला इस इमारत के मालिक निर्मल सिंह निवासी मकान नंबर 110 हेम विहार बलटाना की शह पर चला रहा था। उन्होंने ने बताया कि मौके से दो लड़कियाँ पकड़ी गई हैं जिनकी पहचान पूजा पत्नी अंमित कुमार देहरादून हाल निवासी इंद्रा कालोनी मनीमाजरा चंडीगढ़, अनीता उर्फ किरण पत्नी राकेश बंसल लखनऊ हाल निवासी मनीमाजरा चंडीगढ़ के रूप में हुई है।
इसके इलावा पुलिस ने मौके से देह व्यापार का अड्डा चलाने वाला राकेश कुमार, अश्वनी कुमार, अशोक कुमार, मलकीत सिंह, कृष्ण शर्मा, दीपक गुप्ता को भी काबू किया है। जबकि इमारत का मालिक निर्मल सिंह, रिंकू निवासी आनंद व्यवहार बलटाना और गोगा निवासी रविन्दरा एन्क्लेव बलटाना फ़रार चल रहे हैं जिनकी की खोज में पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों को आज अदालत में पेश किया गया था जहाँ से उनको 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

पुलिस विभाग हरियाणा ने 59 कर्मचारियों को किया नियुक्त/स्थानांतरित

अजय कुमार

चंडीगढ़, 23 अगस्त-

हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से पुलिस विभाग के 59 अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

स्थानांतरण किये गए अधिकारियों/कर्मचारियों में 28 निरीक्षकों, 7 महिला निरीक्षकों, 2 सहायक निरीक्षकों, 1 ईएसआई,1 महिला सहायक उप निरीक्षक, 18 सहायक उप निरीक्षकों तथा 2 ईएएसआई शामिल हैं।

राजेश, निरीक्षक को जिला जींद से जिला सोनीपत, राम निवास, निरीक्षक को जिला रेवाड़ी से जिला फरीदाबाद, बीमल, निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला हिसार, वजीर सिंह, निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला अंबाला, खेम चंद, निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला फरीदाबाद लगाया गया है।

नरेश कुमार, निरीक्षक को हांसी से सीआईडी, कमलदीप, निरीक्षक को राज्य अपराध शाखा से जिला पानीपत, यादविन्द्र, निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला यमुनानगर, संदीप धनखड़, निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला गुरुग्राम, आनंद, निरीक्षक को जिला पलवल से जिला नूहं में लगाया गया है। अजय, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य अपराधा शाखा, सज्जन दलाल, निरीक्षक को गुरुग्राम से राज्य अपराध शाखा, करण सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य अपराध शाखा, विजय आनंद, निरीक्षक को जिला नूंह से राज्य अपराध शाखा, ज्ञान चंद, निरीक्षक को जिला नूंह से राज्य अपराध शाखा में लगाया गया है।

प्रवीण, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, संदीप, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जिला पंचकूला, प्रेम सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, यशवंत, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से राज्य सतर्कता ब्यूरो, जय सिंह, निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जीआरपी, जयभान त्यागी, निरीक्षक को जिला नूंह से जिला गुरुग्राम, राजेश, निरीक्षक को जिला फरीदाबाद से जिला पलवल, शुक्र पाल, निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला रोहतक, हंस राज, निरीक्षक को  जिला फरीदाबाद से जिला गुरुग्राम, दीपेंद्र, निरीक्षक को जिला कुरुक्षेत्र से राज्य सतर्कता ब्यूरो में नियुक्त किया गया है।

इसी प्रकार, सुनीता, महिला/निरीक्षक को जिला रोहतक से जिला पंचकूला, नेहा, महिला/निरीक्षक को राज्य अपराध शाखा से जिला पंचकूला, कुलबीर कौर, महिला/निरीक्षक को जिला करनाल से जिला कुरुक्षेत्र, सरबजीत, महिला/निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला गुरुग्राम, मंजू, महिला/निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला फरीदाबाद, कविता, महिला/निरीक्षक को जिला हिसार से जिला भिवानी, मीना, महिला/निरीक्षक को जिला पानीपत से जिला नूंह में लगाया गया है।

अनूप सिंह, उप-निरीक्षक, एसटीएफ, भौंडसी, जीजीएम यूनिट, फरीदाबाद को जिला भिवानी, संजय, उप-निरीक्षक को जिला पलवल से जिला रेवाड़ी, अशोक, ईएसआई को जिला भिवानी से जिला रेवाड़ी, सुमन बाला, महिला/सहायक उप-निरीक्षक को जिला फतेहाबाद से जिला नारनौल में नियुक्त किया गया है। मोहन लाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला करनाल से जिला पानीपत, रामेश्वर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पानीपत से आरटीसी, भौंडसी लगाया गया है।

करमबीर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला सोनीपत से जिला पानीपत, रमेश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला कैथल से जिला पानीपत, सतीश कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला अंबाला, अमरपाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला जींद से जिला सिरसा, जसबीर सिंह, सहायक उप-निरीक्षक को जिला झज्जर से जिला रोहतक, अजय पाल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला रोहतक से जिला पंचकूला, हरमेल सिंह, सहायक उप-निरीक्षक को जिला अंबाला से जिला कुरुक्षेत्र, अली हसन, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पलवल से जिला गुरुग्राम, राम भज, सहायक उप-निरीक्षक को जिला पंचकूला से जिला अंबाला, अरविंद, सहायक उप-निरीक्षक, यू/टी रोहतक से पलवल को जिला पंचकूला में लगाया गया है।

इसी प्रकार, किशोर, सहायक उप-निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला पलवल, अशोक, सहायक उप-निरीक्षक को जिला भिवानी से जिला पलवल, अनिल, सहायक उप-निरीक्षक को जिला गुरुग्राम से जिला पंचकूला, रविन्द्र, सहायक उप-निरीक्षक को जिला नारनौल से हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन, जय नारायण, सहायक उप-निरीक्षक को जिला करनाल से जिला यमुनानगर, राज कुमार, सहायक उप-निरीक्षक को जिला जींद से जिला पलवल, राम कुमार, ईएएसआई को जिला पंचकूला से जिला पानीपत और रणबीर, ईएएसआई को हांसी से जिला गुरुग्राम में लगाया गया है।

टिकट के दावेदारों से बागी ना होने का शपथ पत्र


फूल छाप कांग्रेसियों का डर इस कदर हावी है कि कांग्रेस को अपने टिकट के दावेदारों से बागी ना होने का शपथ पत्र लेना पड़ रहा है


मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस को अपने उम्मीदवार चुनने में अभी से ही पसीना आने लगा है. राज्य में कांग्रेस अविश्वास के भंवर में फंसी हुई है. कार्यकर्ता और नेता एक दूसरे को शंका भरी निगाहों से देखते रहते हैं. शंका बीजेपी से मिलीभगत को लेकर होती है? कांग्रेस में ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को फूल छाप कांग्रेसी का नाम दिया गया है. फूल छाप कांग्रेसियों का डर इस कदर हावी है कि कांग्रेस को अपने टिकट के दावेदारों से बागी ना होने का शपथ पत्र लेना पड़ रहा है.

राहुल गांधी के निर्देश पर लिए जा रहे हैं शपथ पत्र

मध्यप्रदेश में विधानसभा के उम्मीदवार तलाश करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मधूसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी गठित की है. मधुसूदन मिस्त्री ने ही पिछले विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों की स्क्रीनिंग की थी. कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं को मधुसूदन मिस्त्री की कार्यशैली पसंद नहीं आती है. मिस्त्री अपने अंदाज में ही उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग कर नाम कांग्रेस अध्यक्ष के पास प्रस्तावित कर देते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त भी मिस्त्री ने कई उम्मीदवार राज्य के बड़े कांग्रेसी नेताओं की मर्जी के खिलाफ प्रस्तावित किए थे. ऐसे लोगों को टिकट देने का नतीजा यह हुआ कि वे चुनाव हार गए थे.

इस बार भी मधुसूदन मिस्त्री को उम्मीदवारों की छानबीन की जिम्मेदारी दिए जाने से राज्य के कांग्रेसी नेताओं में कानाफूसी चलती रहती है. मधुसूदन मिस्त्री इस तथ्य से पूरी तरह वाकिफ हैं कि राज्य में कांग्रेस के पास प्रतिबद्ध कार्यकर्ता नहीं है. इस कारण से वह बड़ी ही बारीकी से दावेदारों पर ध्यान दे रहे हैं. राज्य में फूल छाप कांग्रेसी होने की आशंका को भी मिस्त्री नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर टिकट के सभी दावेदारों से दस रुपए के स्टांप पेपर पर एक शपथ पत्र भी लिया गया है. राज्य के कांग्रेसियों को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की यह कार्रवाई कुछ अटपटी सी लग रही है. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी का यह फार्मूला गुजरात और कर्नाटक में सफल हुआ था. एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि उम्मीदवारों के चयन के पहले ही अविश्वास का वातावरण तैयार करेंगे तो बीजेपी से मुकाबला करना बेहद कठिन होगा.

राहुल गांधी के निर्देश पर उम्मीदवारों से जो शपथ पत्र लिया जा रहा है उसमें यह शपथ लेने के लिए कहा गया है कि वे (दावेदार) टिकट ना मिलने की स्थिति में पार्टी से बगावत नहीं करेंगे. पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक पदाधिकारी ने ऑफ द रिकॉर्ड बातचीत में कहा कि इस तरह के शपथ पत्र की कोई कानूनी मान्यता या बंधन दिखाई नहीं देता है. यह समय बर्बाद करने वाली कवायद से ज्यादा कुछ नहीं है. यदि गलत व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया जाता है तो शपथ पत्र देने के बाद भी बगाबत हो सकती है. मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता विजेंद्र सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस द्वारा दावेदारों से शपथ पत्र मांगने पर कहा कि यह हास्यास्पद है.

दावेदारों के साक्षात्कार भी ले चुके हैं मिस्त्री

कांग्रेस में पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन ने अपनी टीम के साथ राज्य कांग्रेस के मुख्यालय में बैठकर टिकट के दावेदारों का साक्षात्कार वैसे ही लिया जैसे किसी पब्लिक सर्विस परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों से वन-टू-वन किया जाता है. मिस्त्री के साथ अजय कुमार लल्लू और नेट्टा डिसूजा ने दो दिन तक दावेदारों के साक्षात्कार लिए. चुनाव समिति के सदस्यों और पार्टी के पदाधिकारियों से भी अनौपचारिक चर्चा की. चुनाव समिति के सदस्यों से भी मिस्त्री ने टिकट देने के आधार पर भी चर्चा की. उम्मीदवार कब घोषित किया जाना चाहिए इस पर भी विचार किया गया.

यहां उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ यह पहले ही घोषित कर चुके हैं कि उम्मीदवारों की पहली सूची 15 सितंबर तक जारी कर दी जाएगी. कांंग्रेस पार्टी में ऐसे बहुत से लोग हैं जो कमलनाथ की इस राय का समर्थन भी कर रहे हैं. इनमें प्रचार समिति के प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हैं. चुनाव की तारीखें घोषित होने के पहले उम्मीदवार घोषित करने का जोखिम भी कांग्रेस को दिखाई दे रहा है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भागीरथ प्रसाद भिंड से उम्मीदवार घोषित हो जाने के बाद भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे. ऐसी स्थिति विधानसभा चुनाव में निर्मित ना हो यह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है.

बायोडाटा के अलावा दावेदारों की पूरी कुंडली भी ले रही है समिति

राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं. इन सीटों के लिए प्रदेश कांग्रेस में 2,700 से अधिक आवेदन आए हैं. 100 से ज्यादा लोगों ने स्क्रीनिंग कमेटी के सामने सीधे अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्य के कांग्रेसियों को इस बार जीत की उम्मीद दिखाई दे रही है इस कारण हर सीट पर एक दर्जन से अधिक दावेदार टिकट के लिए सामने आए हैं.

मिस्त्री के नेतृत्व वाली स्क्रीनिंग कमेटी ने दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा में जीत की संभावनाओं को लेकर कई सवाल किए हैं. कांग्रेस पिछले 3 चुनाव क्यों हारी इसका पता लगाने की कोशिश समिति ने दावेदारों से चर्चा में की. दावेदारों से सामान्य जानकारी के अलावा उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी जानकारी ली गई. दावेदार कांग्रेस का प्रतिबद्ध कार्यकर्त्ता है या नहीं, यह पता लगाने के लिए एक सवाल यह भी पूछा कि उसने संगठन चुनाव में कितने सक्रिय सदस्य बनाए थे? दावेदारों को वे पांच कारण भी बताने पड़े जिनके कारण वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस हार गई थी.

करुणा शुक्ल का भाजपा पर राजनैतिक हमला


शुक्ला ने कहा, बीजेपी स्वार्थी पार्टी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका नाम लेकर 2019 चुनावों की तैयारी की जा रही है

करुणा जो 2014 के चुनाव कांग्रेस के निशान पर लड़ कर हार चुकीं हैं, ने छत्तीस गढ़, ओर मध्य प्रदेश की भाजपा पर अटल के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया। पूछे जाने पर की उनका विरोध मात्र इन दो राज्यों के लिए है तो वह ‘जनता सब जानती है’ कह कर सवाल टाल गईं।


पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला ने गुरुवार को बीजेपी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने बीजेपी पर 2019 के आम चुनावों को देखते हुए वाजपेयी का नाम भुनाने का आरोप लगाया.

शुक्ला ने न्यूज18 से कहा, बीजेपी स्वार्थी पार्टी है और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका नाम लेकर 2019 चुनावों की तैयारी की जा रही है. उन्होंने कहा, बीजेपी को वाजपेयी की मृत्यु पर भी राजनीति करने में शर्म नहीं आती. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि पब्लिक सब जानती है और उसे सब पता है.

इससे पहले बुधवार को बीजेपी ने पूरे देश में बिहारी वाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा शुरू की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक रोड स्थित बीजेपी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सभी राज्यों के बीजेपी अध्यक्षों को अस्थि कलश सौंपा.

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, संगठन मंत्री रामलाल समेत कई केंद्रीय मंत्री और पार्टी के नेता मौजूद थे. वाजपेयी की दत्तक बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य और परिवार के अन्य लोग भी मौजूद थे.

सभी बीजेपी अध्यक्ष अपने-अपने राज्यों में वाजपेयी की अस्थियों का कलश लेकर जाएंगे. हर राज्य में अस्थि कलश यात्रा निकाली जाएगी. पूर्व प्रधानमंत्री की इस कलश यात्रा के लिए राजधानियों, जिलों और तालुकों में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है.

राहुल बिना आंकड़ों के 10 जनपथ द्वारा पोषित झूठ फैलते हैं: संबित पात्रा


बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए भारतीय संस्कृति को जिम्मेदार बताकर राहुल ने देश की छवि धूमिल की है।

क्या राहुल गांधी यह बताने का प्रयत्न करेंगे कि उनकी माता श्रीमती सोनिया गांधी 19 साल तक किस राष्ट्र में एक राजनैतिक दल की मुखिया रहीं?


बीजेपी ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि जर्मनी के एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में उन्होंने भारत का कद घटाया, आतंकवाद को सही ठहराया और केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए ‘सफेद झूठ’ कहा.

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणियों के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से सफाई मांगी और दावा किया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिए भारतीय संस्कृति को जिम्मेदार बताकर उन्होंने देश की छवि धूमिल की है.

हैम्बर्ग के बुसेरियस समर स्कूल में बुधवार को लोगों को संबोधित कर रहे राहुल ने आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट का उदाहरण देते हुए कहा था कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखना दुनिया में आतंकवादी समूहों की उपज का कारण बन सकता है.

राहुल ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को विकास प्रक्रिया से दूर रख रही है और यह खतरनाक हो सकता है.

कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए पात्रा ने कहा, ‘राहुल गांधी ने भारत का कद छोटा करने और उसकी छवि धूमिल करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है. हमें आपसे स्पष्टीकरण चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘राहुल ने आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश की और इस्लामिक स्टेट के लिए सफाई दी है. इससे ज्यादा भयभीत करने वाली और चिंताजनक कोई बात नहीं हो सकती.’

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल की यह टिप्पणी समुदाय के लिए अपमानजनक है कि भारत में अल्पसंख्यकों के लिए यदि नौकरियां नहीं हैं तो वे आईएस का रूख कर लेंगे.

पात्रा ने दावा किया कि भारत के संबंध में राहुल के विचार बहुत तुच्छ हैं, वह अब भी चीन का गुणगान कर रहे हैं जबकि मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बन गया है.

पात्रा ने आरोप लगाया, ‘उनका भाषण झूठ और भ्रम से भरा था.’ साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि क्या वह आंकड़ा 10 जनपथ में तैयार किया गया है जिसमें राहुल ने बताया कि भारत में हर घंटे रोजगार के 44 अवसर सृजित होने की तुलना में चीन में हर घंटे रोजगार के 50 अवसर पैदा हो रहे हैं.

10 जनपथ राहुल की मां और संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी का आवास है. पात्रा ने राहुल के बारे में कहा, ‘न तो आपके पास कोई आंकड़े हैं और न ही आप कोई तैयारी करते हैं.’

बीजेपी नेता ने कहा कि सोनिया गांधी 19 साल से ज्यादा वक्त तक कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं और करीब 10 साल तक ‘प्रॉक्सी प्रधानमंत्री’ के रूप में देश पर शासन किया.

भारत में महिलाओं की सुरक्षा पर राहुल की टिप्पणी को लेकर उनसे माफी की मांग कर रहे पात्रा ने पूछा, ‘क्या इस भारतीय संस्कृति ने उन्हें (सोनिया को) शीर्ष पर पहुंचने में मदद नहीं की? राहुल और सोनिया गांधी को सामने आकर सफाई देनी चाहिए कि वह ऐसी महान भारतीय संस्कृति पर ऊंगली कैसे उठा सकते हैं?’

पात्रा ने कहा कि दलितों और आदिवासियों के प्रति अत्याचार से निपटने वाला कानून मोदी सरकार द्वारा रद्द किए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस प्रमुख ने ‘सफेद झूठ’ बोला है. उन्होंने कहा, वास्तव में संसद ने पिछले सत्र में संशोधन पारित कर कानून को और अधिक कठोर बनाया है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग के शासनकाल में खाद्य सुरक्षा कानून केवल 11 राज्यों में लागू था जबकि बीजेपी नीत राजग सरकार ने इसे देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया है.

मोदी विरोध के अपने राजनैतिक कर्तव्य का पालन करते हुए राहुल ने भारत को इराक के बराबर खड़ा किया


इससे पहले भी राहुल गांधी अपने विदेशी दौरे में देश के अंदरूनी हालात और सियासी मुद्दों को उठाकर विवादों को हवा दे चुके हैं

राहुल गांधी राजनीति की उस मानसिकता के द्योतक हैं जहा “इन्दिरा इस इंडिया” कहा जाता था, उसी के चलते वह ‘इंडिया इस मोदी’ मान कर चलते हैं ओर मोदी विरोध में वह कब भारत विरोध कर देते हैं उन्हे पता ही नहीं चलता।


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यूरोप में दो देशों के दौरे पर हैं. विदेशी जमीन पर एक बार फिर उन्होंने देश के अंदरूनी मुद्दों को उठाया. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने बताया कि देश में मॉब लिंचिंग की असली वजह बेरोजगारी है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर दलित और अल्सपसंख्यक जैसे समुदायों की विकास की दौड़ में अनदेखी हुई तो देश में आईएस की तरह विद्रोही और आतंकवादी ग्रुप बन सकते हैं.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आज देश में नोटबंदी और जीएसटी की वजह से  गृहयुद्ध के हालात हैं? आखिर क्यों राहुल को इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन की देश में उभार की आशंका दिखाई दे रही है? लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर राहुल को ये आत्मज्ञान कहां से मिला?

आखिर राहुल कैसे कह सकते हैं कि देश में दलितों की अनदेखी होने पर  आतंकवादी संगठन बन सकते हैं? क्या राहुल को देश के हालात गृहयुद्ध जैसे नजर आते हैं? आखिर राहुल गांधी कैसे नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी के मुद्दे पर देश के हालातों की तुलना इराक की अराजकता से कैसे कर सकते हैं?  क्या पिछले 4 साल में वाकई देश में हालात राहुल के मुताबिक ऐसे हो गए हैं कि यहां अल्पसंख्यक आईएस जैसा आतंकवादी संगठन तैयार कर सकते हैं?

बात सिर्फ अल्पसंख्यक और दलित समुदायों की असुरक्षा या अनदेखी की नहीं रही. राहुल ने इस मौके पर बेरोजगारी को लेकर नया फंडा दे डाला. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने जिस तरह से देश में नोटबंदी और जीएसटी लागू की उससे कई लोगों के उद्योग चौपट हो गए और लाखों लोग बेरोजगार हो गए. राहुल के मुताबिक बेरोजगारी की वजह से पनपा गुस्सा ही मॉब लिंचिंग की शक्ल में सामने आ रहा है. इस तरह, राहुल ने दो अलग अलग समस्याओं को नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी, दलित-पिछड़े-अल्पसंख्यकों की अनदेखी से जोड़कर देश को इराक के बरक्स खड़ा कर दिया.

देश में मॉब लिंचिंग की जितनी भी घटनाएं हुईं उनकी अलग अलग वजहें मानी जाती रहीं हैं. कहीं पर गौ-तस्करी के आरोप में लोग भीड़ के हमले का शिकार हुए तो कहीं बच्चा-चोर जैसी अफवाहों ने भीड़ के उन्माद को हत्यारा बनाने का काम किया. सवाल उठता है कि क्या उन्मादी भीड़ में शामिल लोग वो थे जो नोटबंदी का शिकार हो गए थे? मॉब लिंचिंग में शामिल लोग वो थे जिनका कारोबार जीएसटी की वजह से ठप हो गया था?

राहुल कहते हैं ‘अगर देश के लोगों को विकास से बाहर रखा गया तो देश में आईएस जैसे आतंकी संगठन बन सकते हैं.’ आखिर वो कौन लोग हैं जिनकी देश की विकास यात्रा में अनदेखी की गई या की जा रही है?

जिस देश का राष्ट्रपति दलित समुदाय से हो वहां क्या दलित समुदाय इराक के इस्लामिक स्टेट को अपनी प्रेरणा बना सकता है? इस देश के दलितों की प्रेरणा हमेशा गांधी और आंबेडकर जैसे महापुरूष रहे हैं. लेकिन ये विडंबना ही है कि दलित वर्ग का मसीहा कहलाने वाले राजनीतिक दलों ने हमेशा ही इनका शोषण किया.

आज राहुल विदेशी जमीन पर बैठकर जिन दलित और मुस्लिम समुदाय की बात कर रहे हैं, वो ये भूल रहे हैं कि कभी दलित-मुस्लिम ही कांग्रेस के कोर वोटर हुआ करते थे. उसके बावजूद आज ये वर्ग हाशिए पर क्यों है? खासतौर से तब जबकि देश में पचास साल से ज्यादा कांग्रेस का शासन रहा. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट ने तो कांग्रेस शासन के वक्त ही देश के मुसलमानों की बदहाल तस्वीर को नुमाया किया.

जर्मनी के हैम्बर्ग में छात्रों से बात करते हुए राहुल ने कहा कि साल 2003 में इराक पर अमेरिकी हमले के बाद एक कानून लाया गया जिसने वहां की एक विशेष जनजाति को सरकार और सेना में नौकरी पाने से रोक दिया था. राहुल ने कहा कि इराक सरकार के उस फैसले की वजह से कई लोग विद्रोही हो गए और ये विद्रोही संगठन इराक से लेकर सीरिया तक फैल गया जो बाद में  IS जैसा खतरनाक ग्रुप बन गया.

राहुल की इस्लामिक स्टेट को लेकर सोच पर सवाल उठते हैं. क्या इराक में इस्लामिक स्टेट का उभार बेरोजगारी और समाज में भागेदारी में अनदेखी की वजह से हुआ?

साल 2003 में इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के अपदस्थ होने के बाद हालात गृहयुद्ध की तरफ बढ़ चुके थे. इराक में शिया-सुन्नियों के बीच बम धमाकों के चलते नफरत और अविश्वास की खाई गहराती चली गई थी. ‘बांटो और राज करो’ की नीति के जरिये अमेरिका इराक में सुन्नियों के प्रभुत्व को कम करने में जुटा हुआ था. इस वजह से शिया-सुन्नी के बीच अमेरिका की वजह से नफरत की दीवार बड़ी होती चली गई.

इराक का आम सुन्नी खुद को अपदस्थ राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन से जोड़ कर देखता था. सद्दाम हुसैन में आम इराकी को ही अपना गौरव और शौर्य दिखाई देता था. खुद सद्दाम हुसैन सुन्नी थे लेकिन इसके बावजूद सद्दाम के दौर में इराक में कभी शिया-सुन्नी विवाद नहीं था. शिया बहुल इराक में सुन्नी शासन था. सद्दाम की बाथ पार्टी में शिया और सुन्नी बराबरी से थे और किसी एक समुदाय की अनदेखी नहीं थी.

लेकिन सद्दाम की फांसी ने शिया और सुन्नियों के बीच की नफरत को झुलसा कर रख दिया. इराक की शिया सरकार ने अमेरिका के इशारे पर फांसी की सजा सुनाई थी. उन तेजी से बदलते हालातों में इराकी सरकार के इशारे पर सेना ने सुन्नियों पर जमकर कहर बरपाया. जिससे वहां सुन्नी, कुर्दों और तमाम कबीलों में अमेरिका और इराकी सरकार के खिलाफ नफरत बढ़ती चली गई जिससे हिंसा बढ़ती गई. उस नाजुक मौके का कुख्यात आतंकी संगठन अल कायदा ने भरपूर फायदा उठाया. अमेरिकी सेना के खिलाफ जंग के नाम पर विद्रोही अलकायदा के साथ इकट्ठे होते चले गए.

लेकिन जब इराक में अलकायदा का कमांडर अबू मुसाब अल जरकावी मारा गया तो इराक में अलकायदा कमजोर पड़ने लगा. अलकायदा के कमजोर होने पर इस्लामिक स्टेट का उभार होता चला गया. अबू बक्र अल बगदादी के इस संगठन से तमाम कबीले, लड़ाके, विद्रोही जुड़ते चले गए और देखते ही देखते इस्लामिक स्टेट दुनिया का सबसे दुर्दांत और अमीर आतंकी संगठन बन गया.

सवाल उठता है कि आखिर राहुल इराक की राजनीतिक और समाजिक परिस्थितियों से भारत की तुलना कैसे कर सकते हैं? बल्कि अपनी इस सोच के जरिए राहुल देश के दलितों और अल्पसंख्यकों को लेकर विदेशी जमीन पर कौन सा विज़न रख रहे हैं?

विदेश जमीन पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मोदी सरकार पर बरसने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते. लेकिन इस तरह भारत की छवि पर भी सवाल उठते हैं. राहुल के जवाब से दुनिया में ये संदेश जा सकता है कि आतंकवाद को मिटाने के नाम पर दुनिया के तमाम देशों को एक साथ लाने की मुहिम में जुटे भारत में ही अस्थिरता का आलम ये है कि यहां इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन सिर उठा सकते हैं. कम से कम राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा और अखंडता को लेकर राहुल गांधी को इस तरह के बयानों से बचना चाहिए.

 

इससे पहले सिंगापुर और मलेशिया के दौरे पर राहुल गांधी ने देश के अंदरूनी हालातों पर सवाल उठाया था. सुप्रीम कोर्ट के जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के मामले में राहुल ने सिंगापुर में कहा था कि लोग इंसाफ के लिए न्यायपालिका के पास जाते हैं, लेकिन पहली बार चार जज इंसाफ के लिए लोगों के पास आए.

इससे पहले बहरीन में भी उन्होंने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि देश में विघटन के हालात पैदा हो रहे हैं. राहुल ने कहा था कि मोदी सरकार देश में नौकरियां पैदा नहीं कर पा रही है जिससे लोगों में गुस्सा है.

वहीं सितंबर 2017 में अमेरिका की बर्कले यूनिवर्सिटी में राहुल ने नोटबंदी के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा था कि नोटबंदी की वजह से भारत में नई नौकरियां बिलकुल पैदा नहीं हो रही हैं. आखिर राहुल अपने सियासी फायदे के लिए विदेशी धरती पर देश की कौन सी छवि रखना चाहते हैं? वो अप्रवासी भारतीयों को कौन सा संदेश देना चाहते हैं?

राहुल दरअसल इस तरह से देश की छवि खराब करने का ही काम कर रहे हैं. वो विभिन्न समुदायों, पंथों, धर्मों, जातियों, भाषाओं से बने और समरसता के एक सूत्र में पिरोए हुए भारत को दरअसल बंटा और टूटा हुआ बता रहे हैं. वो ये बताना चाह रहे हैं कि भारत में राष्ट्रीयता के मूल्य इतने कमजोर हैं कि यहां इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन खड़े हो सकते हैं.

राहुल को ये सोचना चाहिए कि भारत वो मुल्क है जो भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से सिर्फ नक्शे में ही बंटा हुआ दिख सकता है. जबकि राहुल अपने सियासी नजरिए से देश को विघटन की कगार पर देख रहे हैं.

2 IAS officers transferred

Chandigarh, 23 August, 2018 :

Punjab government has issued the  postings orders of two IAS officers. As per orders   Raj Kamal Chaudary, IAS is posted  as secretary, Expenditure (Department of Finance) with additional charge of secretary, Removal of Grievances.

Similarly  Ajoy Sharma, IAS as Chief Executive Officer, Punjab State Water Supply and Sewerage Board, with Additional Charge of Joint Managing Director-cum-CEO Punjab Municipal Corporation and Ex-officio Secretary, Local Government and in addition Secretary, Punjab State Governance Reforms Commission .In another order Sub-Divisional Magistrate, Hoshiarpur, by virtue of the post will hold additional charge of Land Acquisition Collector, Dholbaha Dam, Construction Circle, Hoshiarpur.

राम -रहीम की जमानत याचिका खारिज

अजय कुमार
पंचकुला, 23 अगस्त, 2018:
साध्वी यौन शोषण मामले में जेल में बंद गुरमीत राम रहीम सिंह को एक और मामले में बड़ा झटका लगा है, उसके द्वारा 400 से ज्यादा साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में दायर की गई जमानत याचिका को विशेष सीबीआई अदालत ने खारिज कर दिया है। बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने हाल में सीबीआई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी।

गुरुवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने सुनवाई की और जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। हालांकि, इसी मामले में आरोपी डॉ. पंकज गर्ग को जरूर राहत मिल गई है। उन्हें कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति भी मिल गई है।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता हंसराज चौहान की याचिका पर साधुओं को नपुंसक बनाए जाने के मामले में 23 दिसंबर 2014 को सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि डेरा में ईश्वर से मिलाने के नाम पर 400 साधुओं के अंडकोष काटकर उन्हें नपुंसक बनाया गया था।

देशभर की नजरों में आए इस मामले में सीबीआई ने मामले की जांच की थी और कुछ समय पहले कोर्ट में आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए थे।

BJP – Congress joined hands to pay tribute to Vajpayee

Photo: Rakesh Shah

Chandigarh 23 August:
The Asthi Kalash of Atal Bihari Vajpayee was taken to Sri kesh garh sahib from BJP office Kamalam, where hundreds of party workers and local people geatherd to pay the tribute to their Leader. Sitting Member Parliament Kiron Kher, former MP Satya Pal Jain, BJP President Sanjay Tondon were also present.

Photo: Rakesh Shah

Former Railway Minister and Congress Member of Parliament , senior Congress Leaders Subhash Chawla, Pardeep Chhabra and other party leaders and workers also paid Tribute to the former Prime Minister and most respected leader of masses Sh Atal Bihari Vajpayee.